अपने मामा जी को उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए - apane maama jee ko upahaar ke lie dhanyavaad dete hue patr likhie

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जन्मदिवस पर भेजे गए उपहार के लिए मामा जी को धन्यवाद पत्र

मामा जी को धन्यवाद पत्र : Thank you letter to maternal uncle for the gift in hindi

मकान नंबर 5/115
क ख ग,
दिल्ली,

पूज्यनीय मामा जी

सादर प्रणाम,
कल मेरा जन्मदिन था। इस अवसर पर अन्य संबंधियों के भी उपहार आए, किंतु आपके द्वारा भेजा हुआ उपहार मुझे सबसे अच्छा लगा। आप मुझे, मेरा मनचाहा उपहार भेजकर सदा के लिए अपना बना लिया है। मैं आपका इस उपहार के लिए दिल से धन्यवाद देता हूं। मामी जी को मेरा प्रणाम।

आप का भांजा
क ख ग

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मामा जी को धन्यवाद पत्र

जन्म दिन पर मामा जी द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

राजीव नगर,
तिलक कॉलोनी
दिल्ली।

दिनांक 21 जुलाई, 20XX

आदरणीय मामा जी,
सादर चरण-स्पर्श।

आज सुबह आपके द्वारा भेजी गई सुन्दर-सी घड़ी पाकर मुझे अत्यन्त ख़ुशी हुई। आपने सदैव मुझे समय का सदुपयोग करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी हैं। मामा जी, यह उपकार मेरे वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए ही सुखकर हैं, क्योंकि जो निश्चित समय-तालिका बनाकर उस पर दृढ़ता से चलते हैं, वे ही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं हर कार्य समय पर करूँगा।

घड़ी इतनी आकर्षक और सुन्दर हैं कि घर में सब ने इसकी सराहना की हैं। हालाँकि जन्म-दिन पर आपकी अनुपस्थिति मुझे बहुत खल रही थी, परन्तु अब घड़ी के साथ मिला आपका पत्र पढ़कर मैं आपकी परेशानी से अवगत हो गया हूँ।

अब आपका स्वास्थ्य कैसा हैं, माताजी को आपके स्वास्थ्य की बहुत चिन्ता हैं। ईश्वर आपको शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करे। इतने सुन्दर और आकर्षक उपहार के लिए एक बार पुनः मैं आपका हार्दिक धन्यवाद करता हूँ।

आपका भांजा,
राजेन्द्र


धन्यवाद सम्बन्धी पत्र

(1) आपकी खोई हुई पुस्तक किसी अपरिचित द्वारा लौटाए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए पत्र लिखिए।

21, जी.टी.बी.नगर,
दिल्ली।

दिनांक 23 अप्रैल, 20XX

आदरणीय कैलाश मिश्रा जी,
नमस्कार !

कल मुझे डाक से एक पार्सल मिला। पार्सल खोलने पर मुझे यह देखकर अत्यन्त आश्चर्य हुआ साथ ही प्रसन्नता भी हुई कि उसमें मेरी खोई हुई वही पुस्तक मौजूद थी, जिसके लिए मैं काफी परेशान था। पहले तो मैं विश्वास ही नहीं कर पाया कि वर्तमान युग में भी कोई व्यक्ति इतना भला हो सकता हैं, जो डाक-व्यय स्वयं देकर दूसरों की खोई वस्तु लौटाने का कष्ट करे। मैं आपका हार्दिक धन्यवाद करता हूँ। यह पुस्तक बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होती तथा मेरे लिए यह एक अमूल्य वस्तु हैं। आपने पुस्तक लौटाकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया हैं। इसके लिए मैं हमेशा आपका आभारी रहूँगा।

एक बार पुनः मैं आपको धन्यवाद करता हूँ।

आपका शुभाकांक्षी,
इन्द्र मोहन

(2) आपकी खोई हुई वस्तु लौटाए जाने हेतु उस व्यक्ति को धन्यवाद करते हुए पत्र लिखिए।

15, संजय एन्क्लेव,
जहाँगीरपुरी,
दिल्ली।

दिनांक 21 मई, 20XX

आदरणीय विनोद जी,
सादर नमस्कार।

आपको पत्र लिखकर मैं स्वयं को धन्य मान रहा हूँ। आप जैसे ईमानदार व्यक्ति आज के युग में बहुत ही कम देखने को मिलते हैं। आपने मेरी खोई हुई अटैची लौटाकर मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया हैं। जब से मेरी अटैची गुम हुई थी, मेरी दिनचर्या ही अस्त-व्यस्त हो गयी थी। मानसिक तनाव अत्यधिक बढ़ गया था; क्योंकि उसमें कार्यालय के पचास हजार रुपये के साथ-साथ कुछ महत्त्वपूर्ण फाइलें भी थीं।

रेलवे स्टेशन पर खोई इस अटैची के वापस मिलने की मैं उम्मीद ही खो चुका था। किन्तु उस रोज जब मैं रुपयों का प्रबन्ध करने घर से निकलने ही वाला था कि वह अटैची हाथ में लिए आपका छोटा भाई मेरे पास आया। मुझे लगा मानो यह कोई स्वप्न हो और अटैची हाथ में लिए कोई देवदूत आया हो। अपने सामान के मिल जाने पर जो ख़ुशी मुझे हुई उसे शब्दों में बयाँ करना असम्भव हैं। वास्तव में, आप जैसे लोगों के बल पर ही इस दुनिया में ईमानदारी शेष हैं।

मैंने अटैची देख ली हैं। सभी चीजें यथावत हैं। मैं आप जैसे ईमानदार व्यक्ति का तहेदिल से शुक्रिया अदा करता हूँ। आपकी ईमानदारी ने मेरे बुझे मन में एक नवीन उत्साह का संचार किया हैं। आपका आभार व्यक्त करने के लिए मुझे शब्द नहीं मिल पा रहे हैं। हृदय से मैं आपकी मंगल कामना करता हूँ।

धन्यवाद।

भवदीय
के.के.वर्मा

(3) धन की आवश्यकता होने पर जरूरत के समय धन उधार देने वाले मित्र को धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

252, किशनगंज,
दिल्ली।

दिनांक 21 मई, 20XX

प्रिय मित्र सुशील,
नमस्कार!

