ग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राज्य है - ga kshetr ke antargat aane vaale raajy hai

Rajbhasha Ke Kha Ga Shetra

GkExams on 20-03-2022

'क्षेत्र क' से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है।

'क्षेत्र ख' से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं।

'क्षेत्र ग' से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है।

सम्बन्धित प्रश्न


Comments शशि बाला on 23-02-2021

जम्‍मू और कश्‍मीर राजभाषा की दृष्टि से किस क्षेत्र में आता है

संदीप on 15-09-2020

तमिलनाड़ु राजभाषा अधिनियम के तहत कौन से क्षेत्र मे आता है

संदीप on 15-09-2020

तमिलनाड़ु राजभाषा अधिनियम के तहत कौन से क्षेत्र मे आता है ?

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राजभाषा नियम, 1976 सा. का. नि. 1052 केन्द्रीय सरकार -राजभाषा अधिनियम, 1963(1963 का 19) की धारा 3 की उपधारा (4) के साथ पठित धारा 8 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केन्द्रीय सरकार निम्नलिखित नियम बनाती है इन नियमों का संक्षिप्त नाम राजभाषा (संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग) नियम, 1976 है। इनका विस्तार, तमिलनाडु राज्य के सिवाय सम्पूर्ण भारत पर है। ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे। 

इन नियमों में जब तक कि सन्दर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो :-

1. ‘अधिनियम’ से राजभाषा अधिनियम, 1963 (1963 का 19), अभिप्रेत है; 

2. ‘केन्द्रीय सरकार के कार्यालय’ के अन्तर्गत निम्नलिखित भी है, अर्थात् :-

  1. केन्द्रीय सरकार का कोई मंत्रालय, विभाग या कार्यालय; 
  2. केन्द्रीय सरकार द्वारा नियुक्त किसी आयोग, समिति या अधिकरण का कोई कार्यालय; और 
  3. केन्द्रीय सरकार के स्वामित्व में या नियंत्रण के अधीन किसी निगम या कम्पनी का कोई कार्यालय; 

    3. ‘कर्मचारी’ से केन्द्रीय सरकार के कार्यालय में नियोजित कोई व्यक्ति अभिप्रेत है;

    4. ‘अधिसूचित कार्यालय’ से नियम 10 के उपनियम (4) के अधीन अधिसूचित कार्यालय, अभिप्रेत है; 
     

    5. ‘हिन्दी में प्रवीणता’ से नियम 9 में वर्णित प्रवीणता अभिप्रेत है;

    6. ‘क्षेत्र क’ से बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;

    7. ‘क्षेत्र ख’ से गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत हैं;

    8. ‘क्षेत्र ग’ से खंड (च) और (छ) में निर्दिष्ट राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों से भिन्न राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्र अभिप्रेत है;

    9. ‘हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान’ से नियम 10 में वर्णित कार्यसाधक ज्ञान अभिप्रेत है।

    राजभाषा नियम 1976 की कुछ महत्त्वपूर्ण व्यवस्थाएँ 

    सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की दिशा में राजभाषा नियम, 1976 का जारी किया जाना एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस नियम की कुछ महत्त्वपूर्ण व्यवस्थाएँ इस प्रकार हैं :

