Published on: 29 November 2021, 09:30 am IST
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अब वह समय गया जब बच्चे अपना ज्यादातर समय बाहर बिताते थे। आज स्थिति कुछ अलग दिखती है – वे स्मार्टफोन या किसी दूसरे गैजेट की स्क्रीन से चिपके रहते हैं। कोविड -19 महामारी के दौरान इस प्रवृत्ति में और भी इजाफा हुआ है। ऑनलाइन पढ़ाई हो या मनोरंजन वे सभी चीजों के लिए किसी न किसी गैजेट पर निर्भर हैं। इससे उनकी आंखों पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। तो, क्या कोई टिप है जो मदद कर सकती है?
अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल, करोल बाग, दिल्ली के नेत्र रोग विशेषज्ञ, डॉ अश्विनी सेठ हेल्थशॉट्स को इसके बारे में बताते हुए कहा, “धूप सेंकने से बच्चों की दृष्टि में सुधार हो सकता है। वे बच्चे जो बाहर हैं और दिन के उजाले के संपर्क में हैं, उनमें निकट दृष्टिदोष विकसित होने का जोखिम कम हो सकता है।
क्या आप जानते हैं कि उज्ज्वल बाहरी प्रकाश बच्चों की विकासशील आंखों को लेंस और रेटिना के बीच सही दूरी बनाए रखने और दृष्टि को फोकस में रखने में मदद करता है। बेहतर दृष्टि के लिए 15 मिनट तक सूर्य को निहारें। धूप सेंकने की कोशिश करें।
बच्चों की आंखों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ अन्य टिप्स क्या हैं?
एक अच्छी बैलेंस्ड डाइट लें
सेठ आगे सुझाते हैं “क्या आप जानते हैं कि कुछ खाद्य पदार्थ खाने से बच्चे की दृष्टि में सुधार करने में मदद मिलेगी। हां यह सही हैं! विटामिन ए, सी, और ई, ओमेगा -3 फैटी एसिड और जिंक से भरपूर खाद्य पदार्थों को बच्चों की डाइट में शामिल करने का प्रयास करें।
हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन ए से भरपूर होती हैं। इनमें अन्य विटामिन और खनिज जैसे कैल्शियम, विटामिन सी और बी 12 भी होते हैं जो आंखों के लिए अच्छे हैं।”
आपके बच्चे को पालक, ब्रोकली और केल जरूर खाना चाहिए। अन्य रंगीन सब्जियों जैसे गाजर और शकरकंद में बीटा-कैरोटीन होता है और यह रेटिना को स्वस्थ रखता है। पिस्ता, काजू, बादाम, अखरोट और मूंगफली विटामिन ई से भरपूर होते हैं और बच्चों में मायोपिया के खतरे को कम करते हैं।
साबुत अनाज में नियासिन जैसे दृष्टि के अनुकूल पोषक तत्व होते हैं। अंडे में ल्यूटिन होता है, एक एंटीऑक्सीडेंट जो मैकुलर डिजनरेशन से लड़ता है।
नियमित व्यायाम
संतुलित आहार के साथ-साथ रोजाना व्यायाम करना भी जरूरी है। ऐसा करने से बच्चे को पूरे शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिल सकती है और आंखों के स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
सेठ बताती हैं “यदि आपका बच्चा अभी तक व्यायाम नहीं कर रहा है, तो उसे तुरंत ऐसा करने के लिए कहें! दृष्टि को अक्षुण्ण रखने के लिए व्यायाम अवश्य ही लाभकारी होगा। नियमित कसरत के अलावा, आंखों के व्यायाम भी कर सकते हैं और दृष्टि को बढ़ा सकते हैं। आंखों के व्यायाम के बारे में किसी विशेषज्ञ से बात करें जो आपके बच्चों के लिए उपयुक्त हों।
कम करें इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तमाल
“क्या आपका बच्चा स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का आदी है? आपको सतर्क रहना होगा और बच्चे के स्क्रीन टाइम को सीमित करना होगा। लगातार वीडियो गेम खेलना, वीडियो देखना और दोस्तों को टेक्स्ट मैसेज करना आपके बच्चे को नीली रोशनी के संपर्क में लाता है। जिससे आंखों पर डिजिटल दबाव पड़ सकता है।
लगातार वीडियो गेम खेलना, वीडियो देखना और दोस्तों को टेक्स्ट मैसेज करना आपके बच्चे को नीली रोशनी के संपर्क में लाता है। चित्र- शटर स्टॉक।इसलिए, सुनिश्चित करें कि बच्चा अनुशंसित समय से अधिक समय तक खुद को इन गैजेट्स के संपर्क में नहीं रखता है।
बच्चों के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें और सुनिश्चित करें कि वे निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करें। यदि बच्चा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट का उपयोग कर रहा है, तो इस बात का ध्यान रखें कि वह बार-बार ब्रेक लेता/लेती है।
