क्या भारत एक गैर नागरिक मतदाता बन सकता है - kya bhaarat ek gair naagarik matadaata ban sakata hai

प्रवासी (एनआरआई)निर्वाचक

प्र. 1. प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचक कौन है? क्या विदेशी भूमि पर बसे हुए प्रवासी भारतीय भारत में निर्वाचक नामावली के निर्वाचक हो  सकते हैं?

उ.. प्रवासी निर्वाचक वह व्यक्ति है जो भारत का नागरिक है और जिसने किसी अन्य देश की नागरिकता प्राप्त नहीं की है और जो अन्यथा मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए पात्र है और जो अपने रोजगार, शिक्षा या अन्यथा के कारण भारत में अपने निवास के सामान्य स्थान से अनुपस्थित रह रहा है और वह उस निर्वाचन-क्षेत्र में एक मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए पात्र है जिसमें उसके पासपोर्ट में यथा-उल्लिखित भारत में उसके निवास का स्थान अवस्थित है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 195. की धारा 2.क के उपबंधों के अनुसार विदेश में बसा हुआ प्रवासी भारतीय, भारत में निर्वाचक नामावली में निर्वाचक बन सकता है।   

प्र. 2. मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए कौन पात्र है?        
उ. ऐसा प्रत्येक भारतीय नागरिक, जिसने अर्हक तारीख, अर्थात्‌, निर्वाचक नामावली की पुनरीक्षण
के वर्ष के जनवरी के पहले दिन 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली    हो और जो, अन्यथा निरर्हित न हो, उस निर्वाचन-क्षेत्र के भाग/मतदान क्षेत्र की नामावली में मतदाता के रूप में पंजीकृत होने के लिए पात्र है जहां का वह मामूली तौर पर निवासी है।

प्र. 3. 18 वर्ष की आयु का निर्धारण करने के लिए क्या संगत तारीख है? क्या मैं उस दिन मतदाता के रूप में अपने आपको पंजीकृत करवा सकता/सकती हूं जिस दिन मैंने 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है?               
उ. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 195. की धारा 14(ख) के अनुसार किसी आवेदक की आयु का निर्धारण करने के लिए संगत तारीख (अर्हक तारीख) उस वर्ष की जनवरी का पहला दिन है जिसमें निर्वाचक नामावली का अंतिम रूप से प्रकाशन किया जाता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2 जनवरी, 2.13 से और उसके बाद किसी भी दिन किंतु 1 जनवरी, 2.14 तक 18 वर्ष की आयु पूरी 1 कर ली है या पूरी करने जा रहे/रही हैं तो आप जनवरी, 2.14 में अंतिम रूप से प्रकाशित होने वाली निर्वाचक नामावली में मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र होंगे/होंगी।

निर्वाचक नामावलियों में प्रवासी भारतीय मतदाता

प्र. 4 क्या भारत का गैर-नागरिक भारत में निर्वाचक नामावलियों में मतदाता बन सकता है?

उ. नहीं। कोई व्यक्ति, जो भारतका नागरिक नहीं है, भारत में निर्वाचक नामावलियों में मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए पात्र नहीं है। यहां तक कि वे व्यक्ति भी भारत में निर्वाचक नामावलियों में पंजीकरण करवाने के लिए पात्र नहीं हैं जो दूसरे देश की नागरिकता हासिल करने के बाद भारत के नागरिक नहीं रह गए हैं।

प्र. 5. प्रवासी भारतीय (एनआरआई) निर्वाचक नामावली में किस प्रकार पंजीकरण करवा सकते हैं?  
उ. उन्हें इस प्रयोजन के लिए विहित फार्म 6क में उस निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष आवेदन दाखिल करना होता है जिसके भीतर भारत में आवेदक के सामान्य निवास का स्थान, जैसाकि उनके पासपोर्ट में दिया गया है।आवेदन, जिसके साथ संगत दस्तावेजों की विधिवत रूप में स्वअनुप्रमाणित प्रतियां संलग्न हों, संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को व्यक्तिशः दाखिल किए जा सकते हैं या उनके पते पर उन्हें डाक द्वारा भेजा जा सकता है या संबंधित राज्य के मुखय निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर या भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर ऑनलाइन दाखिल किया जा सकता है। फार्म 6क ऑनलाइन दाखिल करते समय पासपोर्ट की प्रति और अन्य आवश्यक दस्तावेजों जैसे वीजा की प्रतियां भी अपलोड की जानी चाहिए।    