    1. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से ‘क’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य को या ऐसे राज्यों में स्थित किसी अन्य कार्यालय या कोई व्यक्ति जो वहाँ रह रहा हो, को भेजे जाने वाले पत्र आदि हिन्दी में भेजे जाएँगे। यदि किसी विशेष मामले में ऐसा कोई पत्र अंग्रेजी में भेजा जाता है तब उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा। 
    2. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से ‘ख’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य को भेजे जाने वाले पत्र आदि सामान्यत: हिन्दी में भेजे जाएँगे। यदि ऐसा कोई पत्र अंग्रेजी में भेजा जाता है तो उसका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा। इन राज्यों में रहने वाले किसी व्यक्ति को हिन्दी या अंग्रेजी किसी भाषा 37 में पत्र भेजे जा सकते हैं। वार्षिक कार्यक्रम में किए गए प्रावधानों के अनुसार ‘ख’ क्षेत्र के लोगों को भी पत्रादि हिन्दी में भेजे जाने अपेक्षित हैं। 
    3. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से ‘ग’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी कार्यालय को या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाएँग। यदि ऐसा कोई पत्र हिन्दी में भेजा जाता है तो उसका अंग्रेजी अनुवाद भी साथ भेजा जाएगा।
    4. केन्द्रीय सरकार के मंत्रालयों या विभाग और दूसरे मंत्रालय या विभाग के बीच पत्र-व्यवहार हिन्दी या अंग्रेजी में किया जा सकता है। किन्तु केन्द्र सरकार के किसी मंत्रालय/विभाग और ‘क’ क्षेत्र में स्थित सम्बद्ध और अधीनस्थ कार्यालयों के बीच होने वाला पत्र-व्यवहार सरकार द्वारा निर्धारित अनुपात में हिन्दी में होगा। 
    5. हिन्दी में प्राप्त पत्रों आदि के उत्तर अनिवार्य रूप से हिन्दी में ही दिए जाएँगे। हिन्दी में लिखे या हिन्दी में हस्ताक्षरित किए गए आवेदनों, अपीलों या अभ्यावेदनों के उत्तर भी हिन्दी में दिए जाएँगे। 
    6. राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) में निर्दिष्ट दस्तावेजों के लिए हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं का प्रयोग किया जाएगा और इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी की होगी। 
    7. केन्द्रीय सरकार का कोई भी कर्मचारी फाइलों में हिन्दी या अंग्रेजी की टिप्पणी या कार्यवृत्त लिख सकता है और उससे यह अपेक्षा नहीं की जाएगी कि वह उसका अनुवाद दूसरी भाषा में भी प्रस्तुत करे। 
    8. केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से सम्बन्धित सभी मैनुअल, संहिताएँ और अन्य प्रक्रिया साहित्य हिन्दी और अंग्रेजी दोनों में द्विभाषिक रूप में तैयार और प्रकाशित किए जाएँगे। सभी फार्मों और रजिस्टरों के शीर्ष, नाम-पट्ट, मुहरें, स्टेशनरी आदि की अन्य मदें भी हिन्दी और अंग्रेजी में द्विभाषिक रूप में होंगी। 
    9. प्रत्येक कार्यालय के प्रशासनिक प्रधान का यह दायित्व है कि वह राजभाषा अधिनियम और उसके अधीन बने नियमों का समुचित रूप से अनुपालन सुनिश्चित करे और अपने कार्यालय में उपयुक्त और प्रभावकारी जाँच-बिन्दु बनवाए। संघ की राजभाषा नीति उपर्युक्त सांविधित और विधिक प्रावधानों पर आधारित है और इसी परिप्रेक्ष्य में समय-समय पर आदेश/अनुदेश जारी करके राजभाषा नीति का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाता है। 

    ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ क्षेत्र में हिन्दी 

    राजभाषा नियम, 1976 में हमने देखा कि हिन्दी बोले जाने और लिखे जाने की प्रधानता के आधार पर सम्पर्ण भारतवर्ष को तीन क्षेत्रों में बाँटा गया है : 

    1. ‘क’ क्षेत्र, ‘ख’ क्षेत्र एवं ‘ग’ क्षेत्र। ‘क’ क्षेत्र के अन्तर्गत वे राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्र आतें हैं जहाँ की बोली ही हिन्दी है। 
    2. ‘ख’ क्षेत्र वे राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्र हैं जहाँ की भाषा हिन्दी न होने के बावजूद अधिकतर स्थानों में हिन्दी बोली और समझी जाती है। 
    3. ‘ग’ क्षेत्र के अन्तर्गत वे राज्य एवं संघ राज्य क्षेत्र आतें हैं जहाँ की बोली हिन्दी न होकर उनकी प्रान्तीय भाषा है। 

    ‘क’ क्षेत्र, ‘ख’ क्षेत्र एवं ‘ग’ क्षेत्र का विभाजन नीचे सारणी से समझा जा सकता है :


    ‘क’ क्षेत्र‘ख’ क्षेत्र ‘ग’ क्षेत्र
    बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र  गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमन और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र  ओड़िशा, बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालेण्ड, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोराम, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्णाटक, आन्ध्र प्रदेश, केरल

