हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Thu, 29 Sep 2022 12:05 AM IST
हार्ट अटैक का खतरा कम उम्र के लोगों में भी बढ़ता जा रहा है, विशेषज्ञ कहते हैं पिछले कुछ वर्षों में ऐसे मामले तेजी से बढ़ते हुए देखे गए हैं, यह निश्चित ही गंभीर संकेत है। इस तरह के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सभी उम्र के लोगों को हृदय की सेहत का ख्याल रखने पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्ययकता है। हाल ही में कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को जिम में हार्ट अटैक आया, जिसके बाद अस्पताल में उनका लंबा इलाज चला, हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका।
इससे पहले अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला की भी मौत हार्ट अटैक के कारण हो गई थी, गौरतलब है कि इन लोगों की उम्र कम थी। यही कारण है कि डॉक्टर्स सभी लोगों को हृदय रोग और हार्ट अटैक के संकेतों और जोखिम कारकों के बारे में जानने और उससे बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। हृदय रोग के बढ़ते खतरे के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है।
अमर उजाला से बातचीत में पुणे स्थित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अभय प्रताप सिंह ने एक बातचीत में बताया कि हार्ट अटैक के पहले से ही कुछ संकेत दिख सकते हैं, जिनपर अगर समय रहते ध्यान दे दिया जाए तो इससे बचाव किया जा सकता है। अक्सर सुबह उठने के समय लोगों को कई ऐसी समस्याओं का अनुभव हो सकता है, जिसे हार्ट अटैक के संभावित जोखिम के तौर पर देखा जाता है। चूंकि यह समस्या कम उम्र के लोगों में भी बढ़ती जा रही है, ऐसे में सभी लोगों को इस तरह के संकेतों पर ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
सुबह के समय हार्ट अटैक का जोखिम
डॉ अभय बताते हैं, हार्ट अटैक की कुछ स्थितियां साइलेंट भी हो सकती हैं, ऐसी स्थितियों में सामान्यतौर पर कोई गंभीर लक्षण नजर नहीं दिखते हैं। अधिकांश मामलों में दिल के दौरे सुबह होते हैं, यह एक ऐसी घटना है जिसे शोधकर्ताओं ने सर्कैडियन रिदम से जोड़ा है। सुबह के वक्त में कुछ हार्मोन, विशेष रूप से एपिनेफ्रीन, नॉरपेनेफ्रिन और कोर्टिसोल में असंतुलन हो सकता है जिसके कारण रक्तचाप बढ़ने लग जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। इसके अलावा यदि आपको सुबह के समय कुछ विशेष लक्षणों का अनुभव होता रहता है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। आइए इस बारे में जानते हैं।
बेचैनी या सीने में दर्द की समस्या
दिल का दौरा पड़ने या इसके शुरुआती संकेत में अक्सर लोगों को सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है। छाती में दबाव, जकड़न या भारीपन जैसा महसूस हो सकता है। कुछ लोगों को दर्द का अनुभव भी होता है जो बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े, पीठ या पेट तक फैल सकता है। इन स्थितियों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता होती है, ये साइलेंट हार्ट अटैक या फिर हार्ट अटैक का भी संकेत हो सकते हैं। इन लक्षणों के बढ़ने से पहले किसी विशेषज्ञ की सहायता जरूर ले लें।
सुबह के वक्त अधिक पसीना होना
यदि आपको सुबह के समय अक्सर पसीना जैसा महसूस होता रहता है तो इस बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर कहते हैं, धमनियों में होने वाली बाधा के कारण शरीर में रक्त के प्रवाह के लिए आपके हृदय को अधिक दबाव के साथ मेहनत करनी पड़ती है। इस तरह की अतिरिक्त मेहनत में शरीर के तापमान को कम रखने के लिए शरीर से अधिक पसीना आ सकता है। यदि आप सुबह या आधी रात में अक्सर ठंडे पसीने का अनुभव करते हैं, तो इस बारे में तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें, यह गंभीर स्थितियों का संकेत भी हो सकता है।
सुबह के समय मतली या उल्टी
सुबह के समय मतली या उल्टी के साथ पेट दर्द भी हो सकता है। छाती में असहजता के साथ होने वाले इस प्रकार के अनुभव के मामले में विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों में अक्सर लोगों ने मतली जैसे अनुभवों की शिकायत की है। सुबह के समय अक्सर होने वाली ऐसी दिक्कतों के बारे में किसी विशेषज्ञ से सहायता जरूर ले लें। ऐसा करके आप किसी गंभीर जोखिम से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
हार्ट अटैक एक ऐसी समस्या है, जो कभी 60 साल से ऊपर के लोगों की बीमारी मानी जाती थी. लेकिन अब तो 25 से 30 साल के युवाओं को भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है. दुख की बात ये है कि इनमें से ज्यादातर हार्ट अटैक के केसेज में युवाओं की जान चली जाती है. इसलिए हम सभी को ये बात जरूर पता होनी चाहिए कि हार्ट अटैक से पहले किस तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं और अटैक होने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए...
हार्ट अटैक के कारण
- हार्ट अटैक की समस्या तब होती है, जब हृदय के किसी एक हिस्से में ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है या पर्याप्त मात्रा में इस पार्ट को ब्लड नहीं मिल पाता है.
- जब ब्लड फ्लो को बाधित हुए लंबा समय हो जाता है तो हार्ट मसल्स डैमेज होनी शुरू हो जाती हैं. इससे हार्ट अटैक की स्थिति बनती हैं.
- हार्ट अटैक की मुख्य वजह कोरोनरी आर्टरी डिजीज यानी सीएडी को माना जाता है. इसके अलावा बहुत अधिक तेज दर्द के कारण भी अटैक की समस्या होती है. हालांकि इस कारण होने वाले हार्ट अटैक की संख्या बहुत कम होती है.
- हृदय की धमनियों यानी हार्ट आर्टरी का अचानक सिकुड़ जाना भी हार्ट अटैक की वजह बन सकता है. क्योंकि ऐसा होने पर हार्ट मसल्स में ब्लड का फ्लो रूक जाता है.
हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द और बेचैनी
- ज्यादातर हार्ट अटैक से पहले सीने में दर्द और बेचैनी की समस्या होती है. इस दौरान चेस्ट के बीच में या फिर उल्टे हाथ की तरफ बहुत अधिक भारीपन, कुछ निचोड़ने जैसा अहसास या फुलावट और दर्द का अनुभव होता है.
- कमजोरी और चक्कर
- अटैक आने के कुछ समय पहले कमजोरी लगना और चक्कर आने की समस्या हो सकती है या ठंडा पसीना आना, जैसे लक्षण दिख सकते हैं. जबड़े, गर्दन और पीठ में एक साथ दर्द या बेचैनी का अनुभव हो सकता है.
- सांस, ठीक से सांस ना ले पाना और छोटी-छोटी सांस भर पाने जैसी स्थिति हो सकती है. आमतौर पर सांस उखड़ने की समस्या सीने में दर्द के साथ होती है. लेकिन कई बार सांस पहले उखड़ने लगता है और सीने में दर्द या बेचैनी बाद में शुरू होती है.
- बिना कारण बहुत अधिक थकान लगना, जी मिचलाना और उल्टी हो जाना भी हार्ट अटैक से पहले दिखने वाले लक्षण हो सकते हैं. ये लक्षण आमतौर पर महिलाओं में देखने को मिलते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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