डिप्रेशन का अर्थ क्या होता है? - dipreshan ka arth kya hota hai?

आप कभी कभी अपने आप को दुखी पाते हैं, या लो महसूस करते हैं, या कई बार आप अपनी दैनिक गतिविधियों में कोई रूचि नहीं दिखाते, ये सब हमारे लिए काफी परिचित लक्षण होते हैं और किसी-किसी कारण से ऐसा होना काफी हद तक स्वाभाविक होता है। परन्तु जब ये लक्षण (Depression Symptoms in Hindi) स्थायी हो जाते हैं और हमारे जीवन को बुरे से प्रभावित करते हैं, तब उस स्थिति को डिप्रेशन या अवसाद (Depression Meaning in Hindi) कहते हैं।

डिप्रेशन कोई कमजोरी नहीं होती कि आप आसानी से इससे बाहर आ जाएँ, इसके लिए आपको उचित और लम्बे उपचार की आवश्यकता होती ही है। यदि आपको लगता है कि डिप्रेशन या अवसाद का कोई इलाज नहीं है तो निराश न हो, इसके लिए हम बता दें कि बहुत सारे लोग जो डिप्रेशन का शिकार होते हैं वे लोग दवाइयों और साइकोथेरेपी और दोनों के साथ बेहतर महसूस करते हैं। आइये जानते हैं क्या होता है डिप्रेशन या अवसाद?

कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • अवसाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
  • यह काफी आम समस्या है जो 20 में से 1 हिंदुस्तानी को है।
  • अवसाद के लक्षण बच्चों, किशोरों और वयस्कों में अलग अलग हो सकते हैं।
  • इलाज न किये जाने पर यह कई महीनों तक या कई सालों तक रह सकता है।
  • इलाज के साथ इसके लक्षणों में कुछ ही हफ़्तों में सुधार दिखाई पड़ता है।

अधिक जानकारी के लिए यह वीडियो देखें जिसमे डा सौरभ मेहरोत्रा (सलाहकार – मनोरोग, मेदांता – द मेडिसिटी, गुड़गांव) डिप्रेशन, चिंता व् अन्य तंत्रिका तंत्र विकारों के विषय में बता रहे हैं –

डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का मूड डिसॉर्डर होता है जो बहुत ही आम है। चिकित्सकों के अनुसार नकारात्मक बीमारी है जो आपके सोचने की क्षमता, आपके कार्य करने की क्षमता को बुरे से प्रभावित करती है। यह विभिन्न भावनात्मक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है और आपके कार्य करने और घर पर काम करने की व्यक्ति की क्षमता को कम कर सकता है। अलग अलग लोग विभिन्न तरीकों से डिप्रेशन का अनुभव करते हैं। डिप्रेशन के परिणामस्वरूप आप अपना समय बर्बाद कर सकते हैं और आपकी उत्पादकता कम हो सकती है। बहुत बार डिप्रेशन आपकी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों को भी प्रभावित कर सकता है। डिप्रेशन या अवसाद के कारण जो स्थिति खराब हो सकती है उनमें शामिल हैं:

  • गठिया
  • दमा
  • हृदय रोग
  • कैंसर
  • मधुमेह
  • मोटापा

डिप्रेशन के प्रकार

डिप्रेशन का प्रकार उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों में यह बहुत ही कम होता है, और उनमे दुःख के अस्थायी एपिसोड्स होते हैं। जबकि कुछ लोगों में यह बहुत गंभीर होता है और उनमे इसके एपिसोड चलते ही रहते हैं या यूँ कहें कि वे लगातार डिप्रेशन का शिकार रहते। इसके लिए आपका डॉक्टर आपके डिप्रेशन के प्रकार के अनुसार उचित इलाज (Depression Treatment in Hindi) करके आपकी मदद कर सकता है। डिप्रेशन के प्रकार है-

  • मेजर डिप्रेशन डिसॉर्डर (MDD)
  • पर्सिस्टेंस डिप्रेसिव डिसॉर्डर(PPD )
  • बाइपोलर डिसॉर्डर
  • सीजनल अफ्फेक्टिव डिसॉर्डर(SAD)
  • साइकोटिक डिसॉर्डर
  • पेरीपार्टम डिसॉर्डर (PPD)
  • प्रीमेंस्ट्रुअल डाइसफोरिक डिसॉर्डर (PMDD)

