भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध कैसे किया? - bhagavaan shree krshn ne kans ka vadh kaise kiya?

कंस वध के समय कृष्ण की आयु कितनी थी : भगवान कृष्ण किशोरावस्था की शुरुआत दोस्तों और राधा के साथ बिताई। फिर उन्होंने मथुरा जाते समय कहा कि, वह अपने कर्तव्यों के लिए जा रहे हैं। 

वह भगवान है लेकिन मानव अवतार में। भगवान अवतार लेते हैं और इंसानों को अपना जीवन जीने के लिए सही रास्ता दिखते  हैं। भगवान कृष्ण ने धर्म की रक्षा के लिए सब कुछ पहले स्वयं किया और फिर अर्जुन और अन्य को करने के लिए कहा।

उन्होंने छोटे उम्र में ही कंस द्वारा भेजा गया कई राक्षशो को वध करके मिसाल कायम किया था। कंस द्वारा भेजे गए अंतिम राक्षस को भी गोकुल में 14 वर्ष की आयु में पराजित किया था।

कितनी आयु में कृष्ण ने कंस का वध किया था

14 से 16 के आयु में भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था। कंस को मारने के बाद, कृष्ण ने मानव नियमों का पालन करते हुए महर्षि सांदीपनि से वेदों की उच्च शिक्षा ली।कृष्ण वेदों को क्यों सीखेंगे ? क्योंकि वह उन्हें पहले से ही जानते थे क्योंकि वह भगवान थे।  इसका कारण मानव बनना और मनुष्य के काम करने के तरीके से आगे बढ़ना है।

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फिर वह मथुरा लौट आया और मथुरा पर शासन करने के लिए उनके नाना राजा उग्रसेन की सहायता कर रहा था। उसने और बलराम ने जरासंध को लगभग 17 बार हराया। फिर कृष्ण मथुरा छोड़ दिया क्योंकि वह नहीं चाहता था कि मथुरा आर्थिक रूप से नष्ट हो जाए। क्योंकि युद्ध किसी भी देश को आर्थिक रूप से नष्ट कर देता है।

वह यह भी जानता था कि जरासंध राज्य के रूप में मथुरा पर हमला नहीं कर रहा है। बल्कि कृष्ण पर व्यक्तिगत रूप से हमला करने में दिलचस्पी रखता है क्योंकि कंस की पत्नी जरासंध की बेटी थी और कृष्ण ने कंस को मारकर उसे विधवा बना दिया था।

इसलिए उन्होंने मथुरा छोड़ दिया और द्वारका नामक एक नया राज्य स्थापित किया । वे द्वारिका के राजा बने और कृष्ण ने रुक्मिणी जी से विवाह किया

FAQ

कंस वध के समय कृष्ण की आयु कितनी थी :

कंस वध के समय कृष्ण की आयु 14 से 16 बर्ष थी, लेकिन कई धर्मगुरु कहते है की भगवान कृष्ण ने जब कंस का वध किया था तब कृष्ण का आयु ११ बर्ष ६ महीने था।

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क्यो किया भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा का वध: भगवान कृष्ण के अनेकों रूप में एक रूप वो भी है जिसमें उन्होंने अपने मामा कंस का वध कर के लोगों.....

क्यो किया भगवान श्री कृष्ण ने अपने मामा कंस का वध

भगवान कृष्ण के अनेकों रूप में एक रूप वो भी है जिसमें उन्होंने अपने मामा कंस का वध कर के लोगों को उनके आतंक से मुक्त किया था। जिस दिन भगवान कृष्ण ने अपने मामा का वध किया था वो दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का दिन था। इसी महत्वपूर्ण दिन को मनाने के लिए हर साल कार्तिक माह में पड़ने वाली शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कंस वध का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 24 नवंबर- मंगलवार के दिन मनाया जायेगा।