प्र.6 उपर्युक्त प्रश्न में 'पासपोर्ट' से क्या तात्पर्य है?            
उ. 'पासपोर्ट' का तात्पर्य भारत सरकार द्वारा जारी ऐसे पासपोर्ट से है जिसमें वीज़ा पृष्ठांकित किया गया है। यह कोई जरूरी नहीं है कि इसका तात्पर्य चालू पासपोर्ट से हो क्योंकि कई मामलों में चालू पासपोर्ट में, मूल पासपोर्ट में उल्लिखित भारत में पते का विवरण नहीं होता है बल्कि विदेशी पते का विवरण हो सकता है।

आवश्यक फार्म

प्र.7 फार्म 6क कहां से प्राप्त किया जा सकता है?
उ. इसे संबंधित राज्य के मुखय निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट या भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। फार्म 6क विदेशों में भारतीय मिशनों में भी निःशुल्क उपलब्ध है। इसके अलावा, भारत में प्रत्येक मतदान केन्द्र क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारियों को कहा गया है कि वे भारत में प्रवासी भारतीयों के परिवारों को कोरा फार्म  6क, उसे विदेश में रह रहे व्यक्तियों को भेजनेहेतु,वितरितकरें।

आवश्यक दस्तावेज़

प्र. 8 फार्म 6क के साथ कौन-कौन से दस्तावेजों को संलग्न किया जाना अपेक्षित है?
उ. फार्म 6क में विधिवत रूप से चिपकाया हुआ एक हाल का पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो, पासपोर्ट, जिसमें फोटो हो, के संगत पृष्ठों की फोटो-प्रतियां, आवेदक का भारत में अपना पता और अन्य सभी विवरण तथा पासपोर्ट का वह पृष्ठ भी जिसमें वैध वीज़ा पृष्ठांकित किया गया हो।

दावा आवेदन दाखिल करना

प्र. 9. दावा आवेदन दाखिल करते समय कौन-कौन सी अन्य औचारिकताएं पूरी की जाने अपेक्षित हैं?
उ. यदि आवेदन डाक द्वारा भेजा जाता है तो ऊपर प्रश्न सं. 8 के उत्तर में संदर्भित दस्तावेजों में से प्रत्येक दस्तावेज की फोटो-प्रति विधिवत रूप से स्व-अनुप्रमाणित होनी चाहिए। यदि आवेदन निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष व्यक्तिशः प्रस्तुत किया जाता है तो मूल पासपोर्ट सत्यापन के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

प्र. 10 दावा आवेदनों और आपत्तियों का सत्यापन करने के लिए कौन सक्षम है?
उ. संबंधित निर्वाचन-क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरणअधिकारी।

प्र. 11. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के डाक पते कहां से प्राप्त किए जा सकते हैं?
उ. सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के डाक पते भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट/संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के मुखय निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट (जिसके लिए लिंक भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर दिए गए हैं) पर उपलब्ध हैं। उन्हें विदेशों में भारतीय मिशनों से भी प्राप्त किया जा सकता है।

ऑनलाइन आवेदन

प्र. 12. यदि मैं ऑनलाइन आवेदन करता/करती हूं तो क्या मेरे लिए अपेक्षित दस्तावेजों के साथ फार्म 6क की हस्ताक्षरित प्रति निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पते पर डाक द्वारा भेजना जरूरी है।
उ. हां, फार्म 6क की हस्ताक्षरित प्रति और ऊपर प्रश्न सं. 8 के उत्तर में उल्लिखित अपेक्षित दस्तावेजों की स्व-अनुप्रमाणित प्रतियां भेजनी जरूरी हैं।

निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी

प्र. 13. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा सुनवाई का नोटिस कहां भेजा जाएगा?
उ. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी आवेदक द्वारा यथा-अधिसूचित उसके वर्तमान निवास के देश में आवेदक के पते पर नोटिस भेजेंगे और इसे आवेदक को नोटिस का विधिवत तामील हुआ माना जाएगा।