    उपर्युक्त राजभाषा नियम (1976) में केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ क्षेत्र के लिए पत्राचार का प्रावधान भी अलग-अलग है :

    ‘क’ क्षेत्र ‘ख’ क्षेत्र‘ग’ क्षेत्र
     केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों से :
    ‘क’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य को या ऐसे राज्यों में स्थित किसी अन्य कार्यालय या काई व्यक्ति जो वहाँ रह रहा हो, को भेजे जाने वाले पत्र आदि हिन्दी में भेजे जाएँगे।यदि किसी विशेष मामले में ऐसा कोई पत्र अंग्रेजी में भेजा जाता है तब उनका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा।  ‘ख’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य को भेजे जाने वाले पत्र आदि सामान्यत: हिन्दी में भेजे जाएँगे। यदि ऐसा कोई पत्र अंग्रेजी में भेजा जाता है तो उसका हिन्दी अनुवाद भी भेजा जाएगा।   इन राज्यों में रहने वाले किसी व्यक्ति को हिन्दी या अंग्रेजी किसी भाषा में पत्र भेजे जा सकते हैं।  ‘ग’ क्षेत्र में स्थित किसी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के किसी भी कार्यालय को या व्यक्ति को पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाएँगे। यदि ऐसा कोई पत्र हिन्दी में भेजा जाता है तो उसका अंग्रेजी अनुवाद भी साथ भेजा जाएगा।

    इस तारतम्य में राजकीय कार्य हिन्दी में करने के लिए हर वर्ष राजभाषा विभाग ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ क्षेत्र हेतु विशेष ‘राजभाषा वार्षिक कार्यक्रम’ जारी करता है। 

    वर्ष 2016-17 हेतु जारी वार्षिक कार्यक्रम में ‘क’, ‘ख’ एवं ‘ग’ क्षेत्र हेतु लक्ष्य रखा गया है :

    संघ का राजकीय कार्य हिन्दी में करने के लिए वार्षिक कार्यक्रम 2016-17

    क्र. कार्य विवरण ‘क’ क्षेत्र ‘ख’ क्षेत्र‘ग’ क्षेत्र 
     1. हिन्दी में मूल पत्राचार (तार,
     , टेलेक्स, फैक्स,आरेख, ई-मेल आदि साहित) 
    1. क क्षेत्र से ख क्षेत्र को100 %
    2. क क्षेत्र से क क्षेत्र को
    100 %
    3. क क्षेत्र से ग क्षेत्र को
    65 %
    4. क क्षेत्र से क व ख क्षेत्र
    के राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के
    कार्यालय/व्यक्ति को
    100 %
    1. ख क्षेत्र से क क्षेत्र को 90
    %
    2. ख क्षेत्र से ख क्षेत्र को 90
    %
    3. ख क्षेत्र से ग क्षेत्र को 55
    %
    4. ख क्षेत्र से क व ख क्षेत्र के
    राज्य/संघ राज्य क्षेत्र के
    कार्यालय/व्यक्ति को 100
    %
    1. ग क्षेत्र से क क्षेत्र को
    55%
    2. ग क्षेत्र से ख क्षेत्र को
    55 %
    3. ग क्षेत्र से ग क्षेत्र को
    55%
    4. ग क्षेत्र से क व ख क्षेत्र
    के राज्य/संघ राज्य क्षेत्रके
    कार्यालय/व्यक्ति को 85%
     2. हिन्दी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिन्दी में दिया जाना  100% 100% 100%
    3. हिन्दी में टिप्पण 70% 50% 30%
     4. हिन्दी टंकक एवं आशुलिपि की भर्ती  80% 70% 40%
    5. हिन्दी में डिक्टेशन/की बोर्ड पर सीधे टंकण 65% 55% 30%
    6. हिन्दी प्रशिक्षण (भाषा, टंकण, आशुलिपि) 100% 100% 100%
    7. द्विभाषी प्रशिक्षण सामग्री तैयार करना 100% 100% 100%
    8.  जर्नल और मानक सन्दर्भ पुस्तकों को छोड़कर पुस्तकालय के कुल अनुदान में से डिजिटल वस्तुओं अर्थात् हिन्दी ई-पुस्तक, सीडी/ डीवीडी, पेन ड्राइव तथा अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं से हिन्दी में अनुवाद पर व्यय की गई राशि सहित हिन्दी पुस्तकों की खरीद पर किया गया व्यय  50% 50% 50%
     9. कंप्यूटर सहित सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की द्विभाषी रूप मे खरीद 100% 100% 100%
     10.   वेबसाइट   100 % (द्विभाषी)  100 % (द्विभाषी) 100 % (द्विभाषी)
    11. नागरिक चार्टर तथा जन
    सूचना बोर्डों आदि का प्रदर्शन
    100 % (द्विभाषी) 100 % (द्विभाषी) 100 % (द्विभाषी)
     12. पद्धमंत्रालयों/विभागों और कार्यालयों तथा राजभाषा विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने मुख्यालय से बाहर स्थित कार्यालयों का निरीक्षण (कार्यालयों का प्रतिशत) 25 % (न्यूनतम) 25 % (न्यूनतम) 25 % (न्यूनतम)
    (ii)मुख्यालय में स्थित अनुभागों का निरीक्षण  25 % (न्यूनतम) 25 % (न्यूनतम) 25 % (न्यूनतम)
    (iii)विदेश में स्थित केन्द्र सरकार के स्वामित्व एवं नियंत्रण के अधीन
    कार्यालय/उपक्रमों का सम्बन्धित अधिकारीयों तथा
    राजभाषा विभाग के अधिकारियों द्वारा संयुक्त  निरीक्षण

