मातृभूमि बीरो से क्या अपेक्षा रखती है? - maatrbhoomi beero se kya apeksha rakhatee hai?

मातृभूमि की महत्ता को अपनेशब्दों मेंव्यक्त कीजिए।

मातृभूमि अर्थात वह स्थान, जहाँ हमारा जन्म होता है। जिसके अन्न-जल को ग्रहण कर हमारा शरीर पुष्ट होता है, जिसकी गोदी में, पवित्र वायु में साँस लेकर हम जीते हैं। वह हमारी माता के समान होती है। मनुष्य के जीवन में मातृभूमि का बड़ा महत्त्व है। हमारी मातृभूमि हमारे हृदय में स्वाभिमान का भाव जगाती है। दूसरे देशों में हमें कितनी भी सुख-सुविधाएँ क्यों न मिल जाएँ, वे हमारी मातृभूमि कभी नहीं बन सकते। विदेशों में जब हम अपने राष्ट्रध्वज को देखते हैं या राष्ट्रगान सुनते हैं तो एक अलग ही प्रकार की अनुभूति होती है। अपने देश के प्रति जुड़ाव की भावना मन में आ जाती है। अपनी प्यारी मातृभूमि पर हमें सदा सर्वस्व न्योछावर कर देने के लिए तैयार रहना चाहिए। जिस प्रकार मनुष्य प्रेम और त्याग के साथ अपने परिवार का पोषण करता है, उसी प्रकार प्रेम और त्याग के साथ उसे अपने देश की रक्षा करनी चाहिए।

विषयसूची

  • 1 मातृभूमि वीरों से क्या अपेक्षा रखती है उत्तर?
  • 2 मातृभूमि से क्या समझते हैं?
  • 3 मातृभूमि से आप क्या समझते हैं class 8?
  • 4 मातृभूमि निबंध का उद्देश्य क्या है?
  • 5 मातृभूमि की विशेषताएं क्या है?
  • 6 मातृभूमि का विशेष कौन करता है?
  • 7 मेरी मातृभूमि है भारत में भारत के योग्य बनो इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं?
  • 8 मातृभूमि निबंध के लेखक कौन है?

मातृभूमि वीरों से क्या अपेक्षा रखती है उत्तर?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर – मातृभूमि वीरों से अपेक्षा करती है कि वे उसकी रक्षा करें। प्रश्न-3 ‘शीश’ शब्द का अर्थ लिखिए। उत्तर – शीश’ शब्द का अर्थ ‘सिर’ है।

मातृभूमि से क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंभारत और नेपाल में भूमि को माता के रूप में माना जाता है, जिस जमीन अथवा भूमि का अन्नादि खाते है उसे भी मातृभूमि कहते हैं।

मातृभूमि की रक्षा कौन करता है?

इसे सुनेंरोकेंहमारी मातृभूमि की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। उक्त आशय की बात कौलकुलाचार्य डॉ. बिंदू महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज सबसे खराब स्थिति हमारी गोमाता की है।

मातृभूमि से आप क्या समझते हैं class 8?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि बोला जाता है। जन्म भूमि को भी मातृ भूमि कहते हैं।

मातृभूमि निबंध का उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमातृभूमि वह भूमि है जहाँ मनुष्य जन्म लेता है। उसकी मिटटी में खेलकर बड़ा होता है। उस मिट्टी से अपनी जान से भी ज़्यादा प्रेम करता है और उसे माँ का दर्ज़ा देता है। कहते है की ‘जननी जन्मभूमिश्चा स्वर्गादपि गरीयसी ‘ | इसका तात्पर्य है माँ और जन्मभूमि स्वर्ग से कई ज़्यादा माईने रखती है।

कवि अपनी मातृभूमि को अपना सब कुछ समर्पित क्यों करना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Explanation: उत्तर कविता में कवि अपनी मातृभूमि पर अपना तन – मन और जीवन न्योछावर करना चाहता है क्योंकि इस मातृभूमि का कवि पर बहुत कर्ज है वह इस कर्ज को उतारने के लिए मन, प्राण, रक्त की एक – एक बूंद समर्पित करना चाहता है ।

मातृभूमि की विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमातृभूमि किसी भी व्यक्ति के देश के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है,जैसे कि किसी व्यक्ति का जन्म-स्थान ,उसके पूर्वजों का स्थान अर्थात् जिस स्थान पर उसकी कई पीढ़ियाँ रहती आ रही हों वो मातृभूमि कहलाती है।

मातृभूमि का विशेष कौन करता है?