आंखों की नियमित जांच कराएं
क्या आप अपने बच्चों की नियमित आंखों की जांच को छोड़ देते हैं? इसे हल्के में न लें! अपने बच्चों की आंखों की जांच के लिए हर छह महीने के बाद अपने बच्चों को किसी विशेषज्ञ के पास ले जाना समय की मांग है।
यदि आपका बच्चा सिरदर्द, और विकृत दृष्टि की शिकायत करता है, तो उसे मायोपिया (नज़दीकीपन), या हाइपरोपिया (दूरदृष्टि), या एंबीलिया जो आंखों की सुस्ती है, के लक्षण हो सकते हैं। किसी नेत्र रोग विशेषज्ञ से इसका ठीक से मूल्यांकन करवाएं। इन सभी रेड फ्लैग की उपेक्षा न करें, क्योंकि ये भविष्य में आंखों की गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं।
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हालांकि, समय रहते कुछ सावधानियां बरत कर आप अपने बच्चों की आंखें तेज कर सकती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे खाद्य
पदार्थों के बारे में बता रहे हैं जो बच्चों की आंखों को तेज करने का काम करेंगे। हरी पत्तेदार सब्जियां
कैरोटीनोइड के एंटी ऑक्सीडेटिव गुण आंखों को फ्री रेडिकल्स से दूर रख सकते हैं। विटामिन ए युक्त हरी पत्तेदार सब्जियों में कैरोटीनोइड सबसे अधिक पाए जाते हैं। इनमें अन्य विटामिन और खनिज पदार्थ जैसे कि कैल्शियम, विटामिन सी और विटामिन बी12 भी होता है।
अपने बच्चे के आहार में ब्रोकली, केल और पालक को शामिल करें। पालक में ल्यूटिन और जीएक्सेंथिन होता है जो आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
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मछली
मछली में हेल्दी ओमेगा 3 फैटी एसिड होते हैं जो आंखों की रेटिना के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड दिमाग को तेज करता है जिससे आंखों की मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
अपने बच्चे को सैल्मन और ट्यूना फिश खिलाएं। आप उसे फिश ऑयल पिल्स भी दे सकती हैं।
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दालें, सूखे मेवे और बीज
दालों में प्रचुर मात्रा में बायोफल्वेनोइड और जिंक होता है जो कि रेटिना को डैमेज से बचाता है। बच्चों की आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काली दाल और राजमा खिलाएं।
दालों के अलावा ड्राई फ्रूट्स जैसे कि पिस्ता, काजू, बादाम, अखरोट और मूंगफली भी आंखों को तेज करते हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन ई होता है जो कि प्राकतिक रूप से बच्चों में मायोपिया के खतरे को कम करता है।
इनमें फैटी एसिड और विटामिन ई होता है जो ड्राई आईज को रोकता है। अलसी के बीज और चिया के बीज खाने से भी आंखों से संबंधित परेशानियों को रोका जा सकता है।
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सिट्रस और पीले रंग के फल
नींबू, टमाटर, अमरूद और संतरा सिट्रस फलों में शामिल है। इन फलों में प्रचुरता में विटामिन सी पाया जाता है और ये आंखों को सूर्य की रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
आडू,
आम
और
पपीता,
पीले रंग के फल भी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इनमें बीटा कैरोटीन और लाइकोपिन पाया जाता है जिससे आंखों की रोशनी में सुधार आता है।
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एवोकाडो और अंडा
एवोकाडो में अधिक मात्रा में ल्यूटिन होता है। ल्यूटिन एक कैरोटीनोइड विटामिन है जो मोतियाबिंद जैसी आंखों से जुड़ी परेशानियों से बचाता है। इससे बच्चों की आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
अंडों में प्रचुरता में विटामिन ए और प्रोटीन होते हैं। इनमें ल्यूटिन नामक एंटीऑक्सीडेंट भी होता है जो मैकुलर डिजेनरेशन और आंखों की रोशनी कम होने से बचाता है। इससे आंखें ठीक तरह से कार्य करती हैं। आप अपने बच्चे को रोज एक एवोकाडो और अंडा जरूर खिलाएं।
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