प्र. 14 क्या आवेदक या सुनवाई पक्षकारों की व्यक्तिगत पेशी आवश्यक है?यदिहां,तो सुनवाई कैसे की जाएगी?                         
उ. प्रत्येक मामले में व्यक्तिगत पेशी या सुनवाई आवश्यक नहीं है। फार्म 6क प्राप्त होने पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी 7 दिनों के भीतर उक्त फार्म की एक प्रति आपत्तियां, यदि कोई हो, मांगते हुए अपने सूचना पट्‌ट पर प्रदर्शित करेगा। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी संबंधित बूथ लेवल अधिकारी को आवेदक द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना का परिवार के सदस्यों/संबंधियों या पड़ोसियों, यदि कोई हों, से सत्यापन करने के लिए कह सकते हैं।            
यदि फार्म 6क सभी दृष्टियों से पूर्ण हो और सभी संगत दस्तावेजों की प्रतियां संलग्न की गई हों और किसी भी व्यक्ति ने 7 दिनों के विनिर्धारित समय के भीतर आपत्ति न की हो तो निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी निर्वाचक नामावली में नाम शामिल करने के लिए आदेश दे सकते हैं।

यदि नाम को शामिल करने के लिए फार्म 6क में किए गए दावे के प्रति आपत्ति की गई हो तो निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी उस देश विशेष के भारतीय मिशन के एक अधिकारी को, उठाई गई आपत्ति के लिए आवेदक को सुनने के लिए, पदाभिहीत और अधिकृत करेंगे जिस देश से आवेदक संबंधितहै। यदि वहां आपत्तिकर्ता भी उपलब्ध हों तो दोनों पक्षकारों को सुना जाता है। भारतीय मिशन के ऐसे पदाभिहीत अधिकारी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को एक रिपोर्ट भेजेंगे ताकि वह मामले में निर्णय लेने में सक्षम हो सकें। किसी भी परिस्थिति में ईआरओ द्वारा विदेश में रह रहे आवेदक/आपत्तिकर्ता की भारत में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए मांग नहीं की जाएगी।

प्र. 15. दावों और आपत्तियों की सूची कहां देखी जा सकती है?
उ. यह संबंधित राज्य के मुखय निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। इसे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के कार्यालय के सूचना पट्‌ट पर भी देखा जा सकता है।

स्व-अनुप्रमाणित अन्य दस्तावेज

प्र. 16. प्रवासी भारतीय (एन आर आई) द्वारा फार्म 6क में अपने आवेदन के साथ प्रस्तुत किए गए स्व-अनुप्रमाणित दस्तावेजों के सत्यापन की क्या प्रक्रिया है?
उ. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को स्व-अनुप्रमाणित प्रतियों के साथ फार्म 6क जैसे ही प्राप्त होता है वे संबंधित मतदान क्षेत्र के बूथ लेवल अधिकारी को क्षेत्र के सत्यापन के लिए भेजेंगे। बूथ लेवल अधिकारी आवेदक के पासपोर्ट में उल्लिखित गृह पते का दौरा करेंगे। वे दस्तावेजों की स्व-अनुप्रमाणित प्रतियों का सत्यापन करने और इस आशय की घोषणा करने के लिए आवेदक के संबंधियों, यदि कोई हों, से पूछताछ करेंगे। जिन मामलों में कोई संबंधी उपलब्ध न हों या कोई भी संबंधी दस्तावेजों के सत्यापन के लिए घोषणा देने के इच्छुक नहीं हों, या निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी संबंधियों द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन से संतुष्ट नहीं हों तो दस्तावेज उस देश के संबंधित भारतीय मिशन को सत्यापन के लिए भेजा जाएगा जहां आवेदक निवास करता है। दावे आवेदन का सत्यापन करने के लिए अधिकृत भारतीय मिशन के अधिकारी ऊपर प्रश्न सं. 14 के उत्तर में यथा-उल्लिखित आगे की आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

निर्वाचक नामावली में नाम शामिल होने की सूचना

प्र. 17. प्रवासी भारतीय (एनआरआई) यह कैसे जानेंगे कि उनका नाम निर्वाचक नामावली में
शमिल कर लिया गया है?    
उ. निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी का निर्णय आवेदक को फार्म 6क में उसके द्वारा दिए गए
विदेश के उसके पते पर डाक द्वारा और फार्म 6क में उसके द्वारा दिए गए मोबाइल नम्बर पर एसएमएस के द्वारा भी सूचित किया जाएगा। निर्वाचक नामावलियां संबंधित राज्य के मुखय निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध होंगी और इसे किसी के भी द्वारा देखा जा सकता है।

प्र. 18. क्या प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचक से संबंधित प्रविष्टियों को निर्वाचक नामावली में स्थान दिया जाता है?
उ. प्रवासी निर्वाचक का नाम ''प्रवासी निर्वाचक'' के पृथक खंड में शामिल किया जाता है जो निर्वाचन-क्षेत्र के उस विशेष भाग/मतदान केन्द्र क्षेत्र की नामावली का अंतिम खंड होता है जिसमें उनके पासपोर्ट में यथा-उल्लिखित भारत में उनके निवास का स्थान अवस्थित है।

