मिश्र वाक्य और संयुक्त वाक्य में क्या अंतर? - mishr vaaky aur sanyukt vaaky mein kya antar?

  • Mishr Vakya
  • मिश्र वाक्य की परिभाषा (Mishr Vakya Ki Paribhasha)
  • मिश्र वाक्य के उदाहरण (Mishr Vakya Ke Udaharan)
  • मिश्र वाक्य को साधारण वाक्य में बदलना
  • FAQs
    • मिश्र वाक्य संयुक्त वाक्य में क्या अंतर है?
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प्रयोग और संरचना के आधार पर वाक्य के तीन प्रकार होते हैं, जिनमें से एक मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) होता है. इस लेख में हम मिश्र वाक्य के बारे में विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे। अतः मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) को परीक्षा के दृष्टिकोण से समझने के लिए सम्पूर्ण लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें।

Mishr Vakya

मिश्र वाक्य की परिभाषा (Mishr Vakya Ki Paribhasha)

जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) कहते हैं। यदि मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होंगे।

सभी मुहावरे एवं लोकोक्तियां मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) होती हैं। मिश्रित वाक्य में जब-तब, जैसा-वैसा, कि, जितना-उतना, जिसकी-उसकी, यदि-तो, यद्यपि-तथापि, जो-सो / वह आदि योजक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 

मिश्र वाक्य के उदाहरण (Mishr Vakya Ke Udaharan)

  • गांधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो, हिंसा मत करो।
  • रवि ने कहा कि वह मुंबई जा रहा है।
  • जिसकी लाठी उसकी भैंस।
  • यदि तुम भी मेहनत करोगे तो निश्चित ही सफल हो जाओगे।
  • जो विद्यार्थी मेहनत करता है, वह सफल होता है।
  • महेंद्र ने कहा कि वह उदयपुर जा रहा है।
  • जैसी करनी वैसी भरनी।
  • नौकर ने कहा कि जिस दुकान में गया था, उसमें सामान नहीं मिला।
  • मैं चाहता हूँ कि वह निरोग रहे और विद्वान रहे।

उपरोक्त मिश्र वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य है और दो आश्रित उपवाक्य हैं। इस वाक्य में ‘मैं चाहता हूँ’ प्रधान उपवाक्य है और ‘वह निरोग रहे’ और ‘विद्वान रहे’ आश्रित उपवाक्य हैं।

अतः मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) में दो या दो से अधिक आश्रित उपवाक्य भी हो सकते हैं।

  • रवि ने कहा कि वह मुंबई जा रहा है।

उपरोक्त वाक्य में ‘रवि ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है और ‘वह मुंबई जा रहा है’ आश्रित उपवाक्य है। अतः उपरोक्त वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक आश्रित उपवाक्य है। इसलिए यह वाक्य मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) का उदाहरण होगा।

  • गाँधीजी ने कहा कि सदा सत्य बोलो, हिंसा मत करो।

उपरोक्त वाक्य में ‘गाँधीजी ने कहा’ प्रधान उपवाक्य है, जो कि एक साधारण वाक्य भी है। क्योंकि इसमें एक उद्देश्य (गाँधीजी) और एक ही विधेय (कहा) है।

इस वाक्य में ‘सदा सत्य बोलो’ और ‘हिंसा मत करो’ दो आश्रित उपवाक्य हैं। मिश्र वाक्य की परिभाषा से हम जानते हैं कि जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्रित वाक्य कहते हैं।

अतः उपरोक्त वाक्य मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) का उदाहरण होगा।

  • जिसकी लाठी उसकी भैंस।

उपरोक्त वाक्य में जिसकी लाठी आश्रित उपवाक्य और उसकी भैंस प्रधान उपवाक्य है हिंदी के सभी मुहावरे एवं लोकोक्तियां मिश्र वाक्य होते हैं क्योंकि मुहावरे एवं लोकोक्तियां में कर्ता और क्रिया नहीं होते जिससे वे साधारण और संयुक्त वाक्य नहीं हो सकते अतः सभी मुहावरे एवं लोकोक्तियां मिश्र वाक्य होते हैं।

  • यदि मैं जयपुर जाऊँगा तो हवामहल देखूँगा।

उपरोक्त वाक्य में ‘ताजमहल देखूँगा’ प्रधान उपवाक्य और ‘यदि मैं जयपुर जाऊँगा’ आश्रित उपवाक्य (क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य) है। वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक आश्रित उपवाक्य है।