डिप्रेशन के लक्षण

यद्धपि किसी व्यक्ति के जीवन में डिप्रेशन एक बार ही होता है, पर यह कई एपिसोड्स में हो सकता है। इन एपिसोड्स में डिप्रेशन के लक्षण दिन भर रहते हैं और बहुत बार हर दिन रहते हैं, जिनमे निम्न शामिल हैं-

  • उदासी की भावना के साथ आंखों में आँसू, अकेलापन और निराशा
  • छोटी छोटी बातों पर गुस्सा होना, चिड़चिड़ाहट के साथ निराशा की भावना
  • सामान्य क्रियाओं में रुचि न लेना जैसे – सेक्स, हॉबी या किसी खेल में
  • सही से नींद न आना, जिसमे अनिद्रा और बहुत देर तक सोना शामिल हैं
  • थकान और ऊर्जा में कमी होना, छोटे से कार्य के लिए अधिक प्रयास करना
  • भूख न लगना और वजन का घट जाना या किसी भोजन की लालसा और वजन बढ़ जाना
  • चिन्ता, व्याकुलता और बेचैनी होना
  • सोचने, बोलने और शारीरिक गतिविधियों में कमी आ जाना
  • अपने को अयोग्य या दोषी महसूस करना, पुरानी विफलताओं के लिए अपने को दोषी मानना
  • सोचने, ध्यान केंद्रित करने, याद रखने और निर्णय लेने में परेशानी होना
  • मृत्यु के ख्याल आना या आत्महत्या का बार बार प्रयास करना
  • अस्पष्ट शारीरिक समस्याएं, जैसे पीठ दर्द या सिरदर्द

डिप्रेशन के शिकार कुछ लोगों में, इसके लक्षण इतने गंभीर होते हैं कि वो उनकी दिनचर्या में दिखने लगते हैं, और बाधा उत्त्पन्न करने लगते हैं जैसे काम में, स्कूल में या सामाजिक कार्यों इत्यादि में। कुछ लोग अत्यधिक दुःख का अनुभव करने लगते है और उन्हें इसका कारण भी पता नहीं होता। यहां हम ये बता दें कि डिप्रेशन के लक्षण बच्चो और बड़ों में अलग अलग होते हैं जो इस प्रकार हैं-

बच्चो और किशोरों में लक्षण

वैसे तो बच्चों और वयस्कों में अवसाद के लक्षण एक समान ही होते हैं परन्तु इन लक्षणों में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है, जो इस प्रकार है

  • छोटे बच्चों में लक्षणों में ये शामिल हैं – उदासी, चिड़चिड़ाहट, अत्यधिक भावुक होना, चिंता, दर्द और पीड़ा, स्कूल जाने से इनकार करना, या कम वजन होना।
  • किशोरों में लक्षणों में ये शामिल हैं – दुःख, चिड़चिड़ाहट, नकारात्मकता और अपने को बेकार महसूस करना, क्रोध, खराब प्रदर्शन या स्कूल में खराब उपस्थिति, मनोरंजक दवाओं या शराब का उपयोग करके, अधिक खाना या सोना, आत्म-हानि, सामान्य गतिविधियों में अरूचि होना, और सामाजिक बातचीत से बचना।

वयस्कों में लक्षण

बढ़ती उम्र के साथ डिप्रेशन सामान्य नहीं होता और न ही इसे हल्के में लेना चाहिए। दुर्भाग्यवश, वयस्कों में अवसाद अक्सर उतनी आसानी से पहचान नहीं आता और न ही उपचार किया जाता, यहां तक कि वे इसके लिए मदद लेने के लिए अनिच्छुक महसूस कर सकते हैं। वयस्कों में अवसाद या डिप्रेशन के लक्षण अलग-अलग या कम स्पष्ट हो सकते हैं, जैसे कि:

