विषयसूची
- 1 लेखक ने हिमालय की बेटियाँ किसे कहा है और क्यों?
- 2 हिमालय को पर्वतराज क्यों कहा गया है class 7?
- 3 लेखक ने सतलुज को क्या माना है?
- 4 हिमालय की बेटियाँ पाठ में लेखक कहाँ की बात कर रहा है?
- 5 आपको हिमालय की कौन सी बात अच्छी लगती है?
लेखक ने हिमालय की बेटियाँ किसे कहा है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंलेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियाँ कहा है, क्योंकि वह नदियों का उद्गम स्थल है। पर हम उन्हें माँ समान ही कहना चाहेंगे, क्योंकि वे हमें तथा धरती को जल प्रदान करती हैं।
कहाँ जाकर नदियों का उछलना कूदना कम हो जाता है?
NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ (नागार्जुन)
Textbook | NCERT |
Class | Class 7 |
Subject | Hindi Vasant |
Chapter | Chapter 3 |
लेखक ने हिमालय और समुद्र का क्या सम्बन्ध माना है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंहिमालय से उत्पन्न नदियाँ समुद्र जाकर मिल जाती है। जैसे पिता अपनी पुत्री को अपने दामाद को सौंप दे देता है, वैसे ही हिमालय ने अपनी नदियों को समुद्र को सौंप दिया है। इसलिए इनका संबंध ससुर तथा दामाद का कहा गया है।
हिमालय को पर्वतराज क्यों कहा गया है class 7?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: हिमालय को पर्वतराज इसलिए कहा गया है क्योंकि मैं बहुत बड़ा पर्वत है।
किसका नाम सुनते ही कौन आंखों के सामने नाचने लग जाती है?
इसे सुनेंरोकें- सिंधु और ब्रह्मपुत्र – ये दो ऐसे नाम हैं जिनके सुनते ही रावी, सतलुज, व्यास, चनाब, झेलम, काबुल (कुभा), कपिशा, गंगा, यमुना, सरयू, गंडक, कोसी आदि हिमालय की छोटी-बड़ी सभी बेटियाँ आँखों के सामने नाचने लगती हैं। वास्तव में सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं कुछ नहीं हैं।
लेखक ने हिमालय और समुद्र के बीच कौन सा रिश्ता बताया है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: लेखक ने हिमालय को ससुर और समुद्र को उसका दामाद कहा है।
लेखक ने सतलुज को क्या माना है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता के नाम से पुकारा है। Answer: लेखक सतलुज नदी के किनारे बैठा था।
हिमालय का दामाद किसे कहा गया है और क्यों?
इसे सुनेंरोकेंलेखक ने नदियों को हिमालय की बेटियाँ कहा है, क्योंकि वह नदियों का उद्गम स्थल है। पर हम उन्हें माँ समान ही कहना चाहेंगे, क्योंकि वे हमें तथा धरती को जल प्रदान करती हैं। हमारी प्यास बुझाने के साथ-साथ खेतों की भी प्यास बुझाती हैं। एक सच्चे माँ एवं मित्र के रूप में नदियाँ हमारी सदैव हितैषी रही हैं और उन्होंने भलाई की है।
हिमालय की बेटियाँ पाठ में सतलुज का प्राचीन नाम क्या था?
प्रश्न 2. (क) परंतु इस बार जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वे कुछ और रूप में सामने थीं। (ख) काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।…विशेष्य
(ख) उन्हें शायद ही इस घटना की जानकारी हो। | शायद उन्हें घटना की जानकारी न हो। |
(ग) वह शायद ही तुम्हें देख सके। | शायद उन्हें घटना की जानकारी न हो। |
हिमालय की बेटियाँ पाठ में लेखक कहाँ की बात कर रहा है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक ने हिमालय से निकलने वाली नदियों को देखा था। दूर से देखने पर नदियाँ लेखक को कैसी प्रतीत होती थीं? Answer: दूर से देखने पर लेखक को नदियाँ गंभीर, शांत और अपने आप में खोई हुई किसी शिष्ट महिला की भाँति प्रतीत होती थीं।
सतलुज का दूसरा नाम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंसतलुज (पंजाबी: ਸਤਲੁਜ, अँग्रेजी:Sutlej River, उर्दू: دريائے ستلُج) उत्तरी भारत में बहनेवाली एक सदानीरा नदी है। इसका पौराणिक नाम शतुर्दि है। जिसकी लम्बाई पंजाब में बहने वाली पाँचों नदियों में सबसे अधिक है। यह पाकिस्तान में होकर बहती है।
काका कालेकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा?
इसे सुनेंरोकेंकाका कालेकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि यह युगो से एक माँ की तरह हमारा भरण पोषण आई है। Explanation: काका कालेकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि यह युगो से एक माँ की तरह हमारा भरण पोषण आई है। यह नदियां हमें ना केवल पीने के लिए बल्कि मिट्टी को उपजाऊ बनाने में भी अपने जल को देती है।
आपको हिमालय की कौन सी बात अच्छी लगती है?