गलतियों में सुधार

प्र.19. यदि प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचकों से संबंधित निर्वाचक नामावली में प्रविष्टियों में कुछ गलतियां होती हैं तो उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है?
उ. निर्वाचक नामावली की गलतियों को ठीक करने के लिए संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को फार्म-8 में एक आवेदन प्रस्तुत किया जाना होता है।

प्र. २०. निर्वाचक नामावलियों में नामों के शमिल किए जाने के प्रति कौन आपत्ति कर सकता है?
उ. कोई भी व्यक्ति, जो संबंधित निर्वाचन-क्षेत्र में एक मतदाता है, निर्वाचक नामावली में नामों के शामिल करने के प्रति इस आधार पर आपत्ति कर सकता है कि वह व्यक्ति, जिसका नाम शामिल
किया गया है या शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है, उस निर्वाचन-क्षेत्र में एक मतदाता के तौर पर पंजीकृत किए जाने के लिए पात्र नहीं है। संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को संगत साक्ष्य के साथ फार्म 7 में आपत्ति की जा सकती है।

अन्य सुधार


प्र. 21. क्या प्रवासी (एनआरआई) निर्वाचकों के उनके निवास के देश में वर्तमान आवासीय पते में बदलाव होने के बारे में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को सूचित किया जाना है?
उ. हां। यह प्रवासी निर्वाचक का दायित्व है कि वह अपने निवास के देश में आवासीय पते में बदलाव होने के बारे में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को सूचित रखे।

प्र. 22. क्या निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को उस परिस्थिति में सूचित किया जाना है जब प्रवासी (एनआरआई) निर्वाचक भारत लौट आएं और सामान्य रूप से भारत के निवासी बन जाएं?
उ. हां। प्रवासी निर्वाचक को ऐसा जरूर करना चाहिए। ऐसे मामले में, व्यक्ति को तब उस स्थान में सामान्य निर्वाचक के रूप में पंजीकृत किया जा सकता है जहां का वह भारत में सामान्य तौरपर निवासी है।

मताधिकार का प्रयोग

प्र. 23. एक प्रवासी (एनआरआई) निर्वाचक,जिसका नाम निर्वाचक नामावली में पंजीकृत है,अपने मताधिकार का कैसे प्रयोग कर सकता है?
उ. पंजीकरण के बाद एक प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचक उस भाग, जहां वह प्रवासी (एनआरआई) निर्वाचक के तौर पर पंजीकृत है, के लिए उपलब्ध कराए गए मतदान केन्द्र में निर्वाचन-क्षेत्र में निर्वाचन में व्यक्तिशः अपना मत डालने में सक्षम होगा।

प्र. 24. क्या प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचक को निर्वाचक फोटो मतदाता पहचान-पत्र (एपिक) जारी किया जाता है?
उ. प्रवासी निर्वाचक को एपिक जारी नहीं किया जाता है क्योंकि उसे निर्वाचन-क्षेत्र में,निर्वाचन में मतदान केन्द्र में व्यक्तिशः अपना मूल पासपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही अपना मत डालने की अनुमति दी जाती है।

प्र. 25. क्या प्रवासी (एन आर आई) निर्वाचक को, उसे भारत में पहले से निर्गत निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) अभ्यर्पित कर देना चाहिए?
उ. हां। प्रवासी निर्वाचक को फार्म 6क के प्रस्तुतीकरण के साथ एपिक,यदि भारत में उसे पहले से निर्गत किया गया है, अभ्यर्पित कर देना चाहिए।

निर्वाचक नामावली में पंजीकरण

प्र. 26. कोई व्यक्ति निर्वाचक नामावली में कब पंजीकरण करवा सकता है? क्या पंजीकरण पूरे वर्ष जारी रहता है?
उ. निर्वाचन आयोग सामान्यता मौजूदा निर्वाचक नामावली का प्रत्येक वर्ष, सितंबर से अक्तूबर महीनों में कभी  भी, संशोधन करने का आदेश देता है और ऐसी पुनरीक्षित निर्वाचकनामावलियां आने वाले वर्ष के जनवरी के प्रथम सप्ताह में अंतिम रूप से प्रकाशित की जाती हैं। कोई व्यक्ति दावे और आपत्तियां दर्ज करने की अवधि के दौरान निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी या पदाभिहीत अधिकारी को दावा आवेदन (फार्म 6क) प्रस्तुत कर सकता है। अंतिम रूप से प्रकाशन किए जाने के बाद भी नामावलियां निरंतर अद्यतन की जाती हैं और कोई व्यक्ति सतत अद्यतनीकरण के दौरान निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी/सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पास दावा आवेदन दाखिल करके कभी भी पंजीकरण करवा सकता है।