  • याद रखने में परेशानी होना और व्यक्तित्व में परिवर्तन
  • शरीर में दर्द होना
  • थकान, भूख न लगना, सोने में परेशानी होना और सेक्स में आनन्द न लेना
  • अक्सर नयी चीजों को करने या सामाजिक होने की जगह घर में अकेले रहना
  • आत्महत्या की सोच या भावना रखना, ऐसा ज्यादातर वृद्ध मनुष्यों में होता है

डिप्रेशन के कारण

डिप्रेशन या अवसाद के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। Early Childhood Trauma, अवसाद का कारण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ घटनाएं शरीर को डर और तनावपूर्ण परिस्थितियों के प्रति प्रतिक्रिया करने के तरीके को प्रभावित करती हैं। कुछ लोग अपने आनुवंशिकी के कारण अवसाद विकसित करते हैं। यदि आपका अवसाद (Depression in Hindi) या किसी अन्य मूड डिसऑर्डर का पारिवारिक इतिहास है, तो आप इस प्रकार के डिसॉर्डर को विकसित करने की अधिक सम्भावना रखते हैं।

डिप्रेशन के कुछ सामान्य कारण

  • मस्तिष्क संरचना: यदि आपके दिमाग का आगे का लोब कम सक्रिय है तो आपको अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का जोखिम अधिक होता है
  • चिकित्सीय स्थितियां: कुछ medical conditions जैसे पुरानी बीमारी, अनिद्रा, पुराना दर्द, या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर
  • शराब और दवाओं का दुरूपयोग
  • आत्म-सम्मान की कमी या आत्म-आलोचनात्मक होना
  • मानसिक बीमारी का व्यक्तिगत इतिहास
  • कुछ दवाएं भी डिप्रेशन (Depression in Hindi) का कारण हो सकती हैं
  • तनावपूर्ण घटनाएं, जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु, आर्थिक समस्याएं, या तलाक

कुछ लोगों के पास उनके अवसाद के लिए कोई कारण नहीं होता।

Depression Treatment in Hindi – डिप्रेशन का इलाज

यदि आप डिप्रेशन से पीड़ित हैं तो इसके साथ रहना मुश्किल हो सकता है, पर घबराइये नहीं इसका इलाज आपको इससे बाहर निकल सकता है। इसके संभव इलाज के लिए अपने डॉक्टर से बात करें, उससे आप अपने अवसाद (Depression Meaning in Hindi) के लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं। इसके लिए आप कन्वेंशनल और लाइफस्टाइल थेरेपीज को मिला सकते हैं। अवसाद के इलाज (Depression Treatment in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं-

  1. दवाएं: आपका डॉक्टर एंटीड्रिप्रेसेंट्स, एंटीएंजाइटी, या एंटीसाइकोटिक दवाएं लिख सकता है।
  2. साइको थेरेपी या मनोचिकित्सा: इसमें आप अपने मनोचिकित्सक के साथ बात करके नकारात्मक भावनाओं से निपटने के लिए कौशल सीख सकते हैं। आप परिवार या समूह चिकित्सा सत्र से भी लाभ उठा सकते हैं।
  3. लाइट थेरेपी: व्हाइट लाइट की सहायता से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है और मूड को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर का इलाज करने में किया जाता है।
  4. वैकल्पिक उपचार: एक्यूपंक्चर या मैडिटेशन (ध्यान) की सहायता से भी डिप्रेशन का इलाज किया जाता है, इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे सेंट जॉन वॉर्ट, SAMe और मछली के तेल का उपयोग अवसाद के इलाज (Depression Treatment in Hindi) के लिए भी किया जाता है।
    “किसी भी सप्लीमेंट या सप्लीमेंट को निर्धारित दवाई के साथ मिलाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ऐसा करने से आप इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। कुछ सप्लीमेंट्स का आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, और यह आपके डिप्रेशन (Depression in Hindi) को और बेकार भी कर सकता है।
  5. नियमित व्यायाम: एक हफ्ते में कम से कम 3 से 5 दिन, 30 मिनट के लिए व्यायाम अवश्य करें। नियमित व्यायाम आपके शरीर में एंडोर्फिन्स नामक हार्मोन को बढ़ता है जो आपके मूड को अच्छा करता है।
  6. शराब और नशीले पदार्थ न लें: शराब और नशीले पदार्थ आपको कुछ समय के लिए राहत पहुंचा सकते हैं पर लम्बे समय तक इसका सेवन डिप्रेशन और चिंता को और बढ़ा सकता है।
  7. अपना ख्याल रखें: आप स्वयं की देखभाल करके अवसाद के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए अच्छी नींद लीजिये, एक स्वस्थ आहार खाएं, नकारात्मक लोगों से दूर रहें, और आनंददायक गतिविधियों में भाग लें।

