क्या हम गैस चूल्हा दक्षिण दिशा में रख सकते हैं? - kya ham gais choolha dakshin disha mein rakh sakate hain?

अलग-अलग दिशाओं में गैस चूल्हा रखने के परिणाम

वास्तु विज्ञान में किचन और चूल्हे का बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है। इसकी वजह है कि यहीं से घर में रहने वालों को भोजन और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। अगर आप सकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करेंगे तो आपका विकास होता और नकारात्मक ऊर्जा को ग्रहण करेंगे तो आपके मन मस्तिष्क पर नकारात्मक असर, जिसका प्रभाव आपके जीवन पर विभिन्न तरह से हो सकता है। इसलिए कहा जाता है कि खाना बनाते समय गृहणी का मुख हमेशा सकारात्मक ऊर्जाओं की दिशा में होना चाहिए, इससे खाना बनाते समय मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जिससे खाना बेहतर तो बनाता ही है इसका प्रभाव भी अच्छा और शुभ होता है। आइए समझते ऐस्ट्रॉलजर और वास्तुविद् दीपा गुप्ता से कि, वास्तु की सभी 16 दिशाओं में गैस चूल्हा रखने के कैसे-कैसे परिणाम होते हैं

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इस दिशा में चूल्हा होने पर धन का आगमन रहता है

घर में गैस चूल्हा या किचन के लिए सबसे अच्छी दिशा दक्षिण पूर्व मानी गई है, क्योंकि यह शुक्र ग्रह की दिशा है जो कि खाने के स्वाद बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाता है। घर में खाना बनाने का काम अधिकांशत: महिलाएं करती हैं और शुक्र ग्रह महिलाओं को भी प्रभावित करता है। वैज्ञानिक दृष्टि से भी इसे समझने की कोशिश करें तो SE की दिशा में दिन भर सूर्य का प्रकाश रहता है और अगर उस दिशा में खुला स्थान होगा तो सूर्य की किरणें सुबह किचन में प्रवेश करेंगी और इससे न केवल काम करना आसान होगा बल्कि यह किचन में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में भी मददगार होगा। दूसरी बात यह है कि यह स्थान ना ज्यादा गर्म होता है ना एकदम ठंडा, ऐसे में चाहे सर्दी का मौसम हो या गर्मी का, यहां काम करना आसान हो जाता है इसलिए भी इस दिशा को अत्यधिक महत्व दिया गया है। इस दिशा में गैस चूल्हा रखने से घर में कैश फ्लो ठीक बना रहता है। परिवार के सदस्यों को सही पोषण भी प्राप्त होता है और सेहत ठीक रहती है।

इस दिशा चूल्हा, लोग रहते हैं बीमार

दक्षिण दक्षिण पूर्व(SSE) की दिशा में गैस चूल्हा होने से व्यक्ति के अंदर ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह दिशा व्यक्ति को शीर्ष पर पहुंचाने की सकारात्मक ऊर्जा देती है। दक्षिण दिशा (S) मंगल ग्रह की दिशा होने से यह अत्यधिक गर्म दिशा है इस दिशा में बना हुआ खाना बहुत ज्यादा मसालेदार होता है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता। यहां पर गैस चूल्हा होने से व्यक्ति रिलैक्स नहीं कर पाता है तथा उसके मान सम्मान पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। अत्यधिक गर्म दिशा होने की वजह से भोजन जल्दी खराब भी हो जाता है।

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इस दिशा में चूल्हा खूब होता है धन खर्च

दक्षिण दक्षिण पश्चिम (SSW) दिशा मैं गैस चूल्हा रखने से अत्यधिक पैसा खर्च का योग बन जाता है और कई बार यह धन खर्च फालतू की चीजों पर होता है I दक्षिण पश्चिम (SW) दिशा को राहु की दिशा कहा गया है। इस दिशा में गैस चूल्हा नहीं रखना चाहिए। किसी होटल का गैस चूल्हा इस दिशा में तरक्की तथा ग्राहकों की कतार दे सकता है परंतु घर के लिए यह बिल्कुल अच्छा नहीं है। इसकी वजह से परिवार में रिश्ते खराब होने लगते हैं। गृहणी की सोच नकारात्मक होने लगती है पृथ्वी तत्व की इस दिशा के दोष को दूर करने के लिए पीले रंग का पेंट दीवार पर करना ठीक रहता है हनुमान जी का मुद्गर लिए हुए फोटो ऐसे लगाना चाहिए जिससे भोजन बनाते समय वह चूल्हे की ओर देखते रहें।

इस दिशा में रखेंगे चूल्हा, जमा पूंजी हो जाएगी खत्म

पश्चिम दक्षिण पश्चिम (WSW) दिशा में गैस चूल्हा होने से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं यह आपकी जमा पूंजी को खत्म करवा देता है, इससे व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। पश्चिम दिशा में गैस चूल्हा होने से व्यक्ति के लाभ पर असर पड़ता है। व्यक्ति की सोच संकुचित होने लगती है। यह शनिदेव तथा वरुण की दिशा है। यहां पर अग्नि को बैलेंस करने के लिए लाल रंग का इस्तेमाल ना करें। सफेद रंग इस दिशा में ठीक रहता है इससे किचन का दोष भी दूर होता है।

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इस दिशा में चूल्हा रखने से होती है तरक्की

