गाय के चार थन होते हैं in English - gaay ke chaar than hote hain in ainglish

There are more cows in India, than there are cars in the United States!

भारत में इतनी गाय(cows) हैं जितनी अमेरिका में कुल गाड़ियाँ भी नहीं।!

A guess-the-number game, aka Bulls and Cows.

एक अनुमान संख्या खेल, उर्फ ​​गाय और बैल।

Sacred cows in infection control.

पवित्र गायों संक्रमण नियंत्रण में।

Dairy farm project 2 cows.

डेयरी खेत परियोजना 2 गायों।

They do not, however, kill cows.

लेकिन वह गाय की हत्या नहीं करता है।

It is found in cows' milk.

यह गाय के दूध में पाया जाता है।

However, the cows are all one color.

लेकिन सारे गधो का रंग एक जैसा ही होता हैं।

Cows help farmers a lot in agriculture.

गायों से किसानों को कृषि में बहुत मदद मिलती है।

Cows are pregnant for nine months just like humans.

गाय का गर्भकाल इंसानों

की

तरह ही 9 महीने

का

होता है।

तुम्हारी आँखें गाय की तरह हैं।

Cows: Today we are still on strike and closed.

वस्तुत: आज लोग भी बंद और हड़तालों से ऊब गए हैं।

In India, Cows are considered sacred.

भारत में गाय को पवित्र माना जाता है।

Cows are sacred to many people in India.

भारत में कई लोग गाय को पूज्य मानते हैं।

There may be cows in these fields.

इन पशुओं में गाय भी हो सकतीं हैं।

She loves chickens and cows.

उनको मक्खन और गाय से बहुत प्रेम हैं।

Cows are included in this list of dangerous animals in the UK.

इसी वजह से यहां गाय को खतरनाक जानवरो की सूची में रखा गया है।

In West Bengal, cows need a photo ID.

पश्चिम बंगाल, भारत में, गायों के पास एक फोटो आईडी कार्ड होना चाहिए।

Cows give more milk when they listen to music.

गाएं संगीत सुनाने पर अधिक दूध देती हैं।

Serve cows and take the blessings of young girls.

गाय की सेवा करें और छोटी कन्याओं

का

आशीर्वाद लें।

Cows have one stomach but it has four digestive compartments.

गाय के पास एक ही पेट होता है लेकिन उसमें चार तरह से डाइजेस्टिव कंपार्टमेंट होता है।

He had many cows, and much silver and gold.

उसके पास बहुत से जानवर, बहुत सी चाँदी और बहुत सा सोना था।

Cows produce more milk while listening to music.

अधिकांश गायों ने संगीत को सुनने के दौरान अधिक दूध दिया है।

Thus so many cows who had drunk the water had died.

इसलिए जिन गायों ने जल पिया था वे मर गयीं थीं।

My son said,“Cows have calves; little cows.

मेरे बेटे ने जवाब दिया,“गाय के बछड़े होते हैं; छोटी गाय।

Your cows are beautiful and fat.

गाय की आँखें बड़ी व खूबसूरत होती हैं।

In India, cows are considered holy.

भारत में गाय को पवित्र माना जाता है।

And the thin bad cows ate up the seven first cows,

और इन भद्दी और पतली गायों ने पहली सुन्दर सात

गायों

को खा डाला।

Cows have four stomach with which to digest their own milk.

गाय के चार थन होते है जिससे दूध दुहा जाता है।

They all looked like cows.

Cows also have a well-developed maternal instinct.

