भारत चुनाव आयोग द्वारा इस बार 25 जनवरी 2022 को कौन सा राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जा रहा है? - bhaarat chunaav aayog dvaara is baar 25 janavaree 2022 ko kaun sa raashtreey matadaata divas manaaya ja raha hai?

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है।

भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी 'भारत निर्वाचन आयोग' की होती है। 'भारत निर्वाचन आयोग' का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से 1 दिन पहले 25 जनवरी 1950 को हुआ था, क्योंकि 26 जनवरी 1950 को भारत एक गणतांत्रिक देश बनने वाला था और भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग का गठन जरूरी था इसलिए 25 जनवरी 1950 को 'भारत निर्वाचन आयोग' गठन हुआ।

भारत सरकार ने वर्ष 2011 से हर चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस '25 जनवरी' को ही 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की थी और 2011 से ही हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश में सरकारों और अनेक सामजिक संथाओं द्वारा लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिससे कि देश की राजनीतिक प्रक्रियाओं में लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

राष्ट्रीय मतदाता दिवस का हर वर्ष आयोजन सभी भारत के नागरिकों को अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन लोगों को यह भी बताता है कि हर व्यक्ति के लिए मतदान करना जरूरी है। भारत के प्रत्येक नागरिक का मतदान प्रक्रिया में भागीदारी जरूरी है, क्योंकि आम आदमी का एक वोट ही सरकारें बदल देता है। हम सबका एक वोट ही पलभर में एक अच्छा प्रतिनिधि भी चुन सकता है और एक बेकार प्रतिनिधि भी चुन सकता है इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने मत का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए और ऐसी सरकारें या प्रतिनिधि चुनने के लिए करना चाहिए, जो कि देश को विकास और तरक्की के पथ पर ले जा सकें।

भारत देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है इसलिए देश के प्रत्येक चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए और ऐसी सरकारें चुननी चाहिए, जो कि सांप्रदायिकता और जातिवाद से ऊपर उठकर देश के विकास के बारे में सोचें। जिस दिन देश का युवा जाग जाएगा, उस दिन देश से जातिवाद, ऊंच-नीच, सांप्रदायिक भेदभाव खत्म हो जाएगा। ये सिर्फ और सिर्फ हो सकता है हम सबके मतदान करने से।

25 जनवरी को भारत के प्रत्येक नागरिक को लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए शपथ लेनी चाहिए कि वे देश की स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने की लोकतांत्रिक परंपरा को बरकरार रखेंगे और प्रत्येक चुनाव में धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय, भाषा आधार पर प्रभावित हुए बिना निर्भीक होकर मतदान करेंगे। ऐसी शपथें हर वर्ष 25 जनवरी को लाखों लोग लेते हैं।

लेकिन फिर भी इस शपथ पर अमल बहुत कम होता है, क्योंकि आज भी लोग सांप्रदायिक, जातिवाद और भाषायी आधार पर वोट देते हैं। इससे अनेक अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी देश की संसद और विधानसभाओं में प्रतिनिधि चुनकर चले जाते हैं। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक को सांप्रदायिक और जातीय आधार से ऊपर उठकर एक साफ-सुथरी छवि के व्यक्ति के लिए अपने मत का प्रयोग करना चाहिए।

'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' का उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छा साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने हेतु मतदान के लिए जागरूक करना है। हमारे लोकतंत्र को विश्व में इतना मजबूत बनाने के लिए मतदाताओं के साथ-साथ भारत देश के निर्वाचन आयोग का भी अहम् योगदान है। हमारे निर्वाचन आयोग की वजह से ही देश में निष्पक्ष चुनाव हो पाते हैं।

आज 'राष्ट्रीय मतदाता दिवस' के दिन देश के प्रत्येक मतदाता को अपनी सक्रिय भागीदारी के माध्यम से लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प लेना चाहिए।

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