इसे सुनेंरोकेंआसमान को छूने वाली, चमकीली बर्फ से ढकी ये चोटियां हिमालय पर्वत की है। इन्हीं पर्वतों में दुनिया की सबसे ऊंची चोटियां हैं। यही से गंगा-यमुना, सिंधु-सतलज जैसी साल भर बहने वाली नदियां निकलती है। इन पर्वतों की घाटियों और ढलानों पर भी लोग रहते है।
हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर यह कैसे खेला करती हैं इस वाक्य में बच्चियों का प्रयोग किन के लिए किया गया है?
इसे सुनेंरोकेंकहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय की पिघले हुए दिल की एक-एक बूँद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है। इनका रूप इतना लुभावना है कि सौभाग्यशाली समुद्र भी पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ थामने पर गर्व महसूस करता है।
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लेखक ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंकाका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? उत्तर:- नदियाँ युगों-युगों से मानव जीवन के लिए कल्याणकारी रहीं है। ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती है। इनका जल भूमि की उर्वराशक्ति बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाता है।
सिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषता है?
इसे सुनेंरोकें(i) सिंधु और ब्रह्मपुत्र ये दोनों ही महानदी हैं। (ii) इन दोनों महानदियों में सारी नदियों का संगम होता है। (iii) ये भौगोलिक व प्राकृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण नदियाँ हैं। ये डेल्टाफार्म करने के लिए, मत्सय पालन, चावल की फसल व जल स्रोत का उत्तम साधन है।
नदियाँ किसकी गोद में बच्चियाँ बनकर खेलती हैं?
इसे सुनेंरोकेंजिन्होंने मैदानों में ही इन नदियों को देखा होगा, उनके खयाल में शायद ही यह बात आ सके कि बूढ़े हिमालय की गोद में बच्चियाँ बनकर ये कैसे खेला करती हैं।
किसका नाम सुनते ही कौन आंखों के सामने नाचने लग जाती है?
इसे सुनेंरोकें- सिंधु और ब्रह्मपुत्र – ये दो ऐसे नाम हैं जिनके सुनते ही रावी, सतलुज, व्यास, चनाब, झेलम, काबुल (कुभा), कपिशा, गंगा, यमुना, सरयू, गंडक, कोसी आदि हिमालय की छोटी-बड़ी सभी बेटियाँ आँखों के सामने नाचने लगती हैं। वास्तव में सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं कुछ नहीं हैं।
काका कालेलकर ने नदियों को क्या कहा है और लेखक ने क्या कहा है?
इसे सुनेंरोकेंकाका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि वे धरती के प्राणियों की रक्षा और उनका लालन-पालन एक मां की तरह करती हैं।
प्रश्न 3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?
इसे सुनेंरोकेंप्रश्न3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? हैं और फिर भी धरती का कल्याण करती हैं। दुख सह कर भी माता ही भला करती हैं, इसलिए काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है।
3 काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है?`?
इसे सुनेंरोकें3. काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता क्यों कहा है? काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता इसलिए कहा है क्योंकि ये युगों से एक माँ की तरह हमारा भरण-पोषण करती रही है। ये हमें पीने को जल तथा मिट्टी को उपजाऊ बनाने में सहायक होती हैं।
यहां नदी की क्या विशेषता बताई गई है?
इसे सुनेंरोकें(ख) नदी शीतलता प्रदान करती है (ग) नदी के मार्ग में यदि कोई अवरोध हो तो वह रास्ता बदल लेती है
लेखक को नदियाँ कहाँ अठखेलियाँ करती हुई दिखाई पड़ती हैं *?
इसे सुनेंरोकेंहिमालय की बेटियां पाठ में लेखक को नदियां हिमालय की गोद में अठखेलियां करती दिखाई देती हैं। नागार्जुन में हिमालय की बेटियां पाठ में कहते हैं कि जब मैं हिमालय के कंधे पर चढ़ा तो वहां नदियां अपनी अलग ही रूप में थी।
ग )- पहाड़ों तथा मैदानों में नदियों के स्वभाव में क्या अंतर होता है?
इसे सुनेंरोकेंमैदानों में नदियों का रूप और स्वभाव कैसा होता है? उत्तर: समतल मैदानों में उतरकर नदियों का रूप विशाल हो जाता है। नदियाँ मैदानों में बड़ी गंभीर, शांत, अपने आप में खोई हुई लगती हैं। प्रश्न.
हिमालय के पिघले हुए दिल की एक एक बूँद अंततः कहाँ मिल जाती है?
इसे सुनेंरोकेंसिंधु और ब्रह्मपुत्र की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं? सिंधु और ब्रह्मपुत्र हिमालय की दो ऐसी नदियाँ हैं जिन्हें ऐतिहासिकता के आधार पर पुल्लिग रूप में नद भी माना गया है। कहा जाता है कि ये दो ऐसी नदियाँ हैं जो दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक बूंद से निर्मित हुई हैं। इनका रूप विशाल और विराट है।
हिमालय की गोद में खेलने वाली बच्चियां कौन हैं?
इसे सुनेंरोकें4. हिमालय की गोद में खेलने वाली बच्चियाँ कौन हैं? (क) बर्फीली चोटियाँ