Garud Puran: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का विशेष महत्व है. लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस पुराण को कब पढ़ना चाहिए और इसके क्या फायदे हैं?
Garud Puran: हिंदू धर्म में 4 वेद और 18 पुराण हैं, जिनका विशेष महत्व है. इन वेद-पुराणों में कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी गई है. इन वेद-पुराणों में सबसे खास गरुड़ पुराण है जो कि रहस्य से भरा हुआ है. (Garud Puran Facts) गरुड़ पुराण में मृत्यु के उपरांत मनुष्य के साथ होने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई है. इसके अलावा आपको इसमें यह भी जानने को मिलेगा कि मृत्यु के बाद किस कर्म के लिए क्या सजा तय की गई है. (Garud Puran in Hindi) लेकिन लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर गरुड़ पुराण कब और कैसे पढ़ना चाहिए?
गरुड़ पुराण कब पढ़ना चाहिए?
हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को एक रहस्यमयी पुराण माना गया है. इसमें मनुष्य की मृत्यु के बाद उसके साथ होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई है. धर्म शास्त्रों के मुताबिक किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात गरुड़ पुराण पढ़ा जाता है. मान्यता है कि व्यक्ति की मृत्यु के बाद उस घर में 13 दिनों तक उसकी आत्मा रहती है और उस आत्मा को गरुड़ पुराण सुनाया जाता है. ताकि उसे मोक्ष की प्राप्ति हो सके.
लेकिन गरुड़ पुराण किसी व्यक्ति की मृत्यु से पहले भी पढ़ा जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति गरुड़ पुराण पढ़ने की इच्छा रखता है या उसके रहस्यों को जानना चाहता है तो वह शुद्ध मन से पवित्र होकर गरुड़ पुराण का पाठ कर सकता है.
गरुड़ पुराण का रहस्य
हिंदू धर्म शास्त्रों में गरुड़ कश्यप ऋषि का पुत्र है जिसे भगवान विष्णु का वाहन बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. गरुड़ पुराण के पीछे एक रहस्य छिपा हुआ है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है. एक समय की बात है कि गरुड़ ने अपने भगवान श्री नारायण से मृत्यु के पश्चात होने वाली घटनाओं के बारे पूछा. जिसके बाद भगवान विष्णु ने विस्तारपूर्वक उसके सभी सवालों का जवाब दिया और गरुड़ पुराण में इन्हीं सवाल-जवाब का वर्णन किया गया है. गरुड़ पुराण में मृत्यु के बाद होने वाले घटनाक्रम और पाप-पुण्य के अनुसार मिलने वाले फलों की जानकारी दी गई है.
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गरुड़ पुराण – पहला अध्याय
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गरुड़ पुराण – तीसरा अध्याय
गरुड़ पुराण – तीसरा अध्याय गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ! यम मार्ग की यात्रा पूरी कर के यम के भवन में जाकर पापी किस प्रकार की यातना को भोगता है? वह मुझे बतलाइए। श्रीभगवानुवाच श्री भगवान बोले – हे विनता के पुत्र गरुड़्! मैं नरक यातना को आदि से अन्तContinue reading “गरुड़ पुराण – तीसरा अध्याय”
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गरुड़ पुराण – चौथा अध्याय नरक प्रदान करने वाले पाप कर्म गरुड़ उवाच गरुड़ जी ने कहा – हे केशव ! किन पापों के कारण पापी मनुष्य यमलोक के महामार्ग में जाते हैं और किन पापों से वैतरणी में गिरते हैं तथा किन पापों के कारण नरक में जाते हैं? वह मुझे बताइए। श्रीभगवानुवाच श्रीभगवानContinue reading “गरुड़ पुराण – चौथा अध्याय”
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