खून की शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहते हैं? - khoon kee shuddhikaran kee prakriya ko kya kahate hain?

इसे सुनेंरोकेंकिडनी खून में मौजूद टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को छान कर साफ करती है जो यूरिन के जरिए बाहर निकलते हैं। किडनी शरीर का अहम अंग है जिसे फंक्शन यूनिट भी कहते हैं। शरीर में दो किडनी (गुर्दे) होती है।

मनुष्य शरीर में खून के शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमानव शरीर में खून का शुद्धिकरण के प्रकिया को डायलिसिस कहते हैं,और यह प्रक्रिया मानव शरीर के किडनी में होता है.

रक्त शुद्ध कैसे होता है?

खून साफ करने के लिए प्रयोग में लाएं ये पांच घरेलू उपाय, नहीं होंगी त्वचा से संबंधित बीमारियां

  • तुलसी के पत्ते तुलसी के पत्तों को एंटीबायोटिक गुणों से युक्त माना जाता है।
  • हल्दी का करें इस्तेमाल हल्दी में प्राकृतिक रूप से एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सिडेंट्स गुण पाए जाते हैं।
  • नीम का सेवन
  • ब्राह्मी है फायदेमंद औषधि

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योग में शुद्धिकरण की प्रक्रिया का क्या नाम है?

इसे सुनेंरोकेंआज आमतौर पर योग की शुरुआत आसन और प्राणायाम से की जाती है। हठ योग की शुरुआत शुद्धिकरण से होती है और शुद्धिकरण होता है षटकर्म से। यह विधि ही वैज्ञानिक है और मानसिक स्वास्थ की प्राप्ति में सहायक है। षटकर्म में छह प्रकार के कर्म होते हैं, जिनमें नेति, धौति और वस्ती शरीर के विकारों को दूर करते हैं।

शुद्धि क्रिया क्या है?

इसे सुनेंरोकेंइस क्रिया के द्वारा शरीर का शुद्धिकरण होता है। इस क्रिया के लिए पहले धागे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब यह आसानी से मेडिकल स्टोर में मिल जाता है। इस क्रिया में पहले इस सूत्र नेति को पानी से साफ करके नाक से धीरे-धीरे डाला जाता है जिसे मुंह से निकाला जाता है।

लहू या रुधिर या खून(Blood) एक शारीरिक तरल (द्रव) है जो लहू वाहिनियों के अन्दर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह गाढ़ा, कुछ चिपचिपा, लाल रंग का द्रव्य, एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज़मा और रक्त कणों से मिल कर बनता है। प्लाज़मा वह निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज़मा के सहारे ही ये कण सारे शरीर में पहुंच पाते हैं और वह प्लाज़मा ही है जो आंतों से शोषित पोषक तत्वों को शरीर के विभिन्न भागों तक पहुंचाता है और पाचन क्रिया के बाद बने हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगो तक ले जा कर उन्हें फिर साफ़ होने का मौका देता है। रक्तकण तीन प्रकार के होते हैं, लाल रक्त कणिका, श्वेत रक्त कणिका और प्लैटलैट्स। लाल रक्त कणिका श्वसन अंगों से आक्सीजन ले कर सारे शरीर में पहुंचाने का और कार्बन डाईआक्साईड को शरीर से श्वसन अंगों तक ले जाने का काम करता है। इनकी कमी से रक्ताल्पता (अनिमिया) का रोग हो जाता है। श्वैत रक्त कणिका हानीकारक तत्वों तथा बिमारी पैदा करने वाले जिवाणुओं से शरीर की रक्षा करते हैं। प्लेटलेट्स रक्त वाहिनियों की सुरक्षा तथा खून बनाने में सहायक होते हैं।

मनुष्य-शरीर में करीब पाँच लिटर लहू विद्यमान रहता है। लाल रक्त कणिका की आयु कुछ दिनों से लेकर १२० दिनों तक की होती है। इसके बाद इसकी कोशिकाएं तिल्ली में टूटती रहती हैं। परन्तु इसके साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) में इसका उत्पादन भी होता रहता है। यह बनने और टूटने की क्रिया एक निश्चित अनुपात में होती रहती है, जिससे शरीर में खून की कमी नहीं हो पाती।

मनुष्यों में लहू ही सबसे आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है। एटीजंस से लहू को विभिन्न वर्गों में बांटा गया है और रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। महत्वपूर्ण एटीजंस को दो भागों में बांटा गया है। पहला ए, बी, ओ तथा दूसरा आर-एच व एच-आर। जिन लोगों का रक्त जिस एटीजंस वाला होता है उसे उसी एटीजंस वाला रक्त देते हैं। जिन पर कोई एटीजंस नहीं होता उनका ग्रुप "ओ" कहलाता है। जिनके रक्त कण पर आर-एच एटीजंस पाया जाता है वे आर-एच पाजिटिव और जिनपर नहीं पाया जाता वे आर-एच नेगेटिव कहलाते हैं। ओ-वर्ग वाले व्यक्ति को सर्वदाता तथा एबी वाले को सर्वग्राही कहा जाता है। परन्तु एबी रक्त वाले को एबी रक्त ही दिया जाता है। जहां स्वस्थ व्यक्ति का रक्त किसी की जान बचा सकता है, वहीं रोगी, अस्वस्थ व्यक्ति का खून किसी के लिये जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसीलिए खून लेने-देने में बहुत सावधानी की आवश्यकता होती है। लहू का pH मान 7.4 होता है

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रक्त की शुद्धिकरण की प्रक्रिया को डायलिसिस कहा जाता है जो हृदय द्वारा किया जाता है

rakt ki shuddhikaran ki prakriya ko dialysis kaha jata hai jo hriday dwara kiya jata hai

रक्त की शुद्धिकरण की प्रक्रिया को डायलिसिस कहा जाता है जो हृदय द्वारा किया जाता है

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रक्त के शुद्धिकरण की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

Answer C - डायलिसिस मानव शरीर में खून का शुद्धिकरण के प्रकिया को डायलिसिस कहते हैं,और यह प्रक्रिया मानव शरीर के किडनी में होता है.

मनुष्य के शरीर में रक्त का शुद्धिकरण कौन करता है?

परिसंचरण तंत्र में हृदय और रक्त वाहिनियाँ होती हैं। मानव शरीर में रक्त, धमनियों और शिराओं में प्रवाहित होता है तथा हृदय पंप की तरह कार्य करता है। रक्त में प्लैज़्मा, लाल रक्त कोशिकाएँ (RBC), श्वेत रक्त कोशिकाएँ (WBC) और पट्टिकाणु होते हैं। रक्त का लाल रंग, लाल वर्णकयुक्त हीमोग्लोबिन की उपस्थिति के कारण होता है।

खून के कितने रंग होते हैं?

खून का रंग सिर्फ लाल होता है. लाल रक्त कोशिकाओं में प्रोटीन जिसमें ऑक्सीजन होती है, उसे हीमोग्लोबिन कहते हैं. इसके प्रत्येक अणु में आयरन के चार परमाणु होते हैं, जो लाल प्रकाश को दर्शाते हैं. हमारे खून को लाल रंग देते हैं.

अशुद्ध रक्त का शुद्धिकरण कैसे होता है?

आइए इस बारे में जानते हैं। रक्त को साफ और अपशिष्टों से मुक्त रखने का सबसे कारगर तरीका है, भरपूर मात्रा में पानी पीते रहना। पानी पीते रहने से किडनी के कार्य में आसानी होती है। पानी आपकी रक्त वाहिकाओं को खुला रखने में भी मदद करता है ताकि रक्त का बेहतर तरीके से संचरण होता रह सके।

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