करवा चौथ का व्रत कैसे मनाया जाए? - karava chauth ka vrat kaise manaaya jae?

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हिंदी न्यूज़ धर्मkarwa chauth 2021 : पहली बार रख रहे हैं करवा चौथ का व्रत तो इन बातों का रखें ध्यान, नोट कर लें पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट

karwa chauth 2021 : हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु व सुख-सौभाग्य के लिए करती हैं। हर साल करवा चौथ का व्रत कार्त्तिक कृष्ण चतुर्थी...

Yogesh Joshiलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 23 Oct 2021 05:09 AM

karwa chauth 2021 : हिंदू धर्म में करवा चौथ व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। सुहागिन महिलाएं इस व्रत को पति की लंबी आयु व सुख-सौभाग्य के लिए करती हैं। हर साल करवा चौथ का व्रत कार्त्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाता है। इस वर्ष यह रविवार, 24 अक्तूबर को है। इस साल कुछ महिलाएं इस व्रत को पहली बार कर रही होंगी। करवा चौथ व्रत में कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए जानते हैं करवा चौथ व्रत के नियम, पूजा- विधि और सामग्री की पूरी लिस्ट-

करवा चौथ पूजा- विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
  • स्नान करने के बाद मंदिर की साफ- सफाई कर ज्योत जलाएं।
  • देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना करें।
  • निर्जला व्रत का संकल्प लें।
  • इस पावन दिन शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है।
  • सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
  • माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करें।
  • करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है।
  • चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखें।
  • इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।

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करवा चौथ पूजन सामग्री

  • चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प,  कच्चा दूध, शक्कर,  शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी,  बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन,  दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, जल का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा (दान) के लिए पैसे आदि।

व्रती महिलाएं इन बातों का रखें ध्यान-

1. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के दौरान काला पहनने की मनाही होती है। यह अशुभता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि मंगलसूत्र के काले दाने के अलावा इस दिन किसी काले रंग का प्रयोग न करें।

2. मान्यता है कि सुहागिनों को सफेद वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक माना जाता है। लेकिन सुहाग के लिए रखे जाने वाले करवा चौथ व्रत में सफेद रंग की मनाही होती है।

3. करवा चौथ के दिन सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग पहनने से बचना चाहिए। मान्यता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है। 

इन रंगों के वस्त्र धारण करना माना जाता है शुभ-

  • करवा चौथ के दिन सुहागिनों को लाल, गुलाबी, पीला, हरा और महरून रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पहली बार करवा चौथ व्रत रखने वाली स्त्रियों को लाल रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं अगर शादी का जोड़ा पहनती हैं तो, इसे और उत्तम माना जाता है।

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निर्जला व्रत रखें

  • करवा चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। इस व्रत में चांद के दर्शनों का विशेष महत्व होता है। रात में चांद के दर्शनों के बाद ही व्रत पूरा माना जाता है। रात्रि में चंद्रमा के दिखने पर ही अर्घ्य प्रदान करें। इसके साथ ही, गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए।

सरगी

  • इस व्रत में सास सूर्योदय से पूर्व अपनी बहू को सरगी के माध्यम से दूध, सेवई आदि खिला देती हैं। फिर शृंगार की वस्तुएं- साड़ी, जेवर आदि करवा चौथ पर देती हैं।

चांद निकलने का समय- रात्रि 8 बजकर 11 मिनट पर। अलग- अलग शहरों में चांद निकलने के समय में बदलाव हो सकता है। 

पहली बार करवा चौथ का व्रत कैसे करें?

करवा चौथ की पूजा के लिए आप सबसे पहले बाजार से एक बड़ी थाली लेकर आएं। इसके साथ ही आप अलग-अलग रंग की गोटा पट्टी और रंगीन पेपर भी बाजार से लाएं जिससे आप अपनी थाली को डेकोरेट कर सकती हैं। आप अगर अपने आउटफिट से मैचिंग की थाली चाहती हैं तो अपने कपड़ों के कलर से मैचिंग का डेकोरेशन का सामान खरीदें।

करवा चौथ व्रत की पूजा कैसे की जाती है?

Kab Hai Karwa Chauth 2022: करवा चौथे का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपावास करती हैं. यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लेती हैं.

करवे में क्या क्या भरा जाता है?

करवा चौथ की व्रत कथा सुनते समय दोनों करवे पूजा स्थान पर रखे जाते हैं. करवे को साफ करके उसमें रक्षा सूत्र बांधकर, हल्दी और आटे के मिश्रण से एक स्वस्तिक चिह्न बनाया जाता है. इसके बाद करवे पर 13 रोली की बिंदी को रखकर हाथ में गेहूं या चावल के दाने लेकर करवा चौथ की कथा सुनी जाती है.

करवा चौथ रात को कैसे मनाई जाती है?

karva chauth एक हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है ,जिसे मुख्य रूप से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है। विशेष रूप से भारत वर्ष में इस पर्व को सुहागिनों द्वारा मनाया जाता है। यह उपवास सूर्योदय से पहले एवं रात में चन्द्रमा दर्शन के बाद पूर्ण हो जाता है।

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