"बेकर शॉट", संयुक्त राष्ट्र द्वारा किया गया ऑपरेशन क्रॉसरोड्स अभियान का एक भाग, १९४६
नाभिकीय अस्त्र परीक्षण (अंग्रेज़ी:Nuclear weapons tests) या परमाण परीक्षण उन प्रयोगों को कहते हैं जो डिजाइन एवं निर्मित किये गये नाभिकीय अस्त्रों के प्रभाविकता, उत्पादकता एवं विस्फोटक क्षमता की जाँच करने के लिये किये जाते हैं। परमाणु परीक्षणों से कई जानकारियाँ प्राप्त होतीं हैं ; जैसे - ये नाभिकीय हथियार कैसा काम करते हैं; विभिन्न स्थितियों में ये किस प्रकार का परिणाम देते हैं; भवन एवं अन्य संरचनायें इन हथियारों के प्रयोग के बाद कैसा बर्ताव करतीं हं। सन् १९४५ के बाद बहुत से देशों ने परमाणु परीक्षण किये। इसके अलावा परमाणु परीक्षणों से वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सैनिक शक्ति का प्रदर्शन करने की कोशिश भी की जाती है। Pokran situated in rajasthan
प्रकार[संपादित करें]
परमाणु विस्फ़ोट का एनिमेशन
परमाणु परीक्षण कई तरह के होते हैं। हवा, जलगत और भूमिगत।[1]
हवाई परीक्षण[संपादित करें]
हवा में किए जने वाले परीक्षण खुले और निर्जन इलाके में या धरातल से कुछ ऊपर किए जते हैं। आमतौर पर ऐसे परीक्षणों में उपकरण को ऊंची इमारतों, गुब्बारों, द्वीपों में या हवाई जहाज से गिराकर परीक्षण किया जता है। इनके अलावा, कई बार रॉकेटों से दागकर भी कुछ परमाणु परीक्षण किए जा चुके हैं।[1] विस्फोट से उपजे मशरूम क्लाउड में आसपास की चीजें खिंची चली आती हैं और इसकी डिबरियों से रेडियोधर्मिता आसपास के क्षेत्र में फैलती है।
जलगत परीक्षण[संपादित करें]
इस तरह के परीक्षण किसी जहाज या नौका की मदद से किए जते हैं। इन परीक्षणों को शत्रु की नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों से मुकाबले की दृष्टि से किया जता है। इसके अतिरिक्त, समुद्री युद्ध में काम आने वाले हथियारों जैसे टॉरपीडो या डेप्थ चार्जर्स के शक्ति परीक्षण के लिए भी किया जाता है। सागर तट के पास किए जाने वाले जलगत परीक्षणों से पानी में काफी रेडियोधर्मी तत्व मिल जाते हैं जो आसपास के जहाजों और सागरीय जन-जीवन के लिए बहुत घातक होते हैं।[1]
भूमिगत परीक्षण[संपादित करें]
ऐसे परीक्षण पृथ्वी की सतह में गड्ढा खोदकर या अन्य तरीके से किए जते हैं। अमेरिका और सोवियत रूस ने शीत युद्ध के दिनों में अक्सर ऐसे ही परीक्षण किए थे। १९६३ में इसके अतिरिक्त अन्य परीक्षणों को लिमिटेड टेस्ट बैन ट्रीटी संधि के तहत निषेध कर दिया गया था। जब ऐसे परीक्षण संपन्न होते हैं तो उसमें प्रयोग किए गए सामान से भूकंप का खतरा हो सकता है। अन्यथा इनसे खतरा कम रहता है।[1]
विश्व भर में परीक्षण[संपादित करें]
बीसवीं सदी में कई देशों ने परमाणु परीक्षण किए थे। पहला परमाणु परीक्षण अमेरिका ने १६ जुलाई, १९४५ में किया था जिसमें २० किलोटन का परीक्षण किया गया था। अब तक का सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण सोवियत रूस में ३० अक्तूबर १९६१ को किया गया था जिसमें ५० मेगाटन के हथियार का परीक्षण किया गया था। २५ मई, २००९ को उत्तरी कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया था, जिसे विश्व के अधिकांश देशों ने निंदनीय बताया है।[2][3]
विश्व के परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों ने अब तक कम से कम २००० परमाणु परीक्षण किये हैं।
विश्व भर में दर्जन से अधिक परीक्षण स्थलों पर २००० से अधिक परीक्षण किये हैं।
भारत के परमाणु परीक्षण[संपादित करें]
भारत ने सन् १८ मई, १९७४ में पोखरण में पहला परमाणु परीक्षण किया। दूसरा परमाणु परीक्षण सन् १९९८ में पोखरन में ही हुआ। उस समय भारत सरकार ने घोषणा की थी कि भारत का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कार्यो के लिये होगा और यह परीक्षण भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिये किया गया है।[9] बाद में ११ और १३ मई, १९९८ को पाँच और भूमिगत परमाणु परीक्षण किये[10] और भारत ने स्वयं को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इनमें ४५ किलोटन का एक तापीय परमाणु उपकरण शामिल था जिसे प्रायः पर हाइड्रोजन बम के नाम से जाना जाता है। ११ मई को हुए परमाणु परीक्षण में १५ किलोटन का विखंडन उपकरण और ०.२ किलोटन का सहायक उपकरण शामिल था।[9][11][12] इसके बाद
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- नॉन प्रॉलिफरेशन ट्रीटी
- सीटीबीटी
- १२३ समझौता
- हाईड एक्ट
- आईएईए
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ अ आ इ ई "परमाणु परीक्षण" (एचटीएमएल). लाइव हिन्दुस्तान. २८ मई. अभिगमन तिथि १९ सितंबर २००९.
- ↑ "उ. कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया". वेब दुनिया. २००८.
- ↑ "cfm उत्तर कोरिया ने 'अधिक शक्तिशाली' परमाणु परीक्षण की पुष्टि की". वॉयस ऑफ अमेरिका. २५ मई.
- ↑ "संयुक्त राज्य के परमाणु परीक्षण". मूल से 31 अगस्त 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2009.
- ↑ "सोवियत संघ के परमाणु परीक्षण". मूल से 18 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2009.
- ↑ "फ्रांस के परमाणु परीक्षण". मूल से 25 नवंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 सितंबर 2009.
- ↑ "ब्रिटेन के परमाणु परीक्षण". मूल से 7 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जून 2007.
- ↑ "चीन के नाभिकीय हथियार". मूल से 1 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 सितंबर 2009.
- ↑ अ आ "कुछ और हों परमाणु परीक्षण". राजस्थान पत्रिका. ३ सितंबर. मूल से 8 सितंबर 2009 को पुरालेखित.
- ↑ "'परमाणु परीक्षण ने देश को मज़बूत कियापरमाणु परीक्षण ने देश को मज़बूत किया'". बीबीसी-हिन्दी. ११ मई. मूल से 14 मई 2008 को पुरालेखित.
- ↑ "पोखरण-2 परमाणु परीक्षण सफल था:प्रधानमंत्री". समय लाइव. २९ अगस्त. मूल (ecaTIemael) से 1 सितंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १९ सितंबर २००९.
- ↑ "पोकरण-2 के नतीजे फिर परखे जाएं". राजस्थान पत्रिका. १९ सितंबर. [मृत कड़ियाँ]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- तिवारी, संजय (२८ अगस्त). "परमाणु परीक्षण पर संथानम के सवाल". विस्फ़ोट.कॉम. मूल से 2 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित.
- भारत-अमेरिका परमाणु करार से जुड़ी कुछ बुनियादी बातें[मृत कड़ियाँ]