कल आपने मुझे तीन हजार रुपये उधार देकर मुझ पर बड़ा उपकार किया हैं। आप जानते ही हैं कि इन दिनों मैं किन विषम परिस्थितियों से गुजर रहा हूँ। मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हैं। पत्नी का स्वास्थ्य भी खराब हैं। वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं। उसके इलाज के लिए मुझे पाँच हजार रुपयों की आवश्यकता थी।

दो हजार रुपयों का इन्तजाम तो मैं कर चुका था, किन्तु मुझे तीन हजार रुपयों की आवश्यकता और थी। मैंने रुपयों के लिए अपने सगे-सम्बन्धियों से बात की, किन्तु सभी ने मना कर दिया। मैं परेशान हो गया था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ। ऐसे मुश्किल समय में आपने मुझे रुपये देकर मुझ पर बड़ा अहसान किया हैं।

मैं जल्दी ही आपके रुपये लौटा दूँगा। आपके द्वारा जरूरत के समय मुझे दिए गए ऋण के लिए मैं पुनः दिल से आपको धन्यवाद देता हूँ।

आपका मित्र,
विवेक अवस्थी

(4) आपके पिता ने आपके जन्म-दिन के अवसर पर आपको 3000 रुपए का उपहार भेजा है। उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए उनको पत्र लिखिए जिसमें उनको बतलाइए कि आप रुपए को कैसे खर्च करना चाहते हैं।

कलमबाग रोड,
मुजफ्फरपुर,
17 जनवरी, 1998

पूज्यवर पिताजी,

मेरे जन्म-दिन के अवसर पर मुझे उपहार में 3000 रुपए भेजने के लिए आपको धन्यवाद। आपका अच्छा उपहार पाकर मुझे बहुत ख़ुशी हुई।

आप जानना चाहेंगे कि मैं आपके द्वारा भेजे गए रुपए को कैसे खर्च करना चाहता हूँ। आप जानते है कि मुझे फोटोग्राफी में रूचि है। गत वर्ष मैंने आपसे एक कैमरा के लिए अनुरोध किया था, लेकिन आपने मेरे अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। अब मैं कैमरा खरीद सकूँगा। मुझे कुछ दिनों से कैमरा की बहुत चाह रही है। मैं जब फोटो खींचना चाहता था, तब मुझे अपने मित्र का कैमरा माँगना पड़ता था। मैं बहुत दिनों से कैमरा रखना चाहता हूँ, लेकिन मैं उसे खरीद नहीं सकता था।

अच्छे कैमरे की कीमत बहुत होती है। मैं 3000 रुपए में एक साधारण कैमरा खरीद सकूँगा। मैं सोचता हूँ कि सस्ते कैमरे से भी मेरा काम चल जाएगा।

क्या आप मेरे विचार को पसंद करते है ? मेरा विश्र्वास है कि आप मुझे अपना उपहार मेरी इच्छा के अनुसार खर्च करने देंगे। यदि मेरे पास एक कैमरा रहे तो मैं फोटोग्राफी की कला सीख सकता हूँ। आप मुझसे सहमत होंगे कि फोटोग्राफी एक आनंददायक शौक है।

आपके प्रति अत्यंत आदर और माताजी के प्रति प्रेम के साथ,

आपका प्रिय पुत्र,
संजय
पता- श्री अरुण कुमार सिंह,
चर्च रोड,
राँची

(5) जन्म दिन पर मामा जी द्वारा भेजे गए उपहार के लिए धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

राजीव नगर,
भलस्वा गाँव,
दिल्ली।

दिनांक 21 जुलाई, 20XX

आदरणीय मामा जी,
सादर चरण-स्पर्श।

आज सुबह आपके द्वारा भेजी गई सुन्दर-सी घड़ी पाकर मुझे अत्यन्त ख़ुशी हुई। आपने सदैव मुझे समय का सदुपयोग करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी हैं। मामा जी, यह उपकार मेरे वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए ही सुखकर हैं, क्योंकि जो निश्चित समय-तालिका बनाकर उस पर दृढ़ता से चलते हैं, वे ही जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि मैं हर कार्य समय पर करूँगा।

घड़ी इतनी आकर्षक और सुन्दर हैं कि घर में सब ने इसकी सराहना की हैं। हालाँकि जन्म-दिन पर आपकी अनुपस्थिति मुझे बहुत खल रही थी, परन्तु अब घड़ी के साथ मिला आपका पत्र पढ़कर मैं आपकी परेशानी से अवगत हो गया हूँ।

अब आपका स्वास्थ्य कैसा हैं, माताजी को आपके स्वास्थ्य की बहुत चिन्ता हैं। ईश्वर आपको शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करे। इतने सुन्दर और आकर्षक उपहार के लिए एक बार पुनः मैं आपका हार्दिक धन्यवाद करता हूँ।

आपका भांजा,
जितेन्द्र