केंद्रीय राज्य मंत्री क्या होता है? - kendreey raajy mantree kya hota hai?

प्रधानमंत्री की नियुक्ति

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है। इस पद के लिए राष्ट्रपति को लोकसभा में बहुमतप्राप्त दल के नेता का ही चयन करना होता है। अगर बहुमत वाला दल न हो तो भी यदि बहुमत का विश्वास प्राप्त करने की स्थिति में हो तो भी उसे प्रधानमंत्री चुना जा सकता है, मगर उसे निर्धारित समय पर विश्वासमत हासिल करना होता है।

अन्य मंत्रियों की नियुक्ति

राष्ट्रपति अन्य मंत्रियों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार करता है। किसी मंत्री को पद से हटाने की शक्ति का भी राष्ट्रपति वास्तव में प्रधानमंत्री की सलाह पर ही प्रयोग करता है। विभिन्न मंत्रियों के स्तर और उनकी संख्या का निश्चय भी प्रधानमंत्री करता है। उसी की सलाह के आधार पर ही राष्ट्रपति उनको उनकी पंक्ति निश्चित करता है। बाद में मंत्रियों के विभागों और काम काज का निर्धारण भी प्रधानमंत्री के ही हाथों में होता है। वह जब चाहे इनमें परिवर्तन कर सकता है।

मंत्रिपरिषद में सभी मंत्री समान स्तर के नहीं होते। इसमें तीन स्तर के मंत्री रखे जाते हैं।
1-मंत्रिमंडलीय स्तर के मंत्री अर्थात कैबिनेट मंत्री
2-राज्यमंत्री स्तर के सदस्य
3-उपमंत्री स्तर के सदस्य

कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री में अंतर

मंत्रिमंडल के मंत्री यानि कैबिनेट मंत्री साधिकार मंत्रिमंडल में भाग लेते हैं, जबकि राज्यमंत्री या उपमंंत्री इसकी बैठक में भाग नहीं ले सकते। ये कैबिनेट मंत्री के सहायक के रूप में होते हैं। अगर राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार वाला है तो , जब उसके विभाग से संबंधित कोई बात चर्चा की सूची में होने पर वह कैबिनेट की बैठक में हिस्सा ले सकता है।

उपमंत्री की भूमिका

उपमंत्री मंत्रालय के किसी विभाग का कार्य निपटाने हेतु मददगार होता है। मंत्रिमंडल के विचार-विमर्श में अर्थात कैबिनेट की बैठक में उसकी कोई भागीदारी नहीं होती। वैसे भारत में उपमंत्री की धारणा का प्रयोग किया ही नहीं जा रहा

किस सदन का सदस्य मंत्री

मंत्री संसद के किसी भी सदन यानी लोकसभा या राज्यसभा से चुने जा सकते हैं। हालाँकि मंत्री बनने के लिए एेसा जरूरी नहीं है कि वह व्यक्ति लोकसभा या राज्य सभा का अनिवार्य रूप से सदस्य हो। किसी एेसे सदस्य को भी प्रधानमंत्री द्वारा मंत्री बनाया जा सकता है, जो किसी भी सदन का सदस्य नहीं है। लेकिन एेसे व्यक्ति को छह महीने के अंदर किसी न किसी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होगी।

सदन में मंत्री की स्थिति
चुने जाने के बाद वह किसी भी सदन में बोल सकता है, उसकी कार्यवाही में भाग ले सकता है। लेकिन किसी मुद्दे पर वोटिंग की स्थिति में वह सिर्फ अपने सदन में ही वोटिंग कर सकता है। जिस सदन का वह सदस्य नहीं होता, उसमें उसे मत देने का अधिकार नहीं होता है। अगर वह लोकसभा का सदस्य है तो वह सिर्फ लोकसभा में वोट डाल सकता है और अगर राज्यसभा का सदस्य है तो सिर्फ राज्यसभा के लिए वोट डाल सकता है।

मंत्री को सुविधाएं
प्रत्येक मंत्री को संसद सदस्यों को संदेय सुविधाएँ और भत्ते आदि तो मिलते ही हैं। इसके अलावा उन्हें अपनी पंक्ति के अनुसार मापमान से सत्कार और भत्ता मिलेगा और किरायामुक्त निवास भी मिलेगा।

pm ke baare me sari jankari dijiye aur agnipth yojna kya h bataiye.

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Know, what is the difference among cabinet minister, minister of state and minister of state independent charge? And what are their power |  what is the difference between cabinet minister, minister of state, and minister of states

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल या मोदी कैबिनेट के मंत्र‍िमंडल का विस्तार हुआ है. इस विस्तार से पहले ही केंद्रीय श‍िक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंंक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने अपना इस्तीफा दे दिया था. भारत के केंद्रीय मंत्र‍िमंडल में तीन प्रकार के मंत्री यानि कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) होते हैं. इस विस्तार में पीएम मोदी की कैबिनेट में कुल 43 नेताओं को शामिल किया गया है. हमने अक्सर देखा है कि कई लोग कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister), राज्य मंत्री (Minister of State) और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार (Minister of State Independent Charge) को लेकर confuse रहते है, इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि – कितने प्रकार के मंत्री होते है, और रैंक के हिसाब से इनकी क्या पॉवर होती है. (A key difference between Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in Hindi.)

