चांद की पोशाक के बारे में कविता में क्या कहा गया है? - chaand kee poshaak ke baare mein kavita mein kya kaha gaya hai?

चाँद से थोड़ी सी गप्पे 6th Class NCERT CBSE Hindi Chapter 04

प्रश्न: चाँद से गप्पें कौन लड़ा रहा है?

उत्तर: एक दस-ग्यारह साल की लड़की चाँद से गप्पें रही है।

प्रश्न: वह चाँद से क्या बातें कर रहीं है?

उत्तर: वह चाँद से उसके आकार-प्रकार और ऊसकी पोशाक के बारे में बातें कर रही है।

प्रश्न: वह चाँद के घटने-बढने का क्या कारण बताती है?

उत्तर: वह कहती है कि किसी बीमारी से ग्रस्त होने के कारण घटता-बढ़ता है।

प्रश्न: चाँद की पोशाक के बारे में कविता में क्या कहा गया है?

उत्तर: चाँद ने पुरे आकाश को अपना पोशाक बना लिया है, जिसमें तारे जड़े हैं। इस पोशाक में चाँद इस तरह लिपटा हुआ है कि उसके बीच से केवल उनका गोल-मटोल चेहरा ही दिखाई देता है।

प्रश्न: लड़की खुद को बुद्धु समझने से क्यों मना करती है?

उत्तर: लड़की चाँद से कहती है कि उसे चाँद के घटने, बढने और तिरछे नजर आने का कारण पता है। इसलिए चाँद उसे वेवकूफ न समझे। वह जानती है कि चाँद किसी बीमारी से ग्रसित होने के कारण इस तरह घटता-बढ़ता रहता है। यह बीमारी लाइलाज है।

प्रश्न: कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?

उत्तर: कविता में ‘आप पहने हुए हैं कुल आकाश’ कहकर लड़की कहना चाहती है कि चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है।

प्रश्न: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ कहकर लड़की क्या कहना चाहती है?

उत्तर: ‘हमको बुद्धू ही निरा समझा है!’ कहकर लड़की कहना चाहती है कि उसे पता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो ठीक होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीमारी के कारण कभी वे घटते जाते हैं तो कभी बढ़ते-बढ़ते इतने बढ़ते है कि पूरे गोल हो जाते हैं।

प्रश्न: आशय बताओ: ‘यह मरज़ आपका अच्छा ही नहीं होने में आता है।’

उत्तर: कवि प्रस्तुत पंक्ति द्वारा यह कहना चाहते है कि उसे पता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो ठीक होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीमारी के कारण कभी वे घटते जाते हैं तो कभी बढ़ते-बढ़ते इतने बढ़ते है कि पूरे गोल हो जाते हैं।

प्रश्न: कवि ने चाँद से गप्पें किस दिन लगाई होंगी? इस कविता में आई बातों की मदद से अनुमान लगाओ और इसके कारण भी बताओ।

दिन कारण
पूर्णिमा ……
अष्टमी ……
अष्टमी से पूर्णिमा के बीच …….
प्रथमा से अष्टमी के बीच …….

उत्तर:

‘गोल हैं खूब मगर
आप तिरछे नजर आते हैं जरा।’

अर्थात् चाँद की गोलाई थोड़ी तिरछी हैं यानि पूर्णिमा होने में एक या दो दिन बाकी है।

कवि की उपर्युक्त पंक्ति के आधार पर हम कह सकते है कि कवि ने चाँद से गप्पें अष्टमी के दिन लगाई होंगी।

प्रश्न: नई कविता में तुक या छंद की बजाय बिंब का प्रयोग अधिक होता है, बिंब वह तसवीर होती है जो शब्दों को पढ़ते समय हमारे मन में उभरती है। कई बार कुछ कवि शब्दों की ध्वनि की मदद से ऐसी तस्वीर बनाते हैं और कुछ कवि अक्षरों या शब्दों को इस तरह छापने पर बल देते हैं कि उनसे कई चित्र हमारे मन में बनें। इस कविता के अंतिम हिस्से में चाँद को एकदम गोल बताने के लिए कवि ने बि ल कू ल शब्द के अक्षरों को अलग-अलग करके लिखा है। तुम इस कविता के और किन शब्दों को चित्र की आकृति देना चाहोगे? ऐसे शब्दों को अपने ढंग से लिखकर दिखाओ।

