बागवानी करते समय नेहरू जी को जमीन के नीचे क्या मिला? - baagavaanee karate samay neharoo jee ko jameen ke neeche kya mila?

These NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant & Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 अहमदनगर का किला Questions and Answers Summary are prepared by our highly skilled subject experts.

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Question and Answers

प्रश्न 1.
इस पाठ में किसकी कौन-सी यात्रा का वर्णन किया गया है?
उत्तर:
इस पाठ में पं. जवाहरलाल नेहरू की नौवीं जेल-यात्रा का वर्णन किया गया है। यह जेल अहमदनगर जिले की थी।

प्रश्न 2.
इस जेल में आए नेहरू जी को कितना समय हुआ था?
उत्तर:
‘इस जेल में आए नेहरू जी को बीस महीने से भी अधिक का समय हुआ था।

प्रश्न 3.
अहमदनगर के किले का चाँद नेहरू जी को क्या याद दिलाता था?
उत्तर:
अहमदनगर के किले का चाँद नेहरू जी को याद दिलाता था कि उनके जेल का एक महीना और बीत गया है तथा अँधेरे के बाद उजाला होता है।

प्रश्न 4.
किले की जेल में लेखक ने क्या काम शुरू कर दिया?
उत्तर:
नेहरू जी ने अहमदनगर के किले की जेल में दूसरी जेलों की तरह बागवानी का कार्य शुरू कर दिया। वह प्रतिदिन तपती धूप में कई घंटे फूलों की क्यारियाँ बनाते थे।

प्रश्न 5.
यहाँ की मिट्टी कैसी थी?
उत्तर:
अहमदनगर के किले की मिट्टी बहुत खराब थी। यहाँ की मिट्टी पथरीली, पुराने मलबे और अवशेषों से भरी हुई थी।

प्रश्न 6.
अहमदनगर के किले के साथ कौन-सी कहानी जुड़ी हुई है?
उत्तर:
अहमदनगर के किले के साथ चाँदबीवी नामक एक सुंदर महिला के साहस की कहानी जुड़ी हुई है। उसने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की शाही सेना के विरुद्ध तलवार उठाकर अपनी सेना का नेतृत्व किया था।

प्रश्न 7.
खुदाई में नेहरू जी को क्या मिला?
उत्तर:
खुदाई के दौरान नेहरू जी को जमीन की सतह के बहुत नीचे दबे हुए प्राचीन दीवारों के हिस्से, कुछ गुंबदों और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले।

प्रश्न 8.
अतीत का दबाव कैसा होता है?
उत्तर:
अतीत का दबाव अच्छा हो या बुरा, दोनों ही रूपों में अभिभूत करता है। कभी-कभी यह दबाव दम-घोंटू भी होता है। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी जड़ें बहुत पुरानी सभ्यताओं में होती हैं।

प्रश्न 9.
लेखक किस-किसका वारिस है?
उत्तर:
लेखक उन सबका वारिस है जिसे मानवता ने हजारों सालों में हासिल किया है। वह मानवता की विजयों, पराजयों, साहसिक कार्यों आदि का उत्तराधिकारी है।

प्रश्न 10.
लेखक क्या अनुभव करता है?
उत्तर:
लेखक यह अनुभव करता है कि वह मानवता की विशिष्ट विरासत को लिखना तो चाहता है, पर विषय कीजटिलता और कठिनता उसे भयभीत करती है। उसे लगता है कि वह इस विषय को केवल सतही तौर पर ही छू सकेगा।

Bharat Ki Khoj Class 8 Chapter 1 Summary

यह नेहरू जी की नौवीं जेल-यात्रा थी। यहाँ आए उन्हें बीस मास से अधिक का समय हो चुका था। जब वे यहाँ पहुँचे थे तो अँधेरे आकाश में झिलमिलाते दूज़ के चाँद ने उनका स्वागत किया था। इसके बाद जब भी चाँद निकलता तो उन्हें जेल में एक मास बीत जाने का अहसास होता था। वे मानते थे कि चाँद उनके जेल-जीवन का स्थायी सहचर रहा है। चाँद उन्हें यह भी याद दिलाता है कि अँधेरे के बाद उजाला आता है।