कभी कभी अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज दवाइयों से भी नहीं होता, तब उस स्थिति में आपका डॉक्टर आपको कुछ अन्य ट्रीटमेंट ऑप्शन देगा जैसे कि- इलेक्ट्रोकोनवल्सिव थेरेपी, यह ब्रेन को स्टिमुलेट करती है और मेजर डिप्रेशन के इलाज (Depression Treatment in Hindi) की लिए इस्तेमाल की जाती है, ट्रांसक्रैनियल मेग्नेटिक स्टिमुलेशन – यह नर्व सेल्स को स्टिमुलते करती है और मूड को नियंत्रित करती है।

अवसाद (Depression in Hindi) का मतलब सिर्फ लौ महसूस करने से ज्यादा होता है। यह अक्सर आपकी दैनिक जिम्मेदारियों और रिश्तों में हस्तक्षेप कर सकता है। यह महीनों या वर्षों तक चल सकता है और उपचार (Depression Treatment in Hindi) के बिना अक्सर खराब हो जाता है। हालांकि, अवसाद (Depression Meaning in Hindi) एक इलाज योग्य चिकित्सा स्थिति है। जो लोग इलाज कराते हैं वे अक्सर अपने लक्षणों (Depression Symptoms in Hindi) में सुधार देखते हैं।

इसके बारे में भी विस्तार से पढ़ें: Dizziness Meaning In Hindi

यदि आप डिप्रेशन या किसी अन्य मानसिक डिसॉर्डर से ग्रस्त है तो आज ही अपने नजदीकी न्यरोलॉजिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट बुक करें।

डिप्रेशन का हिंदी में अर्थ क्या होता है?

अवसाद या डिप्रेशन का तात्पर्य मनोविज्ञान के क्षेत्र में मनोभावों संबंधी दुख से होता है। इसे रोग या सिंड्रोम की संज्ञा दी जाती है। अधिकतर यह अवस्था व्यक्ति के प्रेम संबंध को लेकर गंभीर होती है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में अपने जीवन साथी के प्रति बहुत अधिक लगाव प्रमुखता या इसका सबसे बड़ा कारण होता है।

डिप्रेशन क्या है और क्यों होता है?

असफलता, संघर्ष और किसी अपने से बिछड़ जाने के कारण दुखी होना बहुत ही आम और सामान्य है। परन्तु अगर अप्रसन्नता, दुःख, लाचारी, निराशा जैसी भावनायें कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों तक बनी रहती है और व्यक्ति को सामान्य रूप से अपनी दिनचर्या जारी रखने में भी असमर्थ बना देती है तब यह डिप्रेशन नामक मानसिक रोग का संकेत हो सकता है।

डिप्रेशन में आदमी क्या क्या करता है?

डिप्रेशन के लक्षण (Symptoms of Depression) -अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति हमेशा उदास रहता है। -व्यक्ति हमेशा स्वयं उलझन में एवं हारा हुआ महसूस करता है। -अवसाद से ग्रस्त व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। -किसी भी कार्य में ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होती है।

डिप्रेशन से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कमजोर आंखें : 2010 में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च के मुताबिक, अवसाद की बीमारी आंखों की रोशनी पर भी असर डालती है। पेट दर्द: हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिसर्च के अनुसार पेट में ऐंठन, सूजन और मितली होना मानसिक कमजोरी का भी लक्षण हो सकता है। सिरदर्द: डिप्रेशन के कई लक्षणों में से एक सिरदर्द भी है।

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