उत्तर:

  1. गो – ल
  2. ति – र – छे
  3.  बि – ल – कु – ल

प्रश्न: चाँद संज्ञा है। चाँदनी रात में चाँदनी विशेषण है।

नीचे दिए गए विशेषणों को ध्यान से देखो और बताओ कि कौन-सा प्रत्यय जुड़ने पर विशेषण बन रहे हैं। इन विशेषणों के लिए एक-एक उपयुक्त संज्ञा भी लिखो -गुलाबी पगड़ी / मखमली घास / कीमती गहने / ठंडी रात / जंगली फूल / कश्मीरी भाषा

उत्तर:

विशेषण

प्रत्यय

एक और संज्ञा शब्द

गुलाबी

गुलाबी साड़ी

मखमली

मखमली कालीन

कीमती

कीमती वस्त्र

ठंडी

ठंडी बर्फ़

जंगली

जंगली जानवर

कश्मीरी

कश्मीरी पोशाक

प्रश्न: गोल-मटोल, गोरा-चिट्टा

कविता में आए शब्दों के इन जोडों में अंतर यह है कि चिट्टा का अर्थ सफ़ेद है और गोरा से मिलता-जुलता है जबकि मटोल अपने-आप में कोई शब्द नहीं है। यह शब्द ‘मोटा’ से बना है। ऐसे चार-चार शब्द युग्म सोचकर लिखो और उनका वाक्यों में प्रयोग करो।

उत्तर:

  1. मेल-जोल: हमें सबसे मेल-जोल बनाए रखना चाहिए।
  2. अच्छा-बुरा: बच्चों को अपने अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता।
  3. आज-कल: आज-कल महँगाई बढ़ गई है।
  4. सुख-दुःख: सुख-दुःख जीवन के दो पहलू है।

प्रश्न: ‘बिलकुल गोल’ – कविता में इसके दो अर्थ हैं:

  1. गोल आकार का
  2. गायब होना!

ऐसे तीन शब्द सोचकर उनसे ऐसे वाक्य बनाओ कि शब्दों के दो-दो अर्थ निकलते हों।

उत्तर:

  1. वर:
    (i) लता के लिए एक सुयोग्य वर (दूल्हा) की तलाश है।
    (ii) भगवान वरूण ने लकड़हारे को तीन वर (वरदान) माँगने के लिए कहा।
  2. अर्थ:
    (i) अर्थ (धन) प्राप्ति के लिए मेहनत करना जरूरी होता है।
    (ii) काव्य पंकितयों का अर्थ (मतलब) स्पष्ट कीजिए।
  3. कनक:
    (i) इस वर्ष कनक (गेहूँ) की खेती अच्छी हुई है।
    (ii) इस वर्ष सीमा ने कनक (सोने) के कंगन बनवाए।

प्रश्न: जोकि, चूँकि, हालाँकि – कविता की जिन पंक्तियों में ये शब्द आए हैं, उन्हें ध्यान से पढ़ो। ये शब्द दो वाक्यों को जोड़ने का काम करते हैं। इन शब्दों का प्रयोग करते हुए दो-दो वाक्य बनाओ।

चाँद से थोड़ी सी गप्पे – उत्तर:

  1. जोकि:
    (i) नीम का तेल जोकि गंध व स्वाद में कड़वा होता है प्रथम श्रेणी की कीटाणुनाशक होता है।
    (ii) यह एक लड़के की कहानी है जिसका नाम मोहन है जोकि दिल्ली में आया था !
  2. चूँकि:
    (i) चूँकि प्रश्न कठिन थे इसलिए में उत्तर नहीं लिख पाया।
    (ii) चूँकि आज तेज बारिश थी इसलिए में आज स्कूल नहीं जा सका।
  3. हालाँकि:
    (i) हालाँकि आज बारिश तेज है फिर भी मुझे काम पर जाना ही होगा।
    (ii) हालाँकि मुझे तुम्हारा उत्तर पता है फिर भी मैं तुमसे सुनना चाहता हूँ।

