मानव विकास के तीन मूलभूत क्षेत्र कौन-कौन से हैं?
- दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन,
- शिक्षा,
- संसाधनों तक पहुँच ।
मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए ।
मानव विकास के चार प्रमुख घटक अथवा स्तंभ निम्नलिखित हैं-
- समता,
- सतत् पोषणीयता,
- उत्पादकता,
- सशक्तीकरण ।
मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है?
प्रो० अमर्त्य सेन
डॉ० महबूब-उल-हक
एलन सी० सेंपल
रेटज़ेल
निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है?
आकार में वृद्धि
गुण में धनात्मक परिवर्तन
आकार में स्थिरता
गुण में साधारण परिवर्तन
B.
गुण में धनात्मक परिवर्तन
निम्नलिखित में कौन-सा देश उच्च मानव विकास वाला नहीं है?
नार्वे
अर्जेंटाइना
जापान
मिस्र
मानव विकास के चार प्रमुख घटकों के नाम लिखिए ।
मानव विकास के चार प्रमुख घटक अथवा स्तंभ निम्नलिखित हैं-
- समता,
- सतत् पोषणीयता,
- उत्पादकता,
- सशक्तीकरण ।
निम्नलिखित में कौन-सा देश उच्च मानव विकास वाला नहीं है?
नार्वे
अर्जेंटाइना
जापान
मिस्र
मानव विकास की अवधारणा निम्नलिखित में से किस विद्वान की देन है?
प्रो० अमर्त्य सेन
डॉ० महबूब-उल-हक
एलन सी० सेंपल
रेटज़ेल
निम्नलिखित में से कौन-सा विकास का सर्वोत्तम वर्णन करता है?
आकार में वृद्धि
गुण में धनात्मक परिवर्तन
आकार में स्थिरता
गुण में साधारण परिवर्तन
B.
गुण में धनात्मक परिवर्तन
मानव विकास शब्द से आपका क्या अभिप्राय है?
मानव विकास - मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ० महबूब-उल-हक ने किया था । उन्होंने मानव विकास की कल्पना एक ऐसे विकास के रूप में की जिसका संबंध लोगों के विकल्पों में बढ़ोतरी से है, ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जी सकें। सन् 1990 की मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास को इस प्रकार से परिभाषित किया गया है, ''मानव विकास
मनुष्य की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवनयापन की सुविधाओं के स्तर को विकसित करने की प्रक्रिया है।''
मानव विकास के उद्देश्य - मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी परिस्थितियों को उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकें। मानव विकास के तीन महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं:- (1) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन, (2) शिक्षा का प्रसार, (3) संसाधनों तक पहुँच ।
उपरोक्त तीनों पक्ष मानव विकास के केंद्र बिंदु हैं। इन पक्षों में से प्रत्येक के मापन के लिए
उपयुक्त सूचकों का विकास किया गया है।
मानव विकास के लिए क्षमताओं का निर्माण - जब तक लोगों की क्षमताओं का निर्माण नहीं किया जाता, तब तक उनके विकल्पों को बढ़ाया नहीं जा सकता । विकल्पों को बढ़ाए बिना स्वास्थ्य, शिक्षा व संसाधनों तक लोगों की पहुँच संभव नहीं है। उदाहरणतया एक अशिक्षित बच्चा इंजीनियर अथवा डॉक्टर बनने का विकल्प नहीं चुन सकता, क्योंकि उसका विकल्प शिक्षा के अभाव में सीमित हो जाता है।
मानव विकास के चार स्तंभ - मानव विकास के चार स्तंभ निम्नलिखित हैं-
- समता,
- सतत् पोषणीयता,
- उत्पादकता,
- सशक्तीकरण ।
मानव विकास के उपागम - मानव विकास की समस्या को देखने के अनेक उपागम हैं जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं :-
- आय उपागम,
- आधारभूत आवश्यकता उपागम,
- क्षमता उपागम,
- कल्याण उपागम ।
मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत समता और सतत् पोषणीयता से आप क्या समझते हैं?
समता :- प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध संसाधनों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना समता कहलाता है। लोगों को उपलब्ध अवसर धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान तथा आय के भेदभाव के विचार के बिना समान होने चाहिएँ। भारतीय संविधान में भी समानता का अधिकार प्रदान किया गया है।
सतत् पोषणीयता :- सतत् पोषणीयता से अभिप्राय है कि लोगों को विकास करने के अवसर लगातार मिलते रहें। सतत् पोषणीयता मानव विकास तभी होगा जब प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर मिलें। अत: यह जरूरी है कि हम पर्यावरणीय, वित्तीय और मानव संसाधनों का उपयोग इस प्रकार करें कि वे भावी पीढ़ी को भी पर्याप्त मात्रा में मिल सकें।
Manav Vikash Suchkank Ke Pramukh Ghatak Kaun Kaun Se Hain
GkExams on 12-11-2018
नव विकास सूचकांक (HDI) एक सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को "मानव विकास" के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं। एचडीआई का विकास पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा किया गया था। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित किया जाता हैं।
एचडीआई की के अंश संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मानव विकास रिपोर्ट कार्यालय द्वारा उत्पादित वार्षिक मानव विकास रिपोर्ट में सम्मलित हैं। जिसे 1990 में पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब उल हक द्वारा तैयार किए गया और सम्मलित किया गया था। उनका उद्देश्य "विकास अर्थशास्त्र का केंद्र-बिंदु, राष्ट्रीय आय लेखा से मानव-केन्द्रित नीतियों पर स्थानांतरित करना था। मानव विकास रिपोर्ट तैयार करने के लिए, महबूब उल हक ने पॉल स्ट्रीटन, फ्रैन्सस स्टीवर्ट, गुस्ताव रानीस, कीथ ग्रिफिन, सुधीर आनंद और मेघनाद देसाई सहित विकास अर्थशास्त्रियों के एक समूह का गठन किया। नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मानव क्षमताओं पर अपने काम में हक के काम का इस्तेमाल किया। हक का मानना था कि सार्वजनिक विकास को, शिक्षाविदों और राजनेताओं को समझाने के लिए मानव विकास के लिए एक सरल समग्र उपाय की आवश्यकता थी, जिसे न केवल आर्थिक विकास बल्कि उसके साथ-साथ मानव कल्याण में भी सुधार के विकास का मूल्यांकन करना चाहिए।
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Nisha on 29-09-2021
Kon sa manav vikas suchkank ka ghatek nhi h
Nisha on 29-09-2021
निम्नलिखित में से कौन सा मानव विकास सूचकांक का घटक नहीं है
प्रति व्यक्ति आय
जीवन प्रत्याशा
निर्धनता दर
साक्षरता दर
Deepak Gupta on 15-06-2021
मानव विकास सूचकांक के घटक कौन-कौन से हैं
Md istekhar on 01-10-2020
Ismein se kaun sa Manav Vikas Sun chuka Ka Ghatak Nahin Hai