गर्भावस्था के शुुरुआती तीन महीने करें प्राणायाम
गर्भावस्था में योग शुरू करने से पहले सही तरीके को जानना जरूरी है। शुरुआती तीन महीनों में प्राणायाम ही बेहतर होगा।
गर्भावस्था के शुुरुआती तीन महीने करें प्राणायाम
गर्भावस्था के दौरान योग अभ्यास का विशेष महत्त्व है। योग मानसिक शांति देने के साथ ही गर्भस्थ शिशु के विकास में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गर्भावस्था में योग शुरू करने से पहले सही तरीके को जानना जरूरी है।
शुरुआती तीन महीनों में प्राणायाम ही बेहतर होगा। जानते हैं गर्भावस्था में लाभकारी योगासन-
गंर्भावस्था में नियमित योग करने से कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कमर दर्द, कब्ज, पेट फूलना, डिप्रेशन, एंजाइटी, मूड परिवर्तित होना, अनिंद्रा आदि को कम किया जा सकता है लेकिन शुरुआती तीन महीनों में हल्का व्यायाम ही किया जाना चाहिए। इसमें सूक्ष्म यौगिक व्यायाम सबसे बेहतर है। इसके अलावा सुखासन, वज्रासन, शशांकासन, गोमुखासन, पर्वतासन, मार्जरी आसन भी लाभकारी होंगे। गर्भावस्था में किसी भी एक्सरसाइज और योगासन को
डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। साथ ही योग की शुरुआत भी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करें।
छह से नौ माह में करें ये योगासन
गर्भावस्था के पूरे समय में प्राणायाम बेहतर है। छह से नौ माह में त्रिकोणासन, उत्कटासन, नौकासन, वीरभद्रासन, शवासन, अनुलोम-विलोम आदि कर सकते हैं। इस समय कपालभाति, भस्त्रिका प्रणायाम नहीं किया जाना चाहिए।
सामान्य प्रसव के लिए योग
नियमित व्यायाम से प्रेंग्नेसी में होने वाले शारीरिक
बदलावों से लडऩे में मदद मिलती है। इस समय एक्सरसाइज करने से मां और शिशु दोनों को शारीरिक लाभ मिलते हैं। साथ ही नॉर्मल डिलीवरी की संभावना भी बढ़ती है।
क्या कहती है स्टडी
मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत अच्छा तरीका है। योगासन से शरीर में खून का प्रवाह, मसल टोन और लचीलेपन में सुधार आता है। रिलैक्सेशन, ब्रीदिंग और मेडिटेशन से दिमाग शांत और संतुलित रहता है। मांसपेशियों का तनाव दूर होता है और मन शांत महसूस करता है।
ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में
प्रकाशित एक स्टडी में पता चला है कि प्रेग्नेंसी के आखिरी स्टेजों में भी कई योगासन करने सुरक्षित होते हैं। स्टडी के अनुसार प्रेगनेंट महिलाएं सुखासन, पश्चिमोत्तासन, मार्जरीआसन, बिटलासन, वीरभद्रासन, उत्तानासान, ऊर्ध्व उत्तानासान, वीरासन और उस्त्रासन आदि कर सकती हैं।किस महीने से योग शुरू कर सकते हैं
अगर आपने पहले कभी योग नहीं किया है तो आप प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही यानि 14वें हफ्ते के आसपास योग करना शुरू कर सकती हैं। अगर आप पहली बार योग कर रही हैं, तो पहली तिमाही में योगासन ना करें क्योंकि इस समय मिसकैरेज होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है।
फोटो साभार : TOI
सेफ्टी है बेहतर
इस बात का कोई प्रमाण तो नहीं है कि
पहली तिमाही में योग या अन्य कोई एक्सरसाइज करने से प्रेग्नेंसी को नुकसान होता है लेकिन फिर भी एहतियात बरतना जरूरी है।
आईवीएफ में योग
अगर आपने आईवीएफ की मदद से कंसीव किया है तो आपको 20वे हफ्ते से पहले योग शुरू नहीं करना चाहिए। आईवीएफ ट्रीटमेंट में जुड़वा बच्चे या मल्टीपल प्रेग्नेंसी के चांसेस ज्यादा होते हैं जिससे मिसकैरेज होने का जोखिम भी अधिक रहता है इसलिए बेहतर होगा कि आप इस समय सावधान रहें।
फोटो साभार : TOI
पहले तीन महीनों में क्या करें
अगर आप पहले तीन महीनों में योग करना चाहती हैं, तो बस रिलैक्सेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज कर लें।
पहले कभी योग नहीं किया तब
योग शुरू करने के लिए प्रेग्नेंसी अच्छा समय है। शुरुआती समय में आसान योगासन ही किए जाते हैं। आप धीरे-धीरे इसे कर सकती हैं और फिर आपकी प्रेग्नेंसी के स्टेज के हिसाब से इसमें बदलाव किया जाता है। योगासनों को इस तरह से बनाया गया है कि ये बॉडी पर दबाव बनाने की बजाय उसे स्ट्रेच करते हैं। लेकिन अगर आपको कोई दर्द या असहजता महसूस हो रही है, तो योगासन करना बंद कर दें।
इस बात का ध्यान रखें
योगासन को लंबा खींचने के लिए बॉडी पर ज्यादा दबाव ना बनाएं बल्कि आपसे जितना हो सकता है, उतनी देर ही योगासन करें। थकान होने पर रूक जाएं और एक घूंट पानी पिएं।
फोटो साभार : TOI
Yoga for Healthy Pregnancy
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