प्रश्न:  गप्प, गप-शप, गप्पबाज़ी – क्या इन शब्दों के अर्थ में अंतर है? तुम्हें क्या लगता है? लिखो।

उत्तर:

  1. गप्प: बिना काम की बात।
  2. गप-शप: इधर -उधर की बातचीत।
  3. गप्पबाज़ी: कुछ झूठी, कुछ सच्ची बात।

बहुविकल्पीय प्रश्न: नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर विकल्पों से चुनकर दीजिए

प्रश्न: चाँद से गप्पें कौन लड़ा रहा हैं?

  1. लड़की
  2. लड़का
  3. तारे
  4. आकाश

चाँद से थोड़ी सी गप्पे – प्रश्न: चाँद की पोशाक क्या है?

  1. तारे
  2. पृथ्वी
  3. सूरज
  4. आकाश

प्रश्न: चाँद के घटने-बढने का क्या कारण कविता में बताया गया है?

  1. जादू
  2. नजर का फेर
  3. बीमारी
  4. इनमें से कोई नहीं

प्रश्न: चाँद कब घटते-बढ़ते गायब हो जाता है?

  1. दिन
  2. रात
  3. पूर्णिमा
  4. अमावस्या

प्रश्न: चाँद कब बढ़ते-बढ़ते गोल हो जाता है?

  1. रात
  2. दिन
  3. पूर्णिमा
  4. अमावस्या

प्रश्न: गप्पें लड़ाने वाली लड़की को चाँद कैसा दिखता है?

  1. गोल
  2. अधूरा
  3. तिरछा
  4. पतला-सा

प्रश्न: चाँद अपनी पोशाक कहाँ फैलाए हुए है?

  1. पूरब दिशा में
  2. पश्चिम दिशा में
  3. उत्तर और दक्षिण दिशा में
  4. सभी दिशाओं में

प्रश्न: चाँद तब तक बढ़ता ही जाता है, जब तक कि वह _____।

  1. आकाश न छू ले
  2. धरती पर चाँदनी न फैला ले
  3. गोलाकार न हो जाए
  4. समुद्र में ज्वार-भाटा न आ जाए

प्रश्न: ‘मरज’ शब्द इनमें से किस प्रकार का शब्द है?

  1. तत्सम
  2. विदेशज
  3. तद्भव
  4. देशज

कविता में चाँद की पोशाक के बारे में क्या कहा गया है?

प्रश्न: चाँद की पोशाक के बारे में कविता में क्या कहा गया है? उत्तर: चाँद ने पुरे आकाश को अपना पोशाक बना लिया है, जिसमें तारे जड़े हैं। इस पोशाक में चाँद इस तरह लिपटा हुआ है कि उसके बीच से केवल उनका गोल-मटोल चेहरा ही दिखाई देता है।

चांद की पोशाक क्या थी?

'आप पहने हुए हैं कुल आकाश' के माध्यम से लड़की कहना चाहती है कि- (क) चाँद तारों से जड़ी हुई चादर ओढ़कर बैठा है। (ख) चाँद की पोशाक चारों दिशाओं में फैली हुई है।

चाँद को कौन सा रोग लगा है लड़की उसे असाध्य क्यों कहती है?

अतएव चाँद और मुँह की समानता के कारण कवि ने यह कहा है- सिर्फ मुँह खोले हुए अपना । मुँह के अतिरिक्त चाँद के शरीर का और कोई अंग दिखाई नहीं दे रहा । के इस रोग को असाध्य कहा है।

चांद को कौन सी बीमारी है?

Answer: कवि यह कहना चाहता है कि चाँद को कोई बीमारी है जो कि अच्छा होता हुआ प्रतीत नहीं होता क्योंकि जब ये घटते हैं तो केवल घटते ही चले जाते हैं और जब बढ़ते हैं तो बिना रूके दिन प्रतिदिन निरन्तर बढ़ते ही चले जाते हैं।

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग