भारत में बेरोजगारी की वर्तमान स्थिति क्या है? - bhaarat mein berojagaaree kee vartamaan sthiti kya hai?

नई दिल्ली। मंगलवार को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने यानी जून 2022 में भारत में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) कुल कार्यबल का 7.8 फीसदी हो गई। इससे पिछले महीने यानी मई 2022 में यह आंकड़ा 7.12 फीसदी था। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, बेरोजगारी दर में वृद्धि मुख्य रूप से ग्रामीण इलाकों की बेरोजगारी में वृद्धि के कारण हुई।

इतनी रही ग्रामीण और शहरी बेरोजगारी दर
असमान बारिश के स्तर की वजह से ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है क्योंकि इसकी वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि श्रमिकों की तैनाती में देरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर मई के 6.62 फीसदी से बढ़कर जून में 8.03 प्रतिशत हो गई। दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान शहरी बेरोजगारी दर 7.30 प्रतिशत हो गई। एक महीने पहले यह 7.12 प्रतिशत थी। 

जुलाई में हालात बेहतर होने की संभावना
सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास ने पीटीआई को टेलीफोन पर बातचीत के दौरान बताया कि बिना किसी लॉकडाउन वाले महीने के दौरान यह रोजगार में सबसे बड़ी गिरावट है। यह मूल रूप से एक ग्रामीण घटना है और मौसमी है। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि गतिविधियों में कमी होती है। जुलाई में इसके उलट होने की सबसे अधिक संभावना होती है जब बुवाई शुरू की जाती है। सीएमआईई के प्रबंध निदेशक महेश व्यास के अनुसार, बेरोजगारों की संख्या में सिर्फ 30 लाख की वृद्धि हुई है, जबकि महीने के दौरान लगभग 13 मिलियन नौकरियां चली गईं क्योंकि बाकी ने श्रम बाजार छोड़ दिया।

उन्होंने कहा कि चिंताजनक बात यह है कि जून 2022 में वेतनभोगी कर्मचारियों के बीच 25 लाख नौकरियों में गिरावट देखी गई। आंकड़ों के अनुसार हरियाणा में बेरोजगारी सबसे उच्चतम, 30.6 फीसदी, राजस्थान में 29.8 फीसदी, असम में 17.2 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 17.2 फीसदी और बिहार में 14 फीसदी रही।

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Unemployment in India: भारत में बेरोजगारी अहम समस्या है और भारत की ये समस्या कितनी अहम है... ये आप बेरोजगारी के आंकड़ों के जरिए समझ सकते हैं.

भारत में बेरोजगारी की जड़ें काफी गहरी हैं, जिसे भारत की अहम समस्या माना जा रहा है.

भारत में दिसंबर 2021 तक 53 मिलियन यानी 5.3 लोग बेरोजगार हैं. इन आंकड़ों की जानकारी ईकोनोमिक्स टाइम्स ने डेटा सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आधार पर दी है.

इनमें से 35 मिलियन यानी 3.5 करोड़ लोग तो वो हैं, जो एक्टिवली रोजगार की तलाश में हैं. मतलब ये लोग तो मेहनत करके रोजगार की तलाश में हैं और उन्हें जल्द से जल्द रोजगार की आवश्यकता है. इसमें से 8 मिलियन संख्या महिलाओं की है.

वहीं, 17 मिलियन यानी 1.7 करोड़ लोग वो हैं, जिन्हें काम चाहिए मगर वो सक्रिय होकर अभी जॉब नहीं ढूंढ रहे हैं. इसमें महिलाओं की संख्या 9 मिलियन है.

सीएमआईई का कहना है कि वर्ल्ड बैंक ने साल 2020 में महामारी की मार में वैश्विक रोजगार दर 55% और 2019 में 58% आंकी थी, जबकि भारत 43% के स्तर पर था. हालांकि, सीएमआईई के अनुसार यह दर 38 फीसदी है.

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