मिश्र वाक्य की परिभाषा से हम यह जानते हैं कि जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं। अतः उपरोक्त वाक्य मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) का उदाहरण है।

मिश्र वाक्य को साधारण वाक्य में बदलना

मिश्र वाक्य के आश्रित उपवाक्य के स्थान पर उसकी जाति के अनुसार, उसी अर्थ की संज्ञा विशेषण या क्रिया विशेषण रख देने से मिश्र वाक्य साधारण वाक्य में बदल जाता है।

साधारण वाक्य की संज्ञा विशेषण या क्रिया विशेषण के स्थान पर इनकी जाति के अनुसार उसी अर्थ का संज्ञा उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य अथवा क्रिया विशेषण उपवाक्य रख देने पर साधारण वाक्य मिश्र वाक्य में बदल जाता है।

जैसे:-

साधारण वाक्य:- शिक्षक ने कल छुट्टी होने के बारे में बताया।
मिश्र वाक्य:- शिक्षक ने कहा कि कल छुट्टी रहेगी।

साधारण वाक्य:- उसके पास एक पुरानी साईकिल है।
मिश्र वाक्य:- उसके पास एक साईकिल है जो बहुत पुरानी है।

साधारण वाक्य:- चाय वाले आदमी को आवाज़ दो।
मिश्र वाक्य:- उस आदमी को आवाज़ दो जिसके पास चाय है।

साधारण वाक्य:- वह सब्ज़ी खरीदने बाज़ार गया।
मिश्र वाक्य:- उसे सब्ज़ी खरीदनी थी इसलिए बाज़ार गया।

साधारण वाक्य:- श्याम ने स्वयं को बेकसूर बताया।
मिश्र वाक्य:- श्याम ने कहा कि वह बेकसूर है।

साधारण वाक्य:- वान्या ने नई पुस्तक खरीदी।
मिश्र वाक्य:- वान्या ने जो पुस्तक खरीदी वह नई है।

FAQs

मिश्र वाक्य संयुक्त वाक्य में क्या अंतर है?

मिश्र वाक्य में साधारण स्वतंत्र वाक्य नहीं होते हैं, जबकि संयुक्त वाक्य में स्वतंत्र साधारण वाक्य होते हैं.

मिश्र वाक्य में सम्पूर्ण वाक्य के किसी एक हिस्से को हटा देने से सम्पूर्ण वाक्य के अर्थ पर प्रभाव पड़ता है, जबकि संयुक्त वाक्य में किसी उपवाक्य को हटा देने से सम्पूर्ण वाक्य के अर्थ पर प्रभाव नहीं पड़ता।

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संयुक्त और मिश्र वाक्य में क्या अंतर होता है?

मिश्र वाक्य की परिभाषा (Mishr Vakya Ki Paribhasha) जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) कहते हैं। यदि मिश्र वाक्य (Mishr Vakya) के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होंगे।

संयुक्त वाक्य को कैसे पहचाने?

जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र साधारण वाक्य या प्रधान उपवाक्य उपस्थित हों तो उस वाक्य को संयुक्त वाक्य (Sanyukt Vakya) कहते हैं। संयुक्त वाक्य में प्रयुक्त सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं, अर्थात किसी भी उपवाक्य को हटा देने से शेष वाक्यों के अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

मिश्रित वाक्य को कैसे पहचाने?

जिन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान वाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हो उन्हें मिश्रित वाक्य कहते है। जिस वाक्य में एक से अधिक उपवाक्य हूं जो किसी व्यधिकरण योजक द्वारा जुड़े हो तथा इन वाक्यों में एक प्रधान उपवाक्य हो और अन्य उपवाक्य गौण हो अर्थात प्रधान उपवाक्य पर निर्भर हो, उसे मिश्र वाक्य कहते है।

सरल वाक्य और मिश्र वाक्य में क्या अंतर है?

सरल वाक्य- ऐसे वाक्य जिसमें एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उसे सरल वाक्य गति कहते हैं। जैसे - विद्यार्थी लिख रहे हैं। मिश्र वाक्य इनमें दो उपवाक्य होते हैं और एक उपवाक्य दूसरे पर आश्रित होता है। जैसे- यह वही घर है जहां मेरा बचपन बीता था।

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