अतीत का भारत – नेहरू जी ने दूसरी जेलों की तरह अहमदनगर की जेल में भी बागवानी करनी शुरू कर दी थी। वे तेज़ धूप में भी फूलों की क्यारियाँ बनाते थे। वहाँ की मिट्टी पथरीली और पुराने मलबे तथा अवशेषों से भरी हुई है। इस किले की एक घटना उन्हें याद आती थी। चाँदबीवी नाम की एक सुंदर महिला ने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की शाही सेना के विरुद्ध तलवार उठाकर सेना का नेतृत्व किया था। लेकिन अंत में उसकी हत्या अपने ही एक आदमी के हाथों हुई। खुदाई के दौरान नेहरू जी को जमीन में दबे हुए प्राचीन दीवारों के हिस्से, कुछ गुंबद तथा इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। नेहरू जी इस कार्य को जारी नहीं रख सके. क्योंकि न तो इसके लिए उन्हें अधिकारियों की मंजरी मिली और न ही इसे आगे बढ़ाने के लिए उनके पास साधन थे। अब उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम हाथ में ले ली। उन्हें लिखने की पूरी स्वतंत्रता नहीं थी। वह पहले की ही तरह अपने आज के विचारों और क्रियाकलापों के साथ संबंध स्थापित करके उसके बारे में लिख सकते थे। गेटे ने एक बार कहा था-“इस तरह का इतिहास-लेखन अतीत के भारी बोझ से एक सीमा तक राहत दिलाता है।”

अतीत का दबाव-दबाव कभी-कभी दम-घोंटू होता है। खास तौर पर उन लोगों के लिए जिनकी जड़ें बहुत पुरानी सभ्यताओं में होती हैं। जैसे-भारत और चीन की सभ्यताएँ।

आखिर मेरी विरासत क्या है? मैं किन बातों का उत्तराधिकारी हूँ? क्या उन सबका जिसे मानवता ने दसियों-हजारों सालों के दौरान हासिल किया। उनकी विजयों, पराजयों, मानव के साहसिक कारनामों का वह वारिस है। भारतवासियों की विरासत में एक खास बात है, पर अनौखी नहीं है। यह हम सब लोगों पर विशेष रूप से लागू होती है। इस विशेषता से हमारा वर्तमान स्वरूप बना है और भावी रूप बनेगा। ऐसे विचार लेखक के मन में बसे हुए हैं। वह इसी के बारे में लिखना चाहता है। विषय की कठिनता व जटिलता उसे भयभीत करती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1: नेहरू जी ने यह अभिव्यक्ति कब की?
उत्तर: 

नेहरू जी ने यह अभिव्यक्ति अपनी नौवीं जेल यात्रा के समय 13 अप्रैल, 1922 को की। उन्हें उस किले में बीस महीने से भी अधिक समय तक बन्दी बनाकर रखा गया था।

प्रश्न 2: इतिहास के बारे में इतिहासकार गेटे का क्या कहना है?
उत्तर: 

गेटे का कहना है कि-‘‘ऐसा इतिहास लेखन अतीत के भारी बोझ से किसी सीमा तक राहत दिलाता है।

प्रश्न 3: अहमदनगर किले में नेहरू जी अपना शौक पूरा करने के लिए क्या काम करने लगे?
उत्तर:
 

नेहरू जी ने अपना बागवानी का शौक पूरा करने के लिए कुदाल उठा ली और पथरीली एवं कंकरीली जमीन की खुदाई शुरू कर दी और उस बंजर जमीन को पेड़-पौधे लगाने के योग्य बना दिया।

प्रश्न 4: नेहरू जी अपनी विरासत किसे मानते हैं?
उत्तर: 

नेहरू जी उन सभी को अपनी विरासत मानते हैं जिसे मानवता ने हजारों सालों में हासिल किया है उसकी विजय का उल्लास, पराजय की दुःखद यंत्रणा, मानव के हैरतअंगेज साहसिक कार्य जो सभी को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न 5: नेहरू जी को कुदाल छोड़कर कलम उठाने के लिए विवश क्यों होना पड़ा?
उत्तर: 