अहंकारी और अत्याचारी कंस ने भगवान कृष्ण को मारने के लिए लाखों जतन किये थे। जैसा कि शास्त्रों में वर्णित है कि, एक आकाशवाणी के मुताबिक कहा गया था कि कंस का वध उसी की बहन देवकी की आठवीं संतान के हाथों होना था, इसी के चलते कंस इस कदर बौखलाया हुआ था कि उसने भगवान कृष्ण को मारने के लिए कई चालें चलीं, लेकिन अंत में कंस की मृत्यु भगवान कृष्ण के ही हाथों हुई।

बताया जाता है कि कंस मामा का वध करने से पहले भगवान कृष्ण ने पहले उनके दो सुरक्षा-कवच पहलवानों को मारा था। ये दोनों पहलवान मुष्ठिक और चाणूर बेहद ही शक्तिशाली हुआ करते थे। जब कंस को मारने के लिए भगवान कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ कंस के सभागार में पहुचे थे तो इन्हीं दोनों पहलवानों ने उन्हें चुनौती देते हुए लड़ाई के लिए ललकारा था। इसके बाद देखते ही देखते मुष्ठिक बलराम से भिड़ गया और चाणूर भगवान श्रीकृष्ण से युद्ध करने लगा। अंत में भगवान कृष्ण और बलराम ने इन दोनों पहलवानों का अंत कर दिया था।

अपने दो शक्तिशाली और विशाल पहलवानों को यूँ मृत्यु के मुँह में जाता देख कंस भयभीत हो उठा। भगवान कृष्ण और बलराम का क्रोध देखकर कंस की पूरी सेना कायरों की तरह भाग खड़ी हुई। हालाँकि अहंकार में चूर कंस ने भगवान कृष्ण पर वार करने के लिए अपनी तलवार निकाल ली, और वहीं दूसरी तरफ भगवान कृष्ण उसके सामने निहत्थे खड़े थे। जैसे ही खुद को बचाने और भगवान कृष्ण को चोटिल करने के लिए कंस ने तलवार चलायी, वैसे ही भगवान कृष्ण ने कंस को उसके बाल से पटक-कर जमीन पर गिरा दिया। इससे पहले की कंस को कुछ समझ आता, वो उठकर दोबारा भगवान कृष्ण पर प्रहार कर पाता, भगवान कृष्ण उसकी छाती पर चढ़ गए और देखते-ही-देखते कंस के प्राण-पखेरू उड़ गए, और इस तरह से कृष्ण भगवान ने समस्त लोगों को कंस के अत्याचार से मुक्ति दिलाई थी।

भगवान श्री कृष्ण ने कंस को कैसे मारा?

कंस का मुकुट गिर गया। भगवान ने केश पकड़ कर उसे मंच से धरती पर पटक दिया। फिर श्री कृष्ण स्वयं उसके ऊपर कूद पड़े। उनके कूदते ही कंस की मृत्यु हो गई।

कंस श्री कृष्ण को क्यों मारना चाहता था?

कंस मामा : भगवान कृष्ण का मामा था कंस। वह अपने पिता उग्रसेन को राज पद से हटाकर स्वयं शूरसेन जनपद का राजा बन बैठा थाकंस को मालूम था कि मेरी बहन देवकी का आठवां पुत्र मेरी मौत का कारण बनेगा। यही कारण था कि वह भगवान श्री कृष्ण को हर हाल में मारना चाहता था

श्री कृष्ण की मत्ृयुकैसे हुई?

भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु जरा नामक बहेलिए के तीर से हुई थी. कृष्ण पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे, तभी बहेलिए ने हिरण समझकर दूर से उनपर तीर चला लिया, जो उनके पैरों में जाकर लगा.. श्रीकृष्ण की कितनी उम्र थी? भगवान कृष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था.

श्री कृष्ण ने कंस का वध कब किया था?

Kans Vadh: भगवान श्रीकृष्ण (ShriKrishna) ने अपने ही मामा कंस का वध (Kans Vadh) कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन किया था. यही वजह है कि इस तिथि को कंस वध के तौर पर भी जाना जाता है.

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