गायों में एक अच्छी तरह से विकसित मातृ वृत्ति भी है।

Results: 1812, Time: 0.1594

गाय व भेंसों में मद चक्र, मद काल, व मद के लक्षण


दुग्ध पशुओं में प्रजनन कार्यक्रम की सफलता के लिए पशु पालक को मादा पशु में पाए जाने वाले मद चक्र का जानना बहुत आवश्यक है| गाय या भेंस सामान्य तौर पर हर 18 से 21 दिन के बाद गर्मी में आती है जब तक शरीर का वज़न लगभग 250 किलो होने पर शुरू होता है| गाय व भेंसों में ब्याने के लगभग डेढ़ माह के बाद यह चक्र शुरू हो जाता है| मद चक्र शरीर में कुछ खास न्यासर्गों (हार्मोन्स) के स्राव में संचालित होता है|
गाय व भेंसों में मदकल (गर्मी की अवधि) लगभग 20 से 36 घटे का होता है जिसे हम 3 भागों में बांट सकते हैं:- (1)मद की प्रारम्भिक अवस्था (2)मद की मध्यव्स्था (3)मद की अन्तिम अवस्था| मद की विभिन्न अवस्थाओं का हम पशुओं में बाहर से कुछ विशेष लक्षणों को देख कर पता लगा सकते हैं|

मद की प्रारम्भिक अवस्था:


(1)पशु की भूख में कमी आना|
(2)दूध उत्पादन में कमी|
(3)पशु का रम्भावना (बोलना)व बेचैन रहना|
(4)योनि से पतले श्लैष्मिक पदार्थ का निकलना|
(5)दूसरे पशुओं से अलग रहना|
(6)पशु का पूंछ उठाना|
(7)योनि द्वार (भग) का सूजना तथा बार-बार पेशाब करना|
(8)शरीर के तापमान में मामूली सी वृद्धि|

मद की मध्यव्स्था:


गर्मीं की यह अवस्था बहुत महवपूर्ण होती है क्योंकि कृत्रिम ग्रंह धान के लिए यही अवस्था सबसे उपयुक्त मानी जाती है| इसकी अवधि लगभग 10 घटे तक रहती है| इस अवस्था में पशु काफी उत्तेजित दीखता है तथा वह अन्य पशुओं में रूचि दिखता है|
यह अवस्था निम्नलिखित लक्षणों से पहचानी जा सकती है|
(1)योनि द्वार (भग) से निकलने वाले श्लैष्मिक पदार्थ का गढा होना जिससे वह बिना टूटे नीचे तक लटकता हुआ दिखाई देता है|
(2)पशु ज़ोर-ज़ोर से रम्भावना (बोलने) लगता हैं|
(3)भग (योनि द्वार)की सूजन तथा श्लैष्मिक झिल्ली की लाली में वृद्धि हो जाती है|
(4)शरीर का तापमान बढ़ जाता हैं|
(5)दूध में कमी तथा पीठ पर टेढ़ापन दिखाई देता है|
(6)पशु अपने ऊपर दूसरे पशु को चढने देता हैं अथवा वह खुद दूसरे पशुओं पे चढने लगता|

मद की अन्तिम अवस्था:


(1)पशु की भूख लगभग सामान्य हो जाती है|
(2)दूध में कमी भी समाप्त हो जाती है|
(3)पशु का रम्भाना कम हो जाता हैं|
(4)भग की सूजन व श्लैष्मिक झिल्ली की लाली में कमी आ जाती है|
(5)श्लेष्मा का निकलना या तो बन्द या फिर बहुत कम हो जाता है तथा यह बहुत गाढ़ा व कुछ अपारदर्शी होने लगता है|

गर्भधान करने का सही समय:


पशु में मदकल प्रारम्भ होने के 12 से 18 घटे बाद अर्थात मदकल के द्वितीय अर्ध भाग में उसमें गर्भधान करना सबसे अच्छा रहता है| मोटे तौर पर जो पशु सुबह गर्मीं में दिखाई डे उसमें दोपहर के बाद तथा जो शाम को मद में गिकाही से उसमें अगले दिन सुबह गर्भधान करना चाहिए| टीका लगाने का उपयुक्त समय वह है जब पशु दूसरे पशु के अपने ऊपर चढने पर चुपचाप खड़ा रहे| इसे स्टेंडिंग हित कहते हैं| बहुत से पशु मद काल में रम्भाते नहीं हैं लेकिन गर्मीं के अन्य लक्षणों के आधार पर उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता हैं|