कैबिनेट मंत्री

1. केन्द्रीय मंत्री/Cabinet Minister, 

2. राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)/Minister of State (Independent Charge),

3. राज्य मंत्री/Minister of State.

1. केंद्रीय मंत्रिमंडल में ऊपर से नीचे के पॉवर क्रम के हिसाब से देखें तो कैबिनेट मंत्री पहले नंबर पर आते हैं. ये कैबिनेट के सदस्य मंत्र‍िमंडल का वो हिस्सा होते हैं जिन पर मंत्रालय का नेतृत्व करने का जिम्मा होता है.

2. इसके बाद दूसरे नंबर पर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आते हैं जिन्हें जूनियर या कनिष्ठ मंत्री कहते हैं, हालांकि ये कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट नहीं करते हैं. 

3. इसके बाद तीसरे नंबर पर आते हैं राज्य मंत्री जो कैबिनेट मंत्री को रिपोर्ट करते हैं, उन्हें आमतौर पर उसी मंत्रालय में एक विशेष जिम्मेदारी सौंपी जाती है. 

केंद्र सरकार ने किया नये सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Co-operation) का गठन 

Difference between Cabinet Ministers, Minister of State and MoS with Independent charge in Hindi. What is Cabinet Minister, Minister of State and Minister of State with Independent Charge in hindi. 

कैबिनेट मंत्री –Cabinet ministers

मंत्रिमंडल का खास हिस्सा कैबिनेट मंत्रियों के पास होता है. उन्हें एक या इससे अध‍िक मंत्रालय भी आवंटित किए जाते हैं. सरकार के सभी फैसलों में कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं. आमतौर पर हर हफ्ते कैबिनेट की बैठक होती है. सरकार कोई भी फैसला, कोई अध्यादेश, नया कानून, कानून संसोधन वगैरह कैबिनेट की बैठक में ही तय करती है.

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)- MoS Independent charge

मंत्री परिषद का हिस्सा स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों के पास आवंटित मंत्रालय और विभाग की पूरी जवाबदेही होती है लेकिन वो आम तौर पर कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हो सकते. कैबिनेट इनको उनके मंत्रालय या विभाग से संबंधित मसलों पर चर्चा और फैसलों के लिए खास मौकों पर बुला सकता है.

राज्य मंत्री- Minister of State.

मंत्रिपरिषद का हिस्सा राज्य मंत्री कैबिनेट मिनिस्टर के अन्दर काम करने वाले मंत्री हैं. बता दें कि एक कैबिनेट मंत्री के अंदर एक या उससे ज्यादा राज्य मंत्री भी हो सकते हैं. इसके अलावा एक मंत्रालय के अंदर कई विभाग होते हैं जो राज्य मंत्रियों के बीच बांटे जाते हैं ताकि वो कैबिनेट मंत्री को मंत्रालय चलाने में मदद कर सकें.

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कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं

कैबिनेट मंत्री की सैलरी व सुविधाएं कैबिनेट मंत्री को हर महीने 1,00,000 रुपए मूल वेतन मिलता है. इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 70,000 रुपए, कार्यालय भत्ता 60,000 रुपए और सत्कार भत्ता 2,000 रुपए शामिल है. राज्य मंत्रियों को 1,000 रुपए प्रतिदिन और डिप्टी मंत्री को 600 रुपए प्रतिदिन सत्कार भत्ता मिलता है. इसके अलावा उन्हें संसद सदस्य की तरह की यात्रा भत्ता/यात्रा सुविधाएं, रेल यात्रा सुविधाएं, स्टीमर पास, आवास, टेलीफोन सुविधाएं और वाहन क्रय हेतु अग्रिम राशि मिलती है.

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केंद्रीय राज्य मंत्री का क्या काम होता है?

राज्यमंत्री एक केबिनेट मंत्री के सहायक के रूप में कार्य करता है और कैबिनेट के मीटिंग में भाग नही ले सकता परन्तु सुविधाये उसे मंत्री वाली ही मिलती है जबकि स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री विभाग का स्वतंत्र प्रभारी होता हो और जरूरत पडने पर कैबिनेटकी मीटिंग में अपनी बात रख सकता है ।

केंद्रीय राज्य मंत्री कौन है?

श्री अजय कुमार मिश्र आपका जन्म 25 सितंबर, 1960 को श्री अम्बिका प्रसाद मिश्र (पिता) तथा श्रीमती प्रेमदुलारी मिश्र (माता) के यहां गांव बनवीर पुर, जिला- लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

कैबिनेट मंत्री का क्या मतलब होता है?

किसी सरकार के उच्चस्तरीय नेताओं के समूह को कैबिनेट (cabinet) कहते हैं। प्रायः उन्हें 'मंत्री' (मिनिस्टर) कहा जाता है किन्तु कहीं-कहीं उन्हें 'सेक्रेटरी' भी कहा जाता है। कैबिनेट, इंग्लैंड की शासन व्यवस्था से विकसित शासन-व्यवस्था का प्रमुख एवं महत्वपूर्ण अंग है।

भारत में कितने मंत्री होते हैं?

यों को मंत्रालय दिए थे तो कई पुराने मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर भी किया था। मौजूदा समय में केंद्र सरकार में खोल 53 मंत्रालय है जिन का कार्यभार 31 मंत्रियों को संभालने को मिला है।

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