Kavita Ke Bahane Class 12 MCQ , Kavita Ke Bahane Class 12 MCQ Hindi Aroh Chapter 3 , कविता के बहाने MCQ ,
कविता के बहाने MCQ
Note –
- “कविता के बहाने” कविता का भावार्थ पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “कविता के बहाने” कविता के प्रश्न उत्तर पढ़ने के लिए Link में Click करें – Next Page
- “कविता के बहाने” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें। YouTube channel link – ( Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
Kavita Ke Bahane Class 12 MCQ
- “कविता के बहाने” कविता के कवि कौन हैं – कुँवर नारायण जी
- “कविता के बहाने” कविता को किस काव्य-संग्रह से लिया गया हैं – “इन दिनों”
- कविता किस भाषा में लिखी गई है – खड़ी बोली
- “कविता के बहाने” कविता में कौन सा छंद हैं – कविता छंद मुक्त है।
- “कविता के बहाने” कविता में किस प्रकार की शिल्प शैली है – बिम्ब प्रधान
- “कविता के बहाने” कविता में किसके अस्तित्व पर विचार किया गया है – कविता के
- कविता पढ़ते और लिखते समय कौन से बंधन टूट जाते हैं – देश , काल और परिस्थिति के
- कवि के लिए कविता क्या है – मन की उड़ान
- कवि के लिए कविता किसका खेल हैं – शब्दों का
- कवि के लिए अपनी भावनाओं व कल्पनाओं की अभिव्यक्ति का सबसे अच्छा साधन क्या हैं – कविता
- “कविता के बहाने” कविता के अनुसार , प्रकृति कवि के लिए क्या है – कविता लिखने का एक साधन
- कविता के बहाने कविता के अनुसार चिड़िया , फूल और बच्चे क्या हैं – अभिव्यक्ति के साधन
- “कविता के बहाने” कविता में , कविता की किनसे समानता दर्शायी गई है – चिड़िया , फूल और बच्चे
- कविता की शक्ति दिखाने के लिए कवि ने किन-किन उदाहरणों का सहारा लिया – चिड़िया का उड़ना , फूलों का खिलना और बच्चों का खेलना
- “कविता के बहाने” कविता को पढ़कर , अंत में क्या निष्कर्ष निकलता है – कविता कालजयी होती है।
- इस कविता में कवि ने किसकी उड़ान को असीमित बताया हैं – कविता
- किसकी उड़ान को सीमित बताया हैं – चिड़िया की
- कविता की उड़ान कैसी होती है – व्यापक
- “कविता के पंख” किसका प्रतीक है – कवि की कल्पनाओं के
- “कविता के पंख” में कौन सा अलंकार है – रूपक पंक्ति
- कविता किसके बहाने एक उड़ान है – चिड़िया के
- “चिड़िया क्या जाने” में कौन सा अलंकार है – प्रश्नालंकार
- कविता की उड़ान को कौन नहीं जान सकता – चिड़िया
- चिड़िया अपने पंखों के सहारे उड़ती है और कविता किसके सहारे उड़ती है – कवि की कल्पनाओं के सहारे।
- इस कविता के अनुसार कविता और चिड़िया में क्या समानता है – दोनों ही उड़ान भर सकते हैं।
- कविता और चिड़िया की उड़ान में क्या अंतर है – चिड़िया की उड़ान की एक सीमा है जबकि कविता की उड़ान की कोई सीमा नहीं है।
- कविता में चिड़िया का वर्णन करने के पीछे , कवि का क्या उद्देश्य है – अपने मन के भावों को व्यक्त करना
- “बाहर – भीतर” में कौन सा अलंकार है – “र” वर्ण की आवृत्ति के कारण , अनुप्रास अलंकार
- कविता फूलों के बहाने क्या है – खिलना
- कवि के मन में भाव किस तरह खिलते हैं – फूल की
- कविता के बिना मुरझाये खिले रहने व महकते रहने के रहस्य को कौन नहीं समझ सकता हैं। -फूल
- “फूल क्या जाने” में कौन सा अलंकार है – प्रश्नालंकार
- “बिना मुरझाए महकने के माने” इस पंक्ति में कौनसा अलंकार है – “म” वर्ण की आवर्ती होने से अनुप्रास अलंकार है।
- “बिना मुरझाए महकने के मायने क्या होते हैं ” से क्या आशय हैं – कविता का प्रभाव चिर स्थाई होता है
- कविता और फूल , दोनों में क्या समानता होती है – दोनों ही खिलते और महकते हैं
- फूल की अंतिम परिणति क्या होती है – मुरझाना
- बिना मुरझाये सदियों तक क्या महकती रहती हैं – कविता
