कैसे गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए? - kaise ganne se ithenol banaane ke lie?

पुणे। बाजार में शक्कर से ज्यादा इथेनॉल की मांग है। इसलिए गन्ने का प्रमुख उत्पाद इथेनॉल होना चाहिए। देश को शक्कर की जितनी आवश्यकता है उतनी शक्कर बनाकर शेष गन्ने से इथेनॉल बनाया जाना चाहिए। इससे गन्ने को प्रति टन साढ़े तीन हजार रुपए का भाव देना भी संभव है। यह दावा जैव इंधन किसान संगठन के संस्थापक अध्यक्ष श्यामराव देसाई ने किया है। गन्ने के भाव को लेकर किसान संगठन द्वारा आंदोलन शुरू है। इसे देखते हुए देसाई ने अपनी राय जताई है।

क्या कहना है : देसाई का कहना है कि एक टन गन्ने से 110 से 120 किलो शक्कर जबकि 90 लीटर इथेनॉल की निर्मिति होती है। फिलहाल बाजार में पेट्रोल की दर 85 रुपए लीटर है। इसकी तुलना में इथेनॉल की दर 60 रुपए प्रति लीटर माने तो एक टन गन्ने से बनाए गए इथेनॉल को 5400 रुपए मिल सकते हैं। इस प्रकार प्रक्रिया खर्च छोड़कर किसानों को 4400 रुपए भाव देना संभव है।

फिर भी देश को जितनी शक्कर की आवश्यकता है उतनी ही शक्कर बनाकर शेष गन्ने से इथेनॉल निर्मिति की गई तो गन्ने को प्रति टन 3500 रुपए तो दिए ही जा सकते हैं।

सरकार को मिलते हैं ज्यादा रुपए : एक टन गन्ने के लिए किसान को 2500 रुपए मिलते हैं किंतु राज्य सरकार को विभिन्न करों के माध्यम से एक टन गन्ने पर 4914 रुपए मिलते हैं। देसाई ने मांग की है कि सरकार कर के माध्यम से जमा राशि से एक हजार रुपए और कारखाने 2500 रुपए इस प्रकार साढ़े तीन हजार रुपए किसानों को भाव दे।

नेताओं की दोहरी नीति : देसाई ने कहा कि जैव ईंधन इथेनॉल यह पेट्रोल, डीजल से कम धुएं वाला, प्रदूषण रहित ईंधन है। इसके कारण पूरे विश्व में इथेनॉल का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। हमारे देश में नेताओं की दोहरी नीति के कारण इथेनॉल निर्मिति की ओर विशेष ध्यान नहीं दिया जाता।

एथेनॉल (Ethanol) एक तरह का प्रसिद्ध अल्कोहल है, यह एथिल अल्कोहल भी कहलाता हैं। देश की मोदी सरकार ने गन्ने के बाद अब चावल से एथेनॉल तैयार करने पर फोकस बढ़ाने की ओर तैयारी कर रहे है | केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एथेनॉल का उत्पादन कर किसान अच्छा मुनाफा कमा अपनी स्थिति को और बेहतर बना सकते है | उत्तर प्रदेश के किसान जो गन्ने का उत्पादन करते है उन्हें अब चीनी मूल्य के भुगतान के लिए मीलो के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, तथा किसान लोगो को भुगतान करने की स्थिति में भी होंगे |

देश के कृषि विशेषज्ञो ने इथेनॉल को गन्ने के बाद अब चावल से बनाने पर भी जोर दिया है जिसका सीधा फायदा किसानो को होगा | इससे किसानो को उसके उचित दाम प्राप्त होंगे | इस पोस्ट में इथेनॉल (Ethanol) क्या है, इथेनॉल कैसे बनाया जाता है, इथेनॉल के उपयोग व जानकारी आदि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है |

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इथेनॉल क्या है (What is Ethanol)

  • इथेनॉल क्या है (What is Ethanol)
    • इथेनॉल का निर्माण (Manufacture of Ethanol)
  • इथेनॉल का उपयोग (Use of Ethanol)