    वर्ष में कम से कम एक निरीक्षण

    13  राजभाषा सम्बन्धी बैठकें
    1- हिन्दीसलाहकार समिति
    2-नराकास
    3-राजभाषा कार्यान्वयन समिति
    वर्ष में 2 बैठकें (कम से कम)
    वर्ष में 2 बैठकें (प्रति छमाही एक बैठक)
    वर्ष में 4 बैठकें (प्रति तिमाही एक बैठक)

    14. 

    कोड, मैनुअल, फार्म, प्रक्रिया साहित्य का हिन्दी अनुवाद 

    100%

    15. मंत्रालय/विभागों/कार्यालयों/ बैंकों/उपक्रमों के
    1. ऐसे अनुभाग जहाँ सम्पूर्ण कार्य हिन्दी में हो
    2. जहाँ अनुभाग की अवधारणा न हो वहाँ के लिए
    40%

    25%
    40%

    20%
    30%

    15%

    राजभाषा नियम 1976 के अधीन क ख एवं ग क्षेत्रों का वर्गीकरण कैसे किया गया है उसका उद्धेश्य क्या है?

    केन्द्रीय सरकार के कार्यालय से क्षेत्र '' में किसी राज्य या संघ राज्य क्षेत्र को या ऐसे राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में किसी कार्यालय (जो केन्द्रीय सरकार का कार्यालय न हो) या व्यक्ति को पत्रादि असाधारण दशाओं को छोड़कर हिन्दी में होंगे और यदि उनमें से किसी को कोई पत्रादि अंग्रेजी में भेजे जाते हैं तो उनके साथ उनका ...

    राजभाषा नियम के अधीन भारत के राज्यों को कितने क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया?

    गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमन और दीव तथा दादरा व नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र । 5. विभागीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति : इस समिति के अध्यक्ष माननीय प्रधानमंत्री होते हैं।

    अंडमान एवं निकोबार कौन से भाषाई क्षेत्र में आता है?

    अण्डमान क्रियोल हिन्दी भारत के अण्डमान व निकोबार द्वीपसमूह के अण्डमान क्षेत्र में बोली जाने वाली एक क्रियोल भाषा है। १९९४ में प्रकाशित हुए एक भाषावैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार यह हिन्दी, बंगाली और मलयालम के मिश्रण पर आधारित है।

    राजभाषा अधिनियम के अनुसार क क्षेत्र से क क्षेत्र को हिंदी में पत्राचार का प्रतिशत कितना है?

    6.6 यदि पत्राचार का प्रतिशत देखा जाए तो "" क्षेत्र के कार्यालयों ने "", "" और "ग" क्षेत्रों के कार्यालयों को क्रमश: 72.08, 56.47 और 47.99 प्रतिशत पत्र भेजे। जबकि आठवें खंड के लेखन के समय यह प्रतिशत क्रमश: 63, 50 और 32 ही था ।

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