बागवानी के लिए, खुदाई का काम जारी रखने के लिए नेहरू जी के पास साधनों की कमी थी। वे खुदाई का काम जारी रखना चाहते थे। परन्तु खुदाई करने की अनुमति उन्हें अधिकारियों से प्राप्त न हो सकी। अतः विवश होकर उन्होंने कुदाल छोड़कर कलम उठा ली और इतिहास लेखन शुरू कर दिया।

प्रश्न 6: लेखक के बंदी जीवन का स्थायी सहचर कौन था? और उसे वह क्या-क्या याद दिलाता था?
उत्तर:
 

अहमदनगर के किले में लेखक का स्थायी सहचर चाँद था, जो उसे याद दिलाता था कि कारावास का एक महीना और बीत गया। वही लेखक को यह भी याद दिलाता था कि अंधेरे के बाद उजाले को आना ही होता है। अतः कठिनाइयों को सामने देखकर घबराना नहीं  चाहिए।

प्रश्न 7: अतीत के दबाव के बारे में नेहरू जी का क्या मानना था?
उत्तर:
 

अतीत के दबाव के बारे में नेहरू जी का मानना था कि मनुष्य को अतीत अच्छे और बुरे दोनों ही रूपों में प्रभावित करता है। यदि अतीत अच्छा हो तो खुशी और संतोष का अनुभव होता है और यदि असंतषोजनक हो तो दमघोंटू हो जाता है।


दीर्घउत्तरीय प्रश्न


प्रश्न 1: नेहरू जी भारतीयों के विरासत की क्या विशेषता बताते हैं?
उत्तर:

नेहरूजी के अनुसार भारतवासियों की विरासत की विशेषता यह है कि कोई भी व्यक्ति अलग रहने में विश्वास नहीं करता। हमारे रक्त, माँस और हड्डियों में यह विचार समाया है। यही बात सभी को मिलाकर एक करती है अर्थात् विश्व-बन्धुत्व की भावना में सब विश्वास करते हैं।

प्रश्न 2: चाँद के निकलने से नेहरू जी क्या अनुभव करते थे?
उत्तर: 

नेहरूजी जिस दिन यहाँ आए उस दिन शुक्ल पक्ष का ‘दूज का चाँद’ आकाश में था। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जब भी दूज का चाँद आकाश में दिखाई देता है तो उसे एक महीना पूरा होने की सूचना देता है। चाँद उन्हें यह याद दिलाता रहा कि अंधेरे के बाद उजाला भी अवश्य आता है अर्थात् कठिनाइयों के बाद सुख के दिन भी अवश्य आएँगे।

प्रश्न 3: ऐतिहासिक दृष्टि से अहमदनगर के किले की कोई अहमियत क्यों नहीं  है?
उत्तर: 

ऐतिहासिक दृष्टि से अहमदनगर के किले की कोई अहमियत इसलिए नहीं  है, क्योंकि इस किले का इतिहास भी बहुत पुराना नहीं  है। इससे जुड़ी एक घटना है, जो आज भी याद की जाती है। चाँदबीबी नाम की एक साहसी महिला ने इस किले की रक्षा के लिए अकबर की शाही सेना के विरूद्ध हाथ में तलवार उठाकर अपनी सेना का नेतृत्व किया, परंतु अंत में उसकी हत्या उसके अपने ही वफादार व्यक्ति ने कर दी। इसके अतिरिक्त इस किले की कोई विशेषता नहीं  है।

प्रश्न 4: अहमदनगर के किले की मिट्टी कैसी थी? लेखक ने उसे उपजाऊ बनाने के लिए क्या किया?
उत्तर: 
अहमदनगर के किले की मिट्टी बहुत खराब थी। पथरीली, पुराने मलबे और अवशेषों से भरी हुई। वे उस पथरीली भूमि में कड़ी जूप में भी कई घंटे काम करते थे और पौधे रोपने के लिए क्यारियाँ बनाया करते थे। इस प्रकार उन्होंने परिश्रम के बल पर वहाँ की भूमि को उपजाऊ बना दिया।


मूल्यपरक प्रश्न


प्रश्न 1: आप सपने अवश्य देखते होंगे। हम सबने पराधीनता-मुक्त भारत के सपने भी देखे थे। आप अपने सपनों में भारत के लिए क्या कल्पना करते हो? लिखिए।