- कविता सदियों तक महकती रहती है। इस कथन का क्या आशय है – कविता कालजयी होती है। उसके शब्दों , काव्य सौंदर्य व शिल्प सौंदर्य का प्रभाव सदियों तकएक सा बना रहता है
- कविता और फूलों के महकने में क्या अंतर है – फूल कुछ ही समय के लिए महक सकते हैं कविता कालजयी होती है।
- फूल , कविता से कम प्रभावशाली किस प्रकार है – फूल कुछ समय बाद मुरझा जाते हैं।
- कविता किसके बहाने खेल रही है – बच्चे के
- “सब घर एक कर देने” का आशय क्या है – भेदभाव भुला देना या भेदभाव नहीं रखना
- बच्चों के खेलते समय कौन से बंधन टूट जाते हैं – अपना -पराया , धर्म , जाति और संकीर्णता के बंधन
- इस कविता के अनुसार बच्चों के खेल की क्या विशेषता होती है – वो खेलते समय विभिन्न घरों के भेदभाव को मिटा देते हैं
- बड़ों लोगों के बीच की दूरी को कौन मिटा सकता है – बच्चे
- कवि का मन किस भावना से ऊपर उठकर सबको बच्चों के समान ही मानता है – अपने – पराए के भेदभाव से ऊपर उठकर
- कवि और बच्चों में समानता रखने का क्या कारण है – दोनों किसी सीमा को नहीं मानते और दोनों के लिए कोई अपना – पराया नहीं
कवि से संबंधित प्रश्न –
- कुंवर नारायण का जन्म किस सन में हुआ था – 1927
- कुंवर नारायण का जन्म कहां हुआ था – उत्तर प्रदेश में
- नारायण जी की मूल विधा क्या रही – कविता
- कुंवर नारायण जी ने कविता के अलावा और कौन सी विधा में लेखन कार्य किया है – चिंतन परक लेखन , कहानियां , सिनेमा समीक्षाएं आदि
- कुंवर नारायण ने कौन से प्रबंध काव्य की रचना की – आत्मजयी
- कुंवर नारायण किस संवेदना के कवि हैं – नागर
- कुंवर नारायण को कौन से पुरस्कार मिले हैं – साहित्य अकादमी पुरस्कार , कुमारन आशान पुरस्कार , व्यास सम्मान , प्रेमचंद पुरस्कार , लोहिया सम्मान , कबीर सम्मान , ज्ञानपीठ पुरस्कार।
- कुंवर नारायण ने काव्य लेखन की शुरुआत कब की – 1950 से
- कुंवर नारायण की पहली रचना क्या है – चक्रव्यूह
- कुंवर नारायण की प्रथम रचना “चक्रव्यूह” कब लिखी गई थी – 1956
Kavita Ke Bahane Class 12 MCQ
“कविता के बहाने” कविता के भावार्थ को हमारे YouTube channel में देखने के लिए इस Link में Click करें। YouTube channel link – ( Padhai Ki Batein / पढाई की बातें)
Note – Class 8th , 9th , 10th , 11th , 12th के हिन्दी विषय के सभी Chapters से संबंधित videos हमारे YouTube channel ( Padhai Ki Batein / पढाई की बातें) पर भी उपलब्ध हैं। कृपया एक बार अवश्य हमारे YouTube channel पर visit करें । सहयोग के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यबाद।
चिड़िया क्या जाने में कौन सा अलंकार है?
'चिड़िया क्या जाने' में प्रश्न अलंकार है । चिड़िया क्या जाने ? इस घर उस घर बिना मुरझाए महकने के माने यह घर, वह घर सब घर एक कर देने के माने बच्चा ही जाने ।
कविता के पंख लगा उड़ने के माने में कौन सा अलंकार है?
'कविता के पंख' पद में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है। (ग) यहाँ चिड़िया की उड़ान को कविता की उड़ान की अपेक्षा सीमित व तुच्छ माना गया है। 'चिड़िया क्या जाने' में जो तिरस्कार भाव है, वह प्रभावशाली है।
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने पंक्ति का आशय क्या है?
कवी कहता है कि चिड़िया की उड़ान की सीमा है, फूल के खिलने के साथ उसकी परिणति निश्चय है। लेकिन बच्चे के सपने असीम हैं। बच्चों के खेल में किसी प्रकार की सीमा का कोई स्थान नहीं होता कविता भी शब्दों का खेल है और शब्दों के इस खेल में जड़, चेतन, अतीत, वर्तमान और भविष्य सभी उपकरण मात्र है।
कविता में कौन सा अलंकार है?
कविता को प्रभावी बनाने के लिए कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करता है जैसे- अस्थिर सुख। सुख के साथ अस्थिर विशेषण के प्रयोग ने सुख के अर्थ में विशेष प्रभाव पैदा कर दिया है।