निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए −
कौन-सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
तीसरे दिन जब अतिथि ने धोबी से कपड़े धुलवाने की इच्छा प्रकट की तो लेखक को अप्रत्याशित आघात लगा। धोबी को कपड़े धुलने देने का मतलब था कि अतिथि अभी जाना नहीं चाहता। लेखक और उसकी पत्नी उसके जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इस आघात का लेखक पर यह प्रभाव पड़ा कि वह अतिथि को राक्षस समझने लगा। इसके लिए तिरस्कार और घृणा की भावना उत्पन्न हो गई। लेखक चाहने लगा कि वह शीघ्र चला जाए।
Concept: गद्य (Prose) (Class 9 B)
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अतिथि का कौन सा आघात अप्रत्याशित था?
कौन-सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा? तीसरे दिन जब अतिथि ने धोबी से कपड़े धुलवाने की इच्छा प्रकट की तो लेखक के लिए ये अप्रत्याशित आघात था चूँकि उन्हें लगा था वे चले जाएंगे। धोबी को कपड़े धुलने देने का मतलब था कि अतिथि अभी जाना नहीं चाहता।
अतिथि द्वारा लेखक पर किया गया कौन सा आघात अप्रत्यक्षित था जिसकी चोट मार्मिक थी?
उत्तर 10-3: लेखक अतिथि से ऊब चुका था वह यह चाहता था कि किसी तरह सम्मान के साथ वह विदा हो जाए, मगर जब अतिथि ने कहा कि वह धोबी से अपने कपड़े धुलवाना चाहता है। यह आघात लेखक के लिए अप्रत्याशित था और ऐसी पीड़ा देने वाला था जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50 60 शब्दों में लिखिए कौन सा आघात अप्रत्याशित था और उसका लेखक पर क्या प्रभाव पड़ा?
Explanation: उत्तर : जब तीसरे दिन सुबह अतिथि ने लेखक से कहा कि वह अपने कपड़े धुलवाने के लिए धोबी को देना चाहता है, तो लेखक को झटका लगा उसे यह उम्मीद नहीं थी कि अतिथि अभी कुछ और दिन उसके घर रहेगा। लेखक सोच रहा था कि अब तो तीसरा दिन हो गया है, इसलिए अतिथि जरूर चला जाएगा।
अतिथि के न जाने पर लेखक के मन में क्या विचार आ रहे थे कौन सा आघात अप्रत्याशित था व क्यों?
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 50-60 शब्दों में लिखिए:
यह आघात लेखक के लिए अप्रत्याशित था। उस समय लेखक की समझ में आया कि अतिथि सदैव देवता नहीं होता, बल्कि एक इंसान होता है जिसमें राक्षस के भी अंश होते हैं। वह अतिथि ऐसे राक्षस की तरह बरताव करने लगा था जिससे मेहमान को असह्य पीड़ा होने लगे।