मान्यता: गुरुवार के दिन करें इन पांच में कोई एक काम, धन-धान्य के भरेंगे भंडार
धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रुस्तम राणा Updated Thu, 15 Jul 2021 07:10 AM IST
धार्मिक और ज्योतिष मान्यता के अनुसार, गुरुवार का दिन देवगुरु बृहस्पति का दिन है और देवताओं में भगवान विष्णुजी का दिन है। देवगुरु बृहस्पति वृद्धि के कारक हैं। जिन जातकों पर देवगुरु बृहस्पति की कृपा बरसती है उन्हें अपार धन की प्राप्ति होती है। उनके धन-संपत्ति में खूब वृद्धि होती है। वहीं जगत के पालनहार विष्णु जी धन की देवी मां लक्ष्मी के पति हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और जब भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं तो मां लक्ष्मी भी स्वयं प्रसन्न हो जाती हैं। इनकी आराधना से जातकों के जीवन में धन-वैभव, सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में यदि आप आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं और पैसों की तंगी लगातार बनी हुई है, धन से जुड़े मामलों में सफलता नहीं मिल रही है तो आपको गुरुवार के दिन कुछ विशेष उपाय करना चाहिए। ये उपाय इस प्रकार हैं-
कोषाध्यक्ष कुबेर को स्थाई धन का देवता माना गया है। कुबेर भगवान की कृपा से धन संचय होता है। तांबे के पत्र पर कुबेर यंत्र अथवा श्री यंत्र अंकित अंकित करवाकर अपने पर्स में रखें। इसके अलावा गोमती चक्र, कौड़ी, केसर और हल्दी का टुकड़ा इनमें से कोई एक चीजे भी आप अपने पर्स में रख सकते हैं। इससे आपके पर्स में हमेशा प्रचुर मात्र में धन बना रहता है। ये सभी चीजें समृद्धि कारक मानी गई हैं।
माना जाता है कि केले के वृक्ष में साक्षात भगवान विष्णु का वास होता है। गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करने वाले से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। वे भक्तों को सुख-समृद्धि, शांति का वरदान देते हैं। केले के वृक्ष को शुभ और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है।
अगर आपकी कुंडली में गुरु की स्थिति खराब चल रही है और आपके विवाह में बाधा आ रही है तो आपको किसी ज्योतिष से सलाह लेकर बृहस्पति देव का व्रत रखना चाहिए और केले के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इससे कुंडली में गुरुग्रह मजबूत होगा, और विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी।
इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विधान है इसलिए इस दिन केला खाना वर्जित माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार केले के वृक्ष में भगवान विष्णु जी का वास माना जाता है और गुरुवार का दिन उन्हें ही समर्पित होता है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह खबर लोक मान्यताओं पर आधारित है। इस खबर में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।