नाभि पर इत्र लगाने के फायदे । Benefits of applying perfume on navel
सनातन संकृति में खुशबू का बहुत महत्व है। कारण सात्विक अन्न से शरीर पुष्ट होता है तो खुशबू से सूक्ष्म शरीर। तेज गंध से मस्तिष्क में बदलाव होता है, सोच बदलती और सोच से भविष्य बदलता है। सुगंध मनुष्य के विचार की क्षमता पर असर डालती है। सबसे तेज सुगंध इत्र की होती है। चलिए आज हम नाभि पर इत्र लगाने के फायदे के बारे में जानते हैं। जानते हैं कि किस नाभि पर इत्र लगाने से क्या लाभ मिलता है।
1. शांति और प्रगति के लिए : नाभि पर इत्र लगाने से विद्यार्थियों और अविवाहितों के जीवन में शांति और प्रगति के मार्ग खुलते हैं। नाभि पर अधिकतर चंदन उपयोग करना चाहिए। ध्यान करने के पूर्व नाभि पर चंदन का उपयोग करते हैं।
2.अच्छी नींद और सेहत हेतू : सोने के पहले अपनी नाभि पर चंदन या गुलाब का इत्र लगाकर सो जाइये। अच्छी नींद आएगी। मानसिक तनाव को दूर करने और अच्छी सेहत के लिए अपने बैडरूम में और नहाने के दौरान गुलाब, रातरानी और मोगरे के इत्र का उपयोग करना चाहिए। चंदन व मोगरे का इत्र नाभि में लगाने क्रोध और नींद से संबंधित समस्याएं छू मंतर हो जाती हैं।
3.देवदोष व पितृदोष दूर करते हेतु : प्रतिदिन सुबह और शाम के समय नाभि पर इत्र जरूर लगाए। इससे पेट संबंधी रोग दूर होते हैं।
4.वास्तुदोष और ग्रहदोष से मुक्ति हेतु : अष्टगंध का इत्र अत्यंत ही प्रिय होती है। इसका नाभि में इस्तेमाल होते रहने से चमत्कारिक रूप से मानसिक शांति मिलती है और घर का वास्तुदोष भी दूर हो जाता है।
5.बदन दर्द या मस्तिष्क दर्द हेतु : नाभि में इत्र लगाने से मस्तिष्क का दर्द और उससे संबंधित रोगों का नाश होता है। वहीं इसे दिल के दर्द में भी लाभदायक माना गया है। रातरानी के इत्र से स्नान करने या इसकी सुगंध सुगने से भी मस्तिष्क का दर्द चला जाता है। चंदन व मोगरे का इत्र नाभि में लगाने से माइग्रेन या सामान्य सिरदर्द दूर हो जाता है। गुलाब का इत्र लगाने से देह के संताप मिट जाते हैं। गुलाब का इत्र नाभि में गुलाब का इत्र लगाना चाहिए इससे मन को प्रसन्नता मिलती है।
6.चिंता से मुक्ति हेतु : अल सुबह नाभि में रातराती का सुगंधित इत्र लगाने से दिनभर बदन में ताजगी का एहसास रहेगा व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलेगा। रातरानी की सुगंध से सभी तरह की चिंता, भय, घबराहट आदि सभी मिट जाती है। सुगंध में इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
8. कामेच्छा हेतु : भीनी-भीनी और मनभावन खुशबू वाले चंदन को न सिर्फ इत्र के रूप में प्रयोग किया जाता है बल्कि इसके तेल को गुलाब, चमेली या तुलसी के साथ मिलाकर उपयोग करने से कामेच्छा भी प्रबल होती है। चंदन का इत्र नाभि में लगाने से कामेच्छा तीव्र होती है। वैवाहिक जोड़े इस प्रयोग काे आजमा सकते हैं।
सावधानी :
ध्यान रहे कि
परंपरागत सुगंध को छोड़कर अन्य किसी रासायनिक तरीके से विकसित हुई सुगंध आपकी सेहत और घर के वातावरण को नुकसान पहुंचा सकती है।
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पुराणों के अनुसार पुरुषों का जन्म भगवान विष्णु की नाभि से हुआ था। इसलिए इसे पवित्र माना जाता है। बाइबिल में भी कहा गया है कि यह धरती और स्वर्ग को जोड़ता है।
व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रहों की दशा उसके जीवन को प्रभावित करती है। जिन लोगों की कुंडली में ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं उनको जीवन में सफलता और तरक्की के साथ आर्थिक लाभ मिलता है। वहीं जिन लोगों की कुंडली में ग्रह महादशा में होते हैं उनको बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। माना जाता है जिन लोगों की कुंडली में शुक्र कमजोर होता है उनको धन व ऐश्वर्य की कमी का सामना करना पड़ता है। पुराणों के अनुसार पुरुषों का जन्म भगवान विष्णु की नाभि से हुआ था। इसलिए इसे पवित्र माना जाता है। बाइबिल में भी कहा गया है कि यह धरती और स्वर्ग को जोड़ता है, इसलिए यह एक पवित्र स्थान होता है। आइए आज जानते हैं शुक्र ग्रह और नाभि में इत्र से जुड़े उपाय जिन्हें आजमाने से लाभ मिल सकता है।
1. माना जाता है घर से बाहर जाते समय नाभि में इत्र लगाने से व्यक्ति को कभी भी धन और ऐश्वर्य की कमी नहीं होती ।
2. चंदन, गुलाब और मोगरे का इत्र नाभि में लगाना ज्यादा शुभ और असरकारी माना जाता है।
3. कहा जाता है चंदन और मोगरे का इत्र नाभि में लगाने से ज्यादा गुस्से व अनिद्रा की समस्या दूर हो सकती है।
4. माइग्रेन यानी सिरदर्द से छुटकारा दिलाने में नाभि में इत्र लगाना काफी असरदार माना जाता है।