गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ कदए? - gavariya kee topee par darjee ne paanch phundane kyon jad kade?

Q1.

गवरइया और गवरा के बीच किस बात पर बहस हुई और गवरइया को अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर कैसे मिला?

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Q2.

गवरइया और गवरे की बहस के तर्कों को एकत्र करें और उन्हें संवाद के रूप में लिखें।

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Q3.

टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस - किस के पास गयी? टोपी बनने तक के एक - एक कार्य को लिखें |

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Q4.

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

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प्रश्न 3: टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई? टोपी बनने तक के एक−एक कार्य को लिखें।

उत्तर : टोपी बनवाने के लिए गवरइया रूई लेकर सबसे पहले धुनिया के पास गई। उसके बाद उत्साहित गवराइया एक कोरी के यहाँ घुनी रूई से सूत कातवाने गई। फिर वो सूत से कपड़ा बुनवाने के लिए एक बुनकर के पास गई । अन्तत: गवरइया कपड़ा लेकर टोपी सिलवाने के लिए एक दर्जी के पास गई। दर्जी ने उसके कपड़े से शर्त के अनुसार दो सुन्दर टोपियाँ सिल दी। एक टोपी उसने अपने पास रख ली तथा दूसरी टोपी गवरइया को दे दी। टोपी बनने के बाद दर्जी ने अपनी तरफ से उसमें पाँच फुँदने भी लगा दिए।

प्रश्न 4: गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

उत्तर : गवरइया की टोपी पर दर्जी ने खुश होकर अपनी तरफ से पाँच फुँदने जड़ दिए। क्योंकि इस मुल्क में आज तक दर्जी को मेहनत करने के लिए किसी ने इतनी मज़दुरी नहीं दी थी। गवरइया ने दर्जी को टोपी बनाने के लिए अपने कपड़े में से आधा कपड़ा दे दिया था।

Page No 125:
प्रश्न 1: गाँव की बोली में कई शब्दों का उच्चारण अलग होता है। उनकी वर्तनी भी बदल जाती है। जैसे गवरइया गौरैया का ग्रामीण उच्चारण है। उच्चारण के अनुसार इस शब्द की वर्तनी लिखी गई है। फुँदना, फुलगेंदा का बदला हुआ रूप है। कहानी में अनेक शब्द हैं जो ग्रामीण उच्चारण में लिखे गए हैं, जैसे − मुलुक-मुल्क, खमा-क्षमा, मजूरी-मजदूरी, मल्लार-मल्हार इत्यादि। आप क्षेत्रीय या गाँव की बोली में उपयोग होनेवाले कुछ ऐसे शब्दों को खोजिए और उनका मूल रूप लिखिए, जैसे − टेम-टाइम, टेसन/टिसन − स्टेशन।

उत्तर :
(1) सकूल – स्कूल
(2) कम्पूटर – कम्प्यूटर
(3) टी.बी. – टी.वी.

4

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पांच फुँदने क्यों जड़ दिए?

बुना हुआ कपड़ा लेकर गवरइया दर्जी के पास पहुंचती है। पहले तो दर्जी गवरइया को यह कहकर मना कर देता है कि वो राजा के बेटे के कपड़े सिल रहा है। इसलिए वह उसका काम नहीं करेगा। इसके बाद गवरइया ने उससे कहा कि इस कपड़े से दो टोपियां सिल दो। एक तुम रख लो और एक मुझे दे दो। दर्जी को ये प्रस्ताव पसंद आया। उसने झट से गवरइया के लिए टोपी सिल दी। खुश होकर दर्जी ने टोपी में पांच फुंदने भी लगा दिए। जिससे वो टोपी और भी सुंदर दिखने लगी।


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Short Note

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच हुँदने क्यों जड़ दिए?

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Solution

गवरइया जब बुनकर द्वारा बुना महीन कपड़ा लेकर दर्जी के पास गई तो उसने दर्जी से कहा कि इस कपड़े से दो टोपियाँ सिल दे। उनमें से एक को अपने पारिश्रमिक के रूप में रख ले। इतनी अच्छी मजूरी मिलने की बात दर्जी सोच भी नहीं सकता था। वह बहुत खुश हुआ। उसने अपनी खुशी से गवरइया की टोपी पर पाँच हुँदने जड़ दिए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 8)

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Chapter 18: टोपी - कहानी से [Page 127]

Q 4Q 3Q 1

APPEARS IN

NCERT Class 8 Hindi - Vasant Part 3

Chapter 18 टोपी
कहानी से | Q 4 | Page 127

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4. गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

Answer :
गवरइया की टोपी पर दर्जी ने खुश होकर अपनी तरफ से पाँच फुँदने जड़ दिए। क्योंकि इस मुल्क में आज तक दर्जी को मेहनत करने के लिए किसी ने इतनी मज़दुरी नहीं दी थी। गवरइया ने दर्जी को टोपी बनाने के लिए अपने कपड़े में से आधा कपड़ा दे दिया था।


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Asked on      2021-01-01 13:39:59 by Guest | Votes 1 | Views: 496 | Tags: 8th class     | hindi     | chapter 18 topi     | Add Bounty

Question 4:

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुँदने क्यों जड़ दिए?

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Answered by Guest on 2021-01-01 15:12:16 | Votes -2 | #

Answer:

गवरइया की टोपी पर दर्जी ने खुश होकर अपनी तरफ से पाँच फुँदने जड़ दिए। क्योंकि इस मुल्क में आज तक दर्जी को मेहनत करने के लिए किसी ने इतनी मज़दुरी नहीं दी थी। गवरइया ने दर्जी को टोपी बनाने के लिए अपने कपड़े में से आधा कपड़ा दे दिया था।

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गवारिया की टोपी पर दर्जी ने फुदने ने क्यों जड़ दिए?

Answer: गवरइया की टोपी पर दर्जी ने खुश होकर अपनी तरफ से पाँच फुँदने जड़ दिए। क्योंकि इस मुल्क में आज तक दर्जी को मेहनत करने के लिए किसी ने इतनी मज़दुरी नहीं दी थी। गवरइया ने दर्जी को टोपी बनाने के लिए अपने कपड़े में से आधा कपड़ा दे दिया था।

टोपी पहनते ही गवरइया के मन में क्या इच्छा जागी तथा टोपी पहनकर गवरइया की क्या प्रतिक्रिया थी?

गवरइया का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर जँचता है जबकि गवरा का कहना था कि आदमी कपड़े पहनकर अपनी कुदरती सुंदरता को ढक लेता है। गवरइया की इच्छा थी कि वह अपने सिर पर एक टोपी पहने। उसे अपनी इच्छा पूरी करने का अवसर तब मिला जब उसे कूड़े के ढेर पर चुगते-चुगते रुई का एक फाहा मिला। टोपी बनवाने के लिए गवरइया किस किस के पास गई?

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