गाय व भैंस में मदकाल, गर्भकाल एवं गर्भवती एवं गर्भित करने की समय सूचक सरणी-1

पशु संभोग काल वर्ष में 
ऋतुमती
होना
ऋतुकाल
की
अवधि
वीर्य 
डालने
का समय
गर्भ काल
गर्भ न 
ठहरने 
पर
ब्यांत
के
बाद
गाय
भैंस
वर्ष भर
तथा
गर्मियों 
में
अधिक
हर 18-21
दिन बाद
30-60 
दिन में
20-36 
घण्टे
मदकल 
आरम्भ
होने के
12-18
घण्टे बाद 1
गाय-280
दिन
भैंस-308
दिन

पशुओं के मद चक्र पर ऋतुओं का प्रभाव:


वैसे तो साल भर पशु गर्मी में आटे रहते हैं लेकिन पशुओं के मद चक्र पर ऋतुओं का प्रभाव भी देखने में आता हैं| हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा जिले में वर्ष 1990 से 2000 तक किये गये कृत्रिम गर्भधान कार्य के एक विश्लेषण के अनुसार माह जून में सबसे अधिक (11.1%) गये गर्मीं में देखी गयीं जबकि सबसे कम(6.71%) गयें माह अक्टूबर में मद में पाई गयीं|प्रजनन के दृष्टिकोण से गायों में सबसे अच्छा त्रैमास सितम्बर-अक्टूबर -नवम्बर में सबसे कम (21.9%)गयें गर्मीं प्राप्त हुई| भैंसों में ऋतुओं का प्रभाव बहुत अधक पाया जाता है| उपरोक्त वर्षों में माह मार्च से अगस्त तक छ: माह की अवधि में जिसमें दिन की लम्बाई अधिक होती है वर्ष की 26.17% भैंसें मद में रिकाड की गयीं जबकि शेष छ: माह सितम्बर से फरवरी की अवधि में जिसमें दिन छोटे होते हैं, वर्ष की बाकी 73.83% भैंसें गर्मीं में पायी गयीं|गायों के विरुद्ध भैंसों में त्रैमास मई-जून-जुलाई प्रजनन के हिसाब से सबसे खराब रहा जिसमें केवल 11.11% भैंसें गर्मीं में देखी गयी जनकी त्रैमास अक्टूबर -नवम्बर-दिसम्बर सर्वोतम पाया गया जिसमें 44.13% भैंसों को मद में रिकाड किया गया|पशु प्रबन्धन में सुधर करके तथा पशुपालन में आधुनिक वैज्ञानिक त्रिकोण को अपना कर पशुओं के प्रजनन पर ऋतुओं के कुप्रभाव को जिससे पशु पालकों को बहुत हानि होती है, काफी हद तक कम किया जा सकता हैं|

गाय के थन को क्या बोलते हैं?

थन (udder) का अर्थ है- किसी मादा पशु का स्तन जिस से वह अपने बच्चे या बछडे़ को दूध पिलाती है। प्रत्येक स्तनपायी प्राणी में यह होता है। यह स्तन ग्रंथियों से बना होता है। पशुओं में यह एक बड़े थैले के समान पशु के पिछले भाग में उसके पेट के नीचे लटका रहता है।

गाय के थन कितने होते हैं?

इसके नर पशुओं में ही सींग होते हें और दो थन होते हैं, जबकि गोवंश प्रजाति में नर-मादा दोनों में सींग होते हैं। मादा के चार थन होते हैं

गे के थानो को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

गाय के थन को Udder बोला जाता है।

क्या गाय के चार थन होते हैं?

चार थन होते है।

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