पश्चिम उत्तर पश्चिम (WNW) दिशा में गैस चूल्हा रखने से घर की स्त्री अक्सर निराशा में डूबी रहती है। इन्हें थायराइड की समस्या भी हो सकती है, वह बार-बार पुरानी बातों को ही सोचती रहती हैं। इस दिशा का दोष दूर करने के लिए गैस चूल्हे के नीचे पीले रंग का पेंट कर दें या पीले कलर का जैसलमेर पत्थर का स्लैब लगवाएं। जबकि उत्तर पश्चिम (NW) वायु तत्व की यह दिशा गैस चूल्हा रखने के अच्छी है। इस दिशा में भोजन बनाने से तरक्की होती है। लोगों का सहयोग मिलता है और भोजन का सेहत पर अच्छा प्रभाव होता है।

इस दिशा में चूल्हा रखने से पति पत्नी के रिश्ते में परेशानी

उत्तर उत्तर पश्चिम (NNW) दिशा मैं गैस चूल्हा रखने से मेहमानों का आना जाना बढ़ जाता है। गृहणी का अधिकांश समय किचन में गुजरता है। जिसकी वजह से पति-पत्नी के संबंध में भी परेशानी आने लगती है। यहां भी गैस चूल्हे के नीचे पीला पत्थर रखने से समस्या का समाधान मिल सकता है।

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यहां चूल्हा रखने से बिगड़ते हैं रिश्ते

उत्तर दिशा बुध की दिशा है, इस दिशा में चूल्हा होने से धन कमाने के अवसर मिलते रहते हैं। जबकि उत्तर, उत्तर पूर्व (NNE) दिशा जल की दिशा है जिसमें अग्नि यानी गैस चूल्हा होने से तत्वों का बैलेंस बिगड़ जाता है और सेहत से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जठराग्नि बढ़ जाती लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में कमी आती है। ऐसे में चूल्हे के नीचे स्काई ब्लू पेंट करना अच्छा रहता है। आमतौर पर लोग कहते हैं उत्तर पूर्व दिशा में चूल्हा रखना अच्छा होता है लेकिन ऐसा नहीं है। इस दिशा में चूल्हा रखने से मानसिक अशांति बढ़ती है। निर्णय शक्ति पर भी असर होता है। छोटी-छोटी बातों में प्रतिक्रिया देने से रिश्ते बिगड़ते हैं। इसकी वजह यह है कि इस दिशा में वास्तु देव का सिर होता है।

इस दिशा में चूल्हा, मानसिक तनाव

पूर्व उत्तर पूर्व (ENE) दिशा में गैस चूल्हा होने से व्यक्ति जिंदगी को एंजॉय नहीं कर पाता है, किसी कारण से हर पल दुखी रहता है। जल की दिशा में अग्नि को क्रिएट करने के लिए पीले रंग का जैसलमेर पत्थर उपयोग में लाना चाहिए या पीले रंग का पेंट कराना चाहिए। पूर्व दिशा (E) और दक्षिण दक्षिण पूर्व (SSE) दिशा में गैस चूल्हा रखने से व्यक्ति की सामाजिक छवि खराब होती है। मन में हर पल तनाव रहने का योग बनता है। इस दोष को दूर करने के लिए हरे रंग का प्रयोग करना चाहिए।

किचन में चूल्हा कैसे रखें जानें वास्तु टिप्स

ईशान कोण(NE), नैऋत्य कोण (SW) तथा ब्रह्मस्थान (Center of the house) में किचन बनाना और चूल्हे को रखना कभी भी लाभप्रद नहीं होता है। इससे परिवार के लोगों की सुख समृद्धि तथा स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इसलिए इनसे बचना चाहिए।

दीपा गुप्ता (एस्ट्रोलॉजर एवं वास्तुविद्)

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दक्षिण दिशा में गैस चुला रखने से क्या होता है?

दक्षिण दक्षिण पूर्व(SSE) की दिशा में गैस चूल्हा होने से व्यक्ति के अंदर ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह दिशा व्यक्ति को शीर्ष पर पहुंचाने की सकारात्मक ऊर्जा देती है। दक्षिण दिशा (S) मंगल ग्रह की दिशा होने से यह अत्यधिक गर्म दिशा है इस दिशा में बना हुआ खाना बहुत ज्यादा मसालेदार होता है, जो सेहत के लिए ठीक नहीं होता

गैस का चूल्हा कौन सी दिशा में रखना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार गैस स्टोव को रसोई में दक्षिण-पूर्व कोने में रखना सही माना गया है क्योंकि यह अग्नि के देवता का स्थान माना जाता है। वहीं रसोई में खाना बनाते समय आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए

चूल्हे का मुंह किधर करना चाहिए?

कहा जाता है कि जब भी किचन में खाना बनाएं तो पूर्व दिशा की तरफ खाना बनाने वाले का मुंह होना चाहिए. इसीलिए जरुरी है कि किचन में गैस चूल्हा पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए. अगर इस दिशा में चूल्हा रखा जाता है तो इससे अग्नि से होने वाले हादसों में भी कमी आती है. और किचन में काम करने के दौरान व्यक्ति सेफ रहता है.

खाना बनाने वाले का मुंह किधर होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होता है तो यह सबसे शुभ माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूर्व की दिशा सूर्य की दिशा मानी जाती है और ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में सूर्य का प्रकाश सबसे पहले और तेजी से फैलता है। ऐसे में सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा भी इसी दिशा में रहती है।

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