इसे सुनेंरोकेंबिजनौर : हमारी मातृभूमि हमारे देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि मन, कर्म एवं वचन से राष्ट्रहित के कार्य करें। आधुनिकता की दौड़ में हम सब अपने दायित्वों का पालन सही तरीके से करने से भूल जाते हैं। राष्ट्र के जो भी संसाधन हैं, चाहे प्रकृतिक हो अथवा कृत्रिम सभी का उचित ध्यान रखें।

मातृभूमि कविता से आपको क्या शिक्षा मिलती है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: अपने देश के लिये अपना सब कूछ नीर्छावर करना । अपने देश के लिये अपनी जन तक दे देना ।

मेरी मातृभूमि है भारत में भारत के योग्य बनो इस पंक्ति से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंवह उस भूमि की गोद में ही बढ़ा होता है और वह उसकी माँ के समान होती है और उसे उसकी मातृभूमि कहा जाता हैं। मेरी मातृभूमि भारत है और मुझे इससे बहुत ही ज्यादा प्यार है। यह कला संस्कृति और साहित्य से भरपूर है। इसे रिशि मुनियों की भूमि भी कहा जाता है और यहाँ पर बहुत से महापुरूषों का भी जन्म हुआ है।

मातृभूमि निबंध के लेखक कौन है?

मातृभूमि वह भूमि है जहाँ मनुष्य जन्म लेता है। उसकी मिटटी में खेलकर बड़ा होता है। उस मिट्टी से अपनी जान से भी ज़्यादा प्रेम करता है और उसे माँ का दर्ज़ा देता है।…Leave a Comment.

भारतीय त्यौहारों पर निबंधमहान व्यक्तियों पर निबंध
स्वास्थ्य पर निबंध पर्यावरण पर निबंध
प्राकृतिक आपदाओं पर निबंध निबंध-संग्रह

विषयसूची

  • 1 मातृभूमि वीरो से क्या अपेक्षा रखती है?
  • 2 कवि अपनी मातृभूमि को अपना सब कुछ समर्पित क्यों करना चाहता है?
  • 3 अपने देश या मातृभूमि के लिए हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए?
  • 4 1 कवि देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर क्यों करना चाहते हैं?
  • 5 आप अपनी मातृभूमि के लिए क्या कर सकते हैं?
  • 6 मातृभूमि के चरण धोने वाला कौन है?

मातृभूमि वीरो से क्या अपेक्षा रखती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रश्न-2 मातृभूमि वीरों से क्या अपेक्षा रखती है? उत्तर – मातृभूमि वीरों से अपेक्षा करती है कि वे उसकी रक्षा करें। प्रश्न-3 ‘शीश’ शब्द का अर्थ लिखिए। उत्तर – शीश’ शब्द का अर्थ ‘सिर’ है।

आप मातृभूमि की सेवा के लिए क्या क्या कार्य करेंगे?

इसे सुनेंरोकेंहमने नौकरी, व्यवसाय आदि के माध्यम से जो धन अर्जित किया है, उसमें कुछ अंश गरीब, जरूरतमंदों व देशहित में खर्च करना चाहिए। इससे मन को शांति मिलती है। हमें आगे आकर भूगर्भ जलस्तर बचाने और समाज के इसके प्रति जागृति फैलाने का काम भी बढ़-चढ़कर करना चाहिए। यहीं सच्चा राष्ट्र के प्रति उत्तरदायित्व का निर्वहन है।

मातृभूमि की रक्षा कौन करता है?

