अच्छा नागरिक ही देश को बनाता है समृद्ध और संगठित
Publish Date: Wed, 02 Nov 2016 01:00 AM (IST)Updated Date: Wed, 02 Nov 2016 01:00 AM (IST)
किसी देश, राज्य व नगर में रहने वाले व्यक्तिका संबोधन नागरिक शब्द के रूप में किया जाता है। नागरिक
किसी देश, राज्य व नगर में रहने वाले व्यक्तिका संबोधन नागरिक शब्द के रूप में किया जाता है। नागरिक एक ऐसा व्यक्ति जिसे राज्य में रहने, नौकरी करने, व्यापार करने, संपत्ति रखने और स्वतंत्रतापूर्वक अपने विचार प्रकट करने का जन्म से ही अधिकार प्राप्त हो। किसी भी व्यक्तिको किसी देश में नागरिकता जन्मजात और रक्त संबंध से ही मिलती है या फिर एक जगह पर निवास करने, जमीन-जायदाद खरीदने या विवाहोपरांत मिलती है।
वास्तव में मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और यह दूसरे मनुष्यों के साथ मिलकर रहता है। विभिन्न संबंधों के आपस में जुड़े होने की प्रक्रिया ही नागरिक जीवन की आधारशिला है। देश से संबंधित होने पर ही व्यक्तिको नागरिक होने का श्रेय मिलता है। सही में व्यक्ति की अपनी निजी पहचान एक नागरिक के रूप में देश पर ही निर्भर करती है। नागरिक का एक अर्थ है। इसे हम देश के प्रति कर्तव्यों व अधिकारों से भी ले सकते हैं। हर देश में नागरिक के कुछ अधिकार हैं, जो वहां के संविधान या कानून द्वारा उसे प्राप्त होते हैं। इन अधिकारों को प्राप्त करके व्यक्ति एक अच्छा जीवन व्यतीत करता है और देश का प्रतिनिधित्व भी। एक अच्छे नागरिक का अपने देश के राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व नैतिक दृष्टि से बड़ा महत्व होता है।
एक अच्छा नागरिक ही समाज का आधार और शोभा है। एक नागरिक होने का गर्व हमें तभी मिल सकता है, जब हम लोगों में ये गुण हों। जैसे शिक्षित, कर्तव्यनिष्ठा, देश भक्ति, चरित्रवान, सत्य बोलने वाला, परिश्रमी और स्वावलंबी आदि। ऐसे नागरिक का जीवन और आचारण अनुकरणीय होता है। एक अच्छा नागरिक देश को शक्ति संपन्न, समृद्ध और संगठित बनाता है। उपर्युक्त गुण जिस भी देश के व्यक्तिमें होंगे। वह निस्संदेह एक अच्छा नागरिक होगा और ऐसे नागरिक पर सब गर्व करेंगे। ऐसे नागरिक से बड़ा कोई देश भक्त नहीं हो सकता। देश भक्ति का अर्थ है देश के प्रति अटूट प्रेम और समर्पण। इस तरह के लोग देश की कैसी भी स्थिति हो, देश हित में लगे रहते हैं। इतिहास में ऐसे कई वीर शिरोमणि हुए हैं, जिन्होंने श्रेष्ठ नागरिक होने के प्रमाण दिए हैं- महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, लाला लाजपत राय आदि। ये ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिन्हें अपने देश का नागरिक होने का गर्व था। वह कोई भी ऐसा काम नहीं करते जो दूसरों के हित में न हो, देश और समाज को हानि पहुंचाने वाला हो।
आज के नागरिक का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य वोट द्वारा देश की प्रगति को सुनिश्चित करना भी है। वह अपने मत का मूल्य समझ कर देश को प्रगति की ओर ले चले। अंतत: हम यही कह सकते हैं कि देश और नागरिक दोनों परस्पर एक दूसरे पर आश्रित हैं। कोई भी देश और नागरिक तभी गौरवान्वित हो सकता है जब एक नागरिक सच्चे अर्थो में देश के लिए अपने कर्तव्य और उत्तरदायित्व का पूर्ण रूप से निर्वाह करे, जिससे देश भी ऐसे नागरिक पर गर्व कर सके।
-जगदीश शर्मा (प्रिंसिपल गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल राया)
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