यह एक तरह का अल्कोहल होता है, जिसका इस्तेमाल पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह कर सकते है | वैसे तो एथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने की फसल से उत्पादित होता है, किन्तु शर्करा वाली विभिन्न प्रकार की फसलों से भी इसे तैयार कर सकते है | इसके प्रयोग से 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन होता है | इसके अतिरिक्त यह कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड के अलावा एथेनॉल हाइड्रोकार्बन के उत्सर्जन को भी कम करता है | एथेनॉल में 35 फीसदी ऑक्सीजन उपस्थित होती है | एथेनॉल फ्यूल के प्रयोग से नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आती है |

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इथेनॉल का निर्माण (Manufacture of Ethanol)

यह एक तरह का अल्कोहल होता है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल करते है | सामान्य तौर पर एथेनॉल को गन्ने की फसल से उत्पादित किया जाता है किन्तु लम्बी शर्करा वाली फसलों से भी इसे तैयार कर सकते है | इसकी खेती से पर्यावरण को भी फ़ायदा होता है, तथा भारतीय स्वरुप से इथेनॉल ऊर्जा का अटूट स्त्रोत है क्योकि भारत में गन्ने की फसल की कभी कमी नहीं हो सकती |

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इथेनॉल का उपयोग (Use of Ethanol)

एथिल एल्कोहल अपनी उत्कृष्ट विलेयक शक्ति के कारण अधिक उपयोगी है | इसका प्रयोग वार्निश, पालिश, दवाओं के घोल तथा निष्कर्ष, ईथर, क्लोरोफ़ार्म, कृत्रिम रंग, पारदर्शक साबुन, इत्र तथा फल की सुगंधों का निष्कर्ष और अन्य रासायनिक यौगिकों को तैयार करने में किया जाता है | इसके अतिरिक्त पीने के लिए विभिन्न मदिराओं के रूप में,घावों को धोने के लिए जीवाणुनाशक के रूप में तथा प्रयोगशाला में घोल के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है |

मरे हुए जीवो को संरक्षित रखने के लिए तथा पीने की ओषधियो में डाला जाता है |  रेआन ऐसिटेट उद्योग के लिए ऐसीटिक अम्ल की पूर्ति मैंगनीज़ पराक्साइड तथा सल्फ़्यूरिक अम्ल की उपस्थिति में ऐल्कोहल का आक्सीकरण करके होती है, क्योंकि यह क्रिया शीघ्र होती है और इससे ऐसीटिक अम्ल तथा ऐसिटैल्डिहाइड प्राप्त होते हैं। स्पिरिट लैंप तथा स्टोव में और मोटर इंजनों में पेट्रोल के साथ इसको ईंधन के रूप में जलाने के प्रयोग में लाते हैं। इसके अधिक उड़नशील न होने के कारण मोटर को चलाने में कठिनाई न हो इस उद्देश्य से इसमें 25% ईथर या पेट्रोल मिलाया जाता हैं |

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यहाँ आपको इथेनॉल (Ethanol) से सम्बंधित जानकारी बताई गई है |  यदि आपको इससे सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो आप  अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | इसके साथ ही आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.hindiraj.com पर विजिट करे |

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गन्ने से इथेनॉल कैसे बनाते हैं?

इथेनॉल(एल्कोहोल) निर्माण की विधियां (१) संश्लेषण विधि-एथिलीन गैस को सांद्र सल्फ़्यूरिक अम्ल में शोषित कराने से एथिल हाइड्रोजन सल्फ़ेट बनता है जो जल के साथ उबालने पर उद्धिघटित (हाइड्रोलाइज़) होकर एथिल ऐल्कोहल देता है। इस विधि का प्रचलन अभी अधिक नहीं है।

इथेनॉल का उत्पादन कैसे किया जाता है?

बनता कैसे है एथेनॉल? एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। एथेनॉल का उत्पादन यूं तो मुख्य रूप से गन्ने की फसल से होता है लेकिन शर्करा वाली कई अन्य फसलों से भी इसे तैयार किया जा सकता है। इससे खेती और पर्यावरण दोनों को फायदा होता है।

95% इथेनॉल को क्या कहते हैं?

इस प्रकार, 95% इथेनॉल को परिशोधित स्पिरिट कहा जाता है।

इथेनॉल बनाने वाली कंपनी कौन कौन सी है?

1. Bajaj Hindustan Limited. मुंबई में स्थित बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी चीनी और इथेनॉल निर्माता है।

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