इसे सुनेंरोकेंहमारी मातृभूमि की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। उक्त आशय की बात कौलकुलाचार्य डॉ. बिंदू महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज सबसे खराब स्थिति हमारी गोमाता की है।

कवि अपनी मातृभूमि को अपना सब कुछ समर्पित क्यों करना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. Explanation: उत्तर कविता में कवि अपनी मातृभूमि पर अपना तन – मन और जीवन न्योछावर करना चाहता है क्योंकि इस मातृभूमि का कवि पर बहुत कर्ज है वह इस कर्ज को उतारने के लिए मन, प्राण, रक्त की एक – एक बूंद समर्पित करना चाहता है ।

3 मातृभूमि की रक्षा के लिए आप क्या क्या करना चाहेंगे?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: हमारी मातृभूमि हमारे देश के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि मन, कर्म एवं वचन से राष्ट्रहित के कार्य करें। आधुनिकता की दौड़ में हम सब अपने दायित्वों का पालन सही तरीके से करने से भूल जाते हैं। राष्ट्र के जो भी संसाधन हैं, चाहे प्रकृतिक हो अथवा कृत्रिम सभी का उचित ध्यान रखें।

हम भारतीय ने स्वयं को मातृभूमि का कौन सा घातक माना है?

इसे सुनेंरोकेंगंगा, यमुना भूमि को उपजाऊ बनाये हुए हैं। भारतीय संस्कृति समाज में नवागत संस्कृतियों की अच्छाइयों को स्वीकार करने में भी संकोच नहीं करती, किन्तु अपनी मूलभूत विशेषताओं को अक्षुण्ण रखते हुए। हम भारतीयों के लिए हमारी मातृभूमि मात्र भू-खण्ड नहीं है। हमने इसे मातृभूमि कहा और स्वयं को इसका अंगभूत घटक माना है।

अपने देश या मातृभूमि के लिए हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए?

इसे सुनेंरोकेंव्यक्ति में देश-प्रेम, देशभक्ति की उत्कट भावना होनी चाहिए और मातृभूमि पर आँख उठाने वालों को मुँह तोड़ जवाब देना । चाहिए तथा आवश्यकता पड़ने पर अपना सर्वस्व अर्पित कर देना चाहिए। किसी देश के प्रति वहाँ के नागरिकों को कर्तव्य बनता है कि वे उसकी प्रगति में भरपूर योगदान दें। राष्ट्र को स्वावलंबी बनाने में मदद करें।

अपने देश या मातृभूमि के लिए हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए अपना विचार प्रकट करो?

इसे सुनेंरोकेंसभी को देश और संगी नागरिकों के प्रति ईमानदार और वफादार होना चाहिये। उन्हें एक-दूसरे के लिये सम्मान की भावना रखनी चाहिये और देश के कल्याण के लिये बनायी गयी सामाजिक व आर्थिक नीतियों का भी सम्मान करना चाहिये। लोगों को अपने बच्चों को शिक्षा में शामिल करना चाहिये और उनके स्वास्थ्य और बचपन की देखभाल करनी चाहिये।

मातृभूमि का ऋण कैसे चुकाया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंइंसान के ऊपर बहुत सारे ऐसे ऋण होते हैं, जिन्हें चुकाना अनिवार्य होता है. जो हमारा धर्म भी है, और ज़िम्मेदारी भी, हालांकि ये ऐसे ऋण हैं जिन्हें चुकाया नहीं जा सकता, लेकिन बहुत हद तक हम अपना दायित्व निभाकर उस ऋण को चुकाने के एवज में परोपकार कर सकते हैं. मातृऋण, पितृऋण, गुरु का ऋण, सृष्टि का ऋण और मातृभूमि का ऋण.

1 कवि देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर क्यों करना चाहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंकवि अपनी मातृभूमि की सेवा में सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहता है। वह फिर भी सन्तुष्ट नहीं दिखता है। इसका कारण यह है कि वह इस सबके अतिरिक्त भी जो कुछ उसके पास है, उसे भी अर्पित कर देने की कामना करता है। कामनाएँ कभी भी शान्त नहीं हुआ करती।

1 कवि देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर क्यों करना चाहते हैं?`?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: कवि स्वयं को भारत माता के ऋण से दबा हुआमानता है। वह गरीब होने से माँ का ऋण नहीं चुका सकता है। इसलिए वह अपना मस्तक थाल में सजाकर देना चाहता है, अर्थात् माँ के ऋण को अपना मस्तक समर्पित कर उतारना चाहता है, अपने जीवन को सहर्ष भेंट करना चाहता है।

हम अपनी मातृभूमि को खुशहाल कैसे रख सकते है?