उत्तर:

हर मनुष्य सपने अवश्य देखता है और उसके सपने उससे कोई नहीं  छीन सकता। अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार तो जमा लिया, परंतु वे भारतवासियों की आजादी का सपना नहीं  छीन पाए। मेरे सपनों के भारत में देश के लोग चरित्रवान होंगे। कोई भी देशवासी अपने स्वार्थ के लिए देश से विश्वासघात नहीं  करेगा। कोई भी विदेशी बैंकों में भारत की पूँजी चोरी से जमा नहीं  करवाएगा। कार्यों को कराने के लिए रिश्वत नहीं  देनी पड़ेगी। ञहसा का सहारा नहीं  लेना पड़ेगा। वास्तव में मेरे सपनों का भारत अभी नहीं  बन पाया है। आजादी के 70 वर्ष बाद भी बसें, रेलें और स्कूल-काॅलेज जाता हुआ युवक, भ्रष्टाचार में लिप्त नेता और व्यापारी, सत्ता का दुरुपयोग करता हुआ अधिकारी शोषण करता हुआ साहूकार तथा भूखा मरता बेकार इन सबसे छुटकारा पाना शेष है। क्या मेरे सपनों के भारत में ऐसा भारत रह सकेगा? मेरे सपनों के भारत में प्रजातंत्र की आड़ में व्यक्ति-पूजा नहीं होगी, राष्ट्रहित की आड़ में स्वार्थसाधना नहीं  होगी। मैं जानता हूँ कि मेरे सपनों का भारत अभी बहुत दूर है, परंतु मैं इसलिए सपने देखना नहीं  छोड़ सकता और मुझे आशा है वह मुझे अवश्य मिलेगा।

प्रश्न 2: चाँद बीबी के बारे में कौन-सी घटना याद की जाती है? विश्वासघात के परिणामों पर विचार कीजिए।
उत्तर:
 

चाँद बीबी ने किले की रक्षा के लिए अकबर की शाही सेना के साथ साहसपूर्वक युद्ध किया और अपनी सेना का नेतृत्व किया। अंत में उसकी हत्या उसके अपने ही एक आदमी ने कर दी। चाँद बीबी अपने कर्मचारियों को अपने परिवार के सदस्य की तरह मानती थी व उनकी सुख, सुविधा व सुरक्षा का ध्यान रखती थी परन्तु दूषित राजनीति के दुष्ट लोगों के कहने में आकर एक विश्वसनीय आदमी ने चाँद बीबी की हत्या कर दी। ऐसा विश्वासघात घोर पाप का रूप होता है।

अहमदनगर के किले में खुदाई के दौरान ज़मीन की सतह के नीचे क्या क्या मिला?

उत्तर - नेहरू: जी को बागवानी के लिए खुदाई करते समय ज़मीन के सतह के काफी नीचे पुरानी दीवारों के भाग,कुछ गुंबद और इमारतों के ऊपरी हिस्से मिले। वे अपनी खुदाई को आगे तक जारी रखना चाहते थे, पर जेल अअधिकारीयों ने उन्हें इसकी स्वीकृति नहीं दी। विवश हो कर उन्होंने जेल में इतिहास-लेखन के लिए कलम उठा ली।

नेहरू जी ने जेल में कौन कौन से काम किए खुदाई के दौरान उन्हें क्या मिला वे खुदाई का काम क्यों जारी नहीं रख सकें?

यह मेरी नौवीं जेलयात्रा थी।

नेहरू जी अहमदनगर के किले में समय गुजारने के लिए क्या करते थे?

अहमदनगर का किला अहमदनगर किले में नेहरू जी ने बागवानी का कार्य शुरू किया। क्योंकि वे खाली बैठकर समय व्यर्थ नहीं करना चाहते थे। उन्होंने पथरीली व कंकरीली जमीन को भी उपजाऊ बना डाला।

चाँद बीवी के बारे में नेहरू जी ने क्या बताया?

अहमदनगर की रक्षा नवम्बर 1595 में अहमदनगर पर मुगलों ने हमला कर दिया. चांद बीबी ने अहमदनगर में नेतृत्व किया और अहमदनगर किले का सफलतापूर्वक बचाव किया.

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