इसे सुनेंरोकेंबिल्ली को खुद दफनायें ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग मानते हैं कि घर में बिल्ली का मरना अपशकुन होता है।
बिल्ली पालने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंनारद पुराण के अनुसार, घर में जहां-जहां पर बिल्ली के पैरों की पदचाप पड़ती है, वहां पर सकारात्मक ऊर्जा की हानि होती है. इसलिए बिल्ली के बार-बार घर में आने से घर में अशुभ प्रभाव बढ़ने लगता है. कई बार यह भी देखा गया है कि जिस घर में बिल्ली लगातार आती-जाती रहती है, उस घर में लोगों के स्वास्थ्य में भी उतार-चढ़ाव आता रहता है.
कौन से देश में बिल्ली की पूजा की जाती है?
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इसे सुनेंरोकेंइजिप्ट एक मात्र ऐसा देश है जहाँ बिल्लियों की पूजा की जाती है।
बिल्ली को मारने से क्या पाप लगता है?
इसे सुनेंरोकेंगरुड पुराण के अनुसार हर जीव में ईश्वर का वास माना गया है। खासतौर पर इंसान के लिए जीव हिंसा, यहां तक कि पेड़-पौधों को काटना भी देव अपराध है। इन जीवों में गाय, बकरे या बिल्ली जैसे पालतू पशु को जाने-अनजाने मारने के पाप उतारने के खास उपाय बताए गए हैं।
अगर बिल्ली घर में मर जाए तो क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंसंवेदनशील व्यक्ति पर मनोवैज्ञानिक रूप से बुरा असर,जितना बिल्ली के मरने पर होता है उतना ही कार ऐक्सिडेंट से कुत्ते, साँप, पक्षी या चूहे इत्यादि के मरने पर भी होता है । अगर बिल्ली को देवी भगवती लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है तो फिर उसी तर्क से चूहे हो भी तो गणेश भगवान से जोड़कर देखना चाहिए।
बिल्ली की जेर कैसे पता करें?
इसे सुनेंरोकेंTantra shastra: प्रसवकाल के दौरान बिल्ली के द्वारा एक प्रकार की थैली उसकी योनि से निकलती है जिसे आंवल अथवा साधारण भाषा में जेर कहा जाता है। Tantra shastra: प्रसवकाल के दौरान बिल्ली के द्वारा एक प्रकार की थैली उसकी योनि से निकलती है जिसे आंवल अथवा साधारण भाषा में जेर कहा जाता है।
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बिल्ली का बाल मुंह में जाने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंक्या है ये बीमारी टॉक्सोप्लाजमोसिस दूषित पानी, पालतू बिल्ली के अपशिष्ट या अधपके खाने, खासकर मांसाहारी खाने से होने वाला संक्रमण है. यह संक्रमण दुनियाभर के लगभग एक तिहाई लोगों में पाया जाता है लेकिन आमतौर पर इसके परजीवी जिन्हें टी गोंडियाई कहा जाता है, मस्तिष्क के भीतर सुप्तावस्था में रहते हैं.
बिल्ली को क्या खाना पसंद है?
इसे सुनेंरोकेंसही प्रकार का पोषण देने के लिए उसे हमेशा बिल्लियों वाला भी खाना खिलाना चाहिए. 6. बिल्ली के 8-10 महीने की होने पर उसे कभी भी सिर्फ दूध या बिल्ली वाला खाना ना ही खिलाएं बल्कि घर का बना खाना जैसे, चावल, दूध और दही खिलाएं.
बिल्ली मारना क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंबिल्ली का घर में मरना ek अपशकुन bhi माना जाता hai, वहीँ कई log इसे सामान्य मानते हैं। … Iss स्थिति में बिल्ली ko आपकी ज्यादा जरूरत है और ek मनुष्य ki तरह उसे भी आपको विदा karna होगा aur उसका अंतिम संस्कार करना hoga।
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घर में बिल्ली के लड़ने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंबिल्लियों का लड़ना : बिल्लियों का आपस में लड़ना धनहानि और गृहकलह का संकेत है। यदि किसी के घर में बिल्लियां आपस में लड़ रही हैं तो माना जाता है कि शीघ्र ही घर में कलह उत्पन्न होने वाली है। गृहकलह से ही धनहानि होती है।
कहते हैं अहिंसा हमारा परम धर्म है। शास्त्रों में अहिंसा की यह भावना मानव जीवन के लिए ही नहीं बल्कि पशु-पक्षी, पेड़-पौधों से लेकर हर जीव के लिए रखना अहम माना गया है।
गरुड पुराण के अनुसार हर जीव में ईश्वर का वास माना गया है। खासतौर पर इंसान के लिए जीव हिंसा, यहां तक कि पेड़-पौधों को काटना भी देव अपराध है। इन जीवों में गाय, बकरे या बिल्ली जैसे पालतू पशु को जाने-अनजाने मारने के पाप उतारने के खास उपाय बताए गए हैं।
पेड़ पौधों का शाप : मान्यताओं के अनुसार पेड़ों को काटने पर भी पाप लगता है। पीपल, बेल या झाडि़यां काटने वाले लोग एक सौ बार गायत्री मंत्र का जप कर पाप मुक्त होते हैं। वर्षों खड़े या विशाल पेड़ को खत्म कर देना भी गंभीर अपराध है।
तोता मारने पर: शिकारी लोग पक्षियों को आसानी से मार डालते हैं, लेकिन अनजाने में कुछ सामान्य इंसान भी यह अपराध कर बैठते हैं। शास्त्रानुसार ऐसे लोगों को दो साल का बछड़ा दान में देना चाहिए। यदि किसी ने हाथी को मार दिया हो तो उसे पांच नील बैलों (ग्रामीण भाषा में 'रोज') का दान करना चाहिए।
जीव हत्या : बकरा, भेड़ या अन्य जानवरों की हत्या का यह कर्म धर्म-संप्रदाय की आड़ में किए जा रहा है, फिर भी जो लोग यह गलती मानते हैं वे पापमुक्ति के लिए एक बैल का दान कर क्षमा का पात्र बन सकते हैं। वरना विधि के विधानानुसार अगले जन्म में उन्हें भी इस स्थिति से गुजरना होगा।
पालतू जानवरों की हत्या : बिल्ली, मेढक, नेवले या किसी पालतू जानवर को मारने पर व्यक्ति को तीन रात दूध पीना चाहिए। इसके अलावा, पाद कृच्छ्रव्रत (इस व्रत में एक दिन सुबह, एक दिन शाम, एक दिन मांगा हुआ भोजन करना और एक दिन उपवास किया जाता है) का पालन करना पड़ता है।
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