भारत के सकल घरेलू उत्पाद में किस सेक्टर का कितना योगदान है?
भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है. वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का 53.66% योगदान है. दूसरे स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र का योगदान है जो कि जीडीपी में लगभग 31% योगदान देता है. तीसरे स्थान पर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली कृषि का नंबर आता है जो कि भारतीय जीडीपी का करीब 17% हिस्सा प्रदान करती है लेकिन भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 53% हिस्सा कृषि कार्यों में लगा हुआ है.
Sectors in Indian Economy
भारत के सकल घरेलू उत्पाद में सेवा क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक है. वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का 53.66% योगदान है. दूसरे स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र का योगदान है जो कि जीडीपी में लगभग 31% योगदान देता है. तीसरे स्थान पर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली कृषि का नंबर
आता है जो कि भारतीय जीडीपी का करीब 17% हिस्सा प्रदान करती है लेकिन भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 53% हिस्सा कृषि कार्यों में लगा हुआ है.
इस लेख में हम यह जानेंगे कि भारत की अर्थव्यवस्था में अन्य क्षेत्र क्या योगदान कर रहे हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन प्रमुख क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है;
1. कृषि और संबद्ध क्षेत्र (Agriculture & Allied Sector): इस क्षेत्र में वन और मत्स्य पालन भी शामिल है. यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के
प्राथमिक क्षेत्र (primary sector) के रूप में भी जाना जाता है. भारतीय स्वतंत्रता के समय भारत के सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का सबसे बड़ा हिस्सा (लगभग 55%) था. लेकिन साल दर साल इसके योगदान में गिरावट आई है और वर्तमान में यह भारतीय जीडीपी में 17% योगदान देता है. यहाँ पर यह बात उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र भारत की लगभग 53% जनसंख्या को रोजगार प्रदान करता है.
2. उद्योग क्षेत्र (Industry Sector): इस क्षेत्र में 'खनन और उत्खनन', विनिर्माण
(पंजीकृत और गैर-पंजीकृत), गैस, बिजली, निर्माण और जल आपूर्ति शामिल है. इसे अर्थव्यवस्था के द्वितीयक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. वर्तमान में यह भारतीय जीडीपी (मौजूदा कीमतों पर) में लगभग 31% योगदान दे रहा है.
3. सेवा क्षेत्र (Services Sector): सेवा क्षेत्र में 'वित्तीय सेवाएँ, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएँ, लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं जैसे; व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण (broadcasting) से संबंधित सेवाएं शामिल
हैं. यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था के तृतीयक क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. वर्तमान में यह क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ के सामान है और भारतीय सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 53% हिस्सा इसी क्षेत्र से आता है.
वित्त वर्ष 2016-17 में सेवा क्षेत्र के लिए वर्तमान कीमतों पर सकल मूल्य वृद्धि (GVA)अनुमानित 73.79 लाख करोड़ रुपये है जो कि भारत की कुल सकल मूल्य वृद्धि (GVA); 137.51 लाख करोड़ का 53.66% हिस्सा है.
वित्त वर्ष 2016-17 में औद्योगिक क्षेत्र का भारत के कुल सकल मूल्य वृद्धि
(GVA) अर्थात 137.51 लाख करोड़ में 39.90 लाख करोड़ का हिस्सा है. इसके अलावा कृषि क्षेत्र का योगदान लगभग 23.82 लाख करोड़ रुपये है.
आइये भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले तीन मुख्य क्षेत्रों के योगदान पर नजर डालते हैं;
क्षेत्र | वर्तमान कीमतों पर सकल मूल्य वृद्धि (GVA) (करोड़ रु. में) (2016-17) | प्रतिशत भाग |
1.0 कृषि क्षेत्र | 2,382,289 | 17.32 % |
1.1 कृषि, वानिकी और मछली पकड़ना | 2,382,289 | 17.32 % |
2.0 उद्योग क्षेत्र | 3,989,791 | 29.02 % |
2.1 खनन और उत्खनन | 309,178 | 2.25 % |
2.2 विनिर्माण | 2,278,149 | 16.57 % |
2.3 बिजली, गैस, पानी की आपूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाएं | 338,396 | 2.46 % |
2.4 निर्माण | 1,064,068 | 7.74 % |
3.0 सेवा क्षेत्र | 7,378,705 | 53.66 % |
3.1 व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएँ | 2,538,162 | 18.46 % |
3.2 वित्तीय, रियल एस्टेट और प्रोफेशनल सेवाएँ | 2,896,300 | 21.06 % |
3.3 लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं | 1,944,243 | 14.14 % |
वर्तमान मूल्यों पर कुल सकल मूल्य वृद्धि (GVA) | 13,750,786 | 100.00 % |
उपरोक्त तालिका दर्शाती है कि सेवा क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है; जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक योगदान देता है. इसके बाद औद्योगिक क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है. लेकिन भारतीय जीडीपी में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान साल दर साल घटता जा रहा है जो कि नीति निर्माताओं के लिए चिंता का कारण है; क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी देश की लगभग 53% आबादी को आजीविका प्रदान करता है लेकिन अर्थव्यवस्था में इसका योगदान वर्ष 1951 के 55% से घटकर 2017 में केवल 17% के लगभग रह गया है.
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