इसे सुनेंरोकेंविश्व के किसी भी देश के नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए। जो नागरिक शब्द की सार्थकता को प्रमाणित करता है। प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होता है कि वह देश की एकता एवं अखंडता के लिए हर संभव प्रयास करे और लगातार ईमानदारी एवच् सच्चाई पूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करे।

आप अपनी मातृभूमि के लिए क्या कर सकते हैं?

इसे सुनेंरोकें-हमें अपने निजी व पारिवारिक दायित्व के साथ-साथ अपने देशहित में काम करना चाहिए। चाहे हम समाज के किसी वर्ग, किसी क्षेत्र में कार्य करते हों। हमें कर्तव्य पालन के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति अपने सर्वोत्तम कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक होना चाहिए और अन्य साथियों को भी जागरूक करना चाहिए।

मातृभूमि के रचनाकार कौन है?

इसे सुनेंरोकें’मातृभूमि’ कविता के कवि का नाम ‘मैथिलीशरण गुप्त’ है।

मातृभूमि कविता का मूल भाव क्या है?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: मातृभूमि कविता में कवि अपनी जन्मभूमि को मातृभूमि कहते हैं। इस कविता में कवि अपनी मातृभूमि से विनती करते हैं कि वह उन्हें ऐसा वरदान दे जिसके जरिए वे कभी झूठ ना बोले ना कभी किसी का दिल दुखाए और पढ़ लिखकर अच्छी चीजें सीखते जाए।

मातृभूमि के चरण धोने वाला कौन है?

इसे सुनेंरोकेंअर्थ: कवि कहता है कि हे माँ! समुद्र जिसके पैरों की धूल को अपने जल से लगातार धोकर प्रणाम करता है, मैं भी उन्हीं चरणों को दबाना चाहता हूँ अर्थात कवि मातृभूमि की सेवा करना चाहता है।

मातृभूमि कविता का भावार्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंकविता का आशय : मातृभूमि की वंदना करते हुए कवि ने भारतवर्ष की वन-संपदा, खनिज-संपत्ति तथा भारत की महान विभूतियों का वर्णन किया है।

मातृभूमि के लिए कवि क्या कहना चाहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंExplanation: कवि मातृभूमि के लिए तन-मन-प्राण सब कुछ समर्पित करना चाहता है। वह अपने मस्तक, गीत तथा रक्त का एक-एक कण भी अपने देश की धरती के लिए अर्पित कर देना चाहता है। कवि अपने गाँव, द्वार-घर-आँगन आदि सभी के प्रति अपने लगाव को छोड़कर मातृभूमि के लिए सर्वस्व प्रदान करना चाहता है।

मातृभूमि वीरों से क्या अपेक्षा रखती हैं?

उत्तर - मातृभूमि वीरों से अपेक्षा करती है कि वे उसकी रक्षा करें। प्रश्न-3 'शीश' शब्द का अर्थ लिखिए। उत्तर - शीश' शब्द का अर्थ 'सिर' है।

मातृभूमि का क्या महत्व है?

मातृभूमि अर्थात वह स्थान, जहाँ हमारा जन्म होता है। जिसके अन्न-जल को ग्रहण कर हमारा शरीर पुष्ट होता है, जिसकी गोदी में, पवित्र वायु में साँस लेकर हम जीते हैं। वह हमारी माता के समान होती है। मनुष्य के जीवन में मातृभूमि का बड़ा महत्त्व है।

मातृभूमि का क्या अर्थ होता है?

जन्म स्थान या अपने देश को मातृभूमि बोला जाता है। भारत और नेपाल में भूमि को माता के रूप में माना जाता है, जिस जमीन अथवा भूमि का अन्नादि खाते है उसे भी मातृभूमि कहते हैं।

मातृभूमि की विशेषताएं क्या है?

मातृभूमि किसी भी व्यक्ति के देश के लिए प्रयुक्त होने वाला शब्द है,जैसे कि किसी व्यक्ति का जन्म-स्थान ,उसके पूर्वजों का स्थान अर्थात् जिस स्थान पर उसकी कई पीढ़ियाँ रहती आ रही हों वो मातृभूमि कहलाती है।

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