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गाय हरी घास खाती है लेकिन सफेद दूध क्यों देती है?
इसे सुनेंरोकेंदूध में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता ही है, साथ में विटामिन डी की भी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूती देती है। दूध को सफेदी कैसीन नामक प्रोटीन से मिलती है। यह प्रोटीन कैल्शियम के साथ दूध को सफेद रंग देने का काम भी करता है। दूध में मौजूद वसा भी सफेद रंग का होता है।
गाय का दूध सफेद क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंभैंस के दूध में भी प्रोटीन पाया जाता है और भैंस में कैसीन नामक प्रोटीन होता है जिसकी वजह से भैंस के दूध का रंग ज्यादा सफेद होता है।
दूध का रंग व्हाइट क्यों होता है?
इसे सुनेंरोकेंदूध का सफेद रंग कैसिन की उपस्थिति के कारण होता है। कैसिन दूध में मुख्य प्रकार के प्रोटीन में से एक है जो कैल्शियम और फॉस्फेट के साथ मिलकर छोटे कण बनाते हैं जिन्हें मिसेल कहा जाता है। जब प्रकाश इन कैसिन मिसेल्स से टकराता है तो यह प्रकाश को अपवर्तित और बिखरने का कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप दूध सफेद दिखाई देता है।
गाय भैंस का दूध सफेद क्यों होता है?
गाय घास क्यों खाती है?
इसे सुनेंरोकेंयदि गाय, भैंस, बकरी, भेड़ जैसे पशु घास खाकर उसे पचा पाते हैं तो इसकी वजह है उनके पाचन तंत्र में ऐसे सूक्ष्मजीवों यानी बैक्टीरिया और प्रोटोजोआ की मौजूदगी जो सेल्यूलोज़ को पचाने की क्षमता रखते हैं। जो विकसित जीव घास, पत्ती, लकड़ी वगैरह खाकर जिंदा हैं वे इन सूक्ष्म-जीवों से प्रेम बनाकर रखते हैं।
गाय घास कब खाती है?
Translation of «गाय घास खाती है» in English language: «Cow eats grass»
घास: | Grass |
खाती: | Eats |
है: | Is |
औरत के दूध में क्या पाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंमाँँ के दूध में लेक्टोफोर्मिन नामक तत्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह तत्त्व को बांध लेता है और लौह तत्त्व के अभाव में शिशु की आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते। माँँ के दूध से आए साधारण जीवाणु बच्चे की आँत में पनपते हैं और रोगाणुओं से प्रतिस्पर्धा कर उन्हें पनपने नहीं देते। माँँ के दूध में रोगाणु नाशक तत्त्व होते हैं।
दूध का सफेद रंग किसकी उपस्थिति के कारण होता है?
दूध से गोरा कैसे होते हैं?
सबसे पहले 4 चम्मच दूध लें.
-राजू पाण्डेय
दूध को अपने आप में संपूर्ण आहार माना जाता है। दूध में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता ही है, साथ में विटामिन डी की भी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूती देती है।
दूध को सफेदी कैसीन नामक प्रोटीन से मिलती है। यह प्रोटीन कैल्शियम के साथ दूध को सफेद रंग देने का काम भी करता है। दूध में मौजूद वसा भी सफेद रंग का होता है। यही कारण है कि दूध में जितनी ज्यादा मात्रा में वसा या चिकनाई होती है, वह उतना ही ज्यादा सफेद होता है जबकि कम वसा या क्रीम वाला दूध हल्का मटमैला दिखाई देता है।
वसा की अधिकता के कारण ही भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक सफेद होता है। इसके अतिरिक्त एक कारण और भी है, जो दूध को सफेद दिखाता है। कारण कुछ चीजें प्रकाश का पूरी तरह से अवशोषण नहीं कर पाती हैं। वे प्रकाश को जैसे का तैसा लौटा देती हैं। ऐसा ही कैसीन के अणु भी करते हैं। वे पूरा प्रकाश लौटा देते हैं। देखने में दूध का रंग सफेद लगता है।
साभार - देवपुत्र