मेडिकल में क्या क्या चेक करते हैं? - medikal mein kya kya chek karate hain?

आपकी सेहत संबंधी समस्या को देखते हुए डॉक्टर आपको फ्लुइड टेस्टिंग, जेनेटिक टेस्टिंग या इमेजिंग टेस्टिंग में से किसी भी प्रकार के मेडिकल टेस्ट की सलाह दे सकता है. लेकिन वो टेस्ट करवाने से पहले डॉक्टर से ये सवाल जरूर पूछें.

डॉक्टर. (सांकेतिक तस्वीर)

जब भी हम डॉक्‍टर के पास सेहत संबंधी किसी समस्‍या को लेकर जाते हैं तो डॉक्‍टर इलाज करने पहले यह पता लगान की कोशिश करते हैं कि बीमारी क्‍या है. यह बीमारी हर बार सिर्फ मरीज को बाहर से देखकर नहीं समझी जा सकती. इसके लिए कुछ मेडिकल टेस्‍ट करवाने होते हैं.

डॉक्‍टर हमारे शरीर की तीन तरीकों से जांच करवाकर यह पता लगाते हैं कि समस्‍या की जड़ कहां हैं.

1. बॉडी फ्लुइड एनालिसिस

पहले प्रकार का टेस्‍ट होता है बॉडी फ्लुइड एनालिसिस, जिसमें रक्‍त, यूरिन, पस, मवाद आदि की जांच करके ये जानने की कोशिश की जाती है कि रोग का कारण क्‍या है. इसमें सबसे प्रमुख तो ब्‍लड और यूरिन टेस्‍ट ही है, लेकिन कुछ बीमारियों जैसे ग्‍लैंड्युलर ट्यूबरकुलोसिस आदि में गांठ में भर गए पस ही जांच करने के बाद ही पता चलता है कि कहीं वो मेलिगनेंट तो नहीं हैं.

2. जेनेटिक टेस्टिंग

दूसरे प्रकार की टेस्टिंग होती है जेनेटिक टेस्टिंग. इस टेस्‍ट में डीएनए, क्रोमोजोम्‍स या बॉडी और ब्‍लड के प्रोटीन्‍स की जांच की जाती है. यदि शरीर में कोई असामान्‍यता विकसित हो रही है या जेनेटिक कारणों से उसके विकसित होने की संभावना है तो जेनेटिक टेस्टिंग के द्वारा उसका पता लगाया जा सकता है.

3. इमेजिंग टेस्‍ट

तीसरे प्रकार का टेस्‍ट होता है इमेजिंग टेस्टिंग. इसमें शरीर से खून या कोई फ्लुइड नहीं लेते, न ही शरीर में कोई सिरिंज, सूई या कोई भी औजार का इस्‍तेमाल किया जाता है. यह सिर्फ स्‍क्रीनिंग की प्रक्रिया है, जिसमें कैमरे के जरिए यह देखने की कोशिश की जाती है कि शरीर के अंदर सभी अंग सही ढंग से काम कर रहे हैं या नहीं. अल्‍ट्रासाउंड, एक्‍सरे, एमआरआई, सीटी स्‍कैन, पीटीआई स्‍कैन वगैरह इमेजिंग टेस्टिंग का ही हिस्‍सा हैं.

आपकी बीमारी को देखते हुए डॉक्‍टर आपको इन तीनों में से किसी भी प्रकार के टेस्‍ट की सलाह दे सकता है. ज्‍यादातर मामलों में फ्लुइड टेस्टिंग और इमेजिंग टेस्टिंग की ही मदद ली जाती है.

लेकिन अगर आपका डॉक्‍टर आपको इनमें से कोई भी टेस्‍ट करवाने को कहता है, तो आपको डॉक्‍टर से निम्‍नलिखित सवाल पूूछने चाहिए –

1. इस मेडिकल जांच को करवाने का मकसद क्‍या है और इस जांच के जरिए डॉक्‍टर क्‍या पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं.

2. क्‍या इस टेस्‍ट के कुछ साइड इफेक्‍ट भी हो सकते हैं.

3. क्‍या इस टेस्‍ट को करवाने से आगे कोई और कॉम्‍प्‍लीकेशन या जटिलताएं आ सकती हैं.

4. क्‍या टेस्‍ट से पहले मुझे खास प्रकार की सावधानी रखने की जरूरत है.

5. टेस्‍ट के बाद मुझे क्‍या करना होगा. क्‍या कोई खास डाइट सा सावधानी बरते जाने की जरूरत है.

6. क्‍या किसी असावधानी या गलती की वजह‍ से ऐसा भी हो सकता है कि इस टेस्‍ट का रिजल्‍ट प्रभावित हो.

मेडिकल टेस्ट में क्या क्या देखा जाता है?

डॉक्‍टर हमारे शरीर की तीन तरीकों से जांच करवाकर यह पता लगाते हैं कि समस्‍या की जड़ कहां हैं..
बॉडी फ्लुइड एनालिसिस पहले प्रकार का टेस्‍ट होता है बॉडी फ्लुइड एनालिसिस, जिसमें रक्‍त, यूरिन, पस, मवाद आदि की जांच करके ये जानने की कोशिश की जाती है कि रोग का कारण क्‍या है. ... .
जेनेटिक टेस्टिंग ... .
इमेजिंग टेस्‍ट.

फिजिकल टेस्ट कैसे होगा?

कैसा होगा फिजिकल टेस्ट : इसमें पुरुष अभ्यर्थियों को पहले चरण की दौड़ में 35 किलोग्राम का वजन उठाकर दो मिनट में 100 मीटर की दूरी तयकरनी होगी। वहीं, महिला अभ्यर्थियों को इसमें 20 किलोग्राम का वजन उठाकर दो मिनट में 100 मीटर की दूरी तय करनी होगी।

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फौज में मेडिकल कैसे होता है?

Army Medical: स्थायी शरीर टैटू की अनुमति केवल अग्रभाग के अंदरूनी चेहरे पर यानी कोहनी के अंदर से कलाई तक और हथेली के पीछे की तरफ/हाथ के पीछे (पृष्ठीय) तरफ है। शरीर के किसी अन्य भाग पर स्थायी टैटू स्वीकार्य नहीं हैं और उम्मीदवारों को आगे की जांच से रोक दिया जाएगा।

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