प्र.27. क्या कोई व्यक्ति एक से अधिक स्थान पर पंजीकरण करवा सकता है?
उ. नहीं। कोई व्यक्ति लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 195. की धारा 17 एवं 18 के अंतर्गत निहित उपबंधों के दृष्टिगत मतदाता के रूप में एक से अधिक स्थानों पर पंजीकरण नहीं करवा सकता है। इसी तरह, कोई व्यक्ति किसी भी निर्वाचक नामावली में एक से अधिक बार निर्वाचक के तौर पर पंजीकृत नहीं हो सकता है। नए पंजीकरण के लिए आवेदन करते समय कोई व्यक्ति इस बात का कथन देता है या घोषणा करता है कि उसका नाम किसी अन्य निर्वाचन-क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में पहले से शामिल है और यदि ऐसा कथन/घोषणा असत्य पाई जाती हैजो आवेदक या तो जानता है या असत्य होने का विश्वास करता है या सत्य नहीं होने का विश्वास करता है तो वह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 195. की धारा 31 के अंतर्गत दंडित किए जाने का भागी होगा।

शिकायत प्रक्रिया

प्र. 28. यदि मुझे निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के आदेश के विरूद्ध कोई शिकायत है तो किसे अपील करनी चाहिए?
उ. पुनरीक्षण की अवधि के दौरान आप जिला निर्वाचन अधिकारी से अपील कर सकते हैं। सतत अद्यतनीकरण की प्रक्रिया के दौरान आवेदन करने की दशा में निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के किसी आदेश के विरूद्ध ऐसी अपील संबंधित जिले के जिला मजिस्ट्रेट/अपर जिला मजिस्ट्रेट/कार्यकारी मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टर के समक्ष की जाएगी। अपीलीय प्राधिकारी के आदेश के विरूद्ध और आगे अपील राज्य के मुखय निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की जा सकती है।

प्र. 29. क्या कोई ऐसी न्यूनतम अवधि है जिसके लिए व्यक्ति को देश से बाहर रहना चाहिए ताकि वह प्रवासी निर्वाचक के रूप में रजिस्ट्रीरकण के लिए आवेदन कर सके?
उ. ऐसी कोई अवधि विहित नहीं है।

रजिस्ट्रेशन करने या उस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करें।

स्त्रोत: भारत निर्वाचन आयोग।

भारत में मतदान कौन हो सकता है?

यह भारतीय राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों की उनके मतदाताओं की संख्या के आधार पर सूची है जिसमें भारतीय चुनाव आयोग द्वारा 1951 से 2009 तक के लोक सभा चुनावों पर जारी आँकड़ो पर आधारित है। 2009 के आम चुनाव में भारत में 71.4 करोड़ मतदाता अपेक्षित थे जिसमें से 41.5 करोड़ लोगों ने वोट दिया।

किसी प्रजातांत्रिक देश में एक मतदाता की नवीनतम आयु क्या होनी चाहिए?

भारतीय संविधान के अनुच्छे। द 84(ख) में यह प्रावधान है कि लोक सभा निर्वाचन हेतु अभ्य‍र्थी होने के लिए न्यूनतम आयु 25 वर्ष होगी। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 36(2) के साथ पठित संविधान के अनुच्छेद 173(ख) के द्वारा विधान सभाओं के अभ्य‍र्थी होने के लिए यही प्रावधान है।

मतदाता सूची कौन तैयार करता है?

क्या राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करता है? उत्तर. प्रत्येक सामान्य चुनाव से पहले प्रत्येक वार्ड के लिए मतदाता सूची एसईसी द्वारा तैयार की जानी है।

कौन मात देने के लिए योग्य है?

सर्वजनीन मताधिकार से तात्पर्य है कि सभी नागरिक जो 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के हैं, उनकी जाति या शिक्षा, धर्म, रंग, प्रजाति और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद वोट देने के लिए स्वतंत्र हैं। नवीन संविधान लागू होने के पूर्व भारत में 1935 के "गवर्नमेंट ऑव इंडिया ऐक्ट" के अनुसार केवल 13 प्रति शत जनता को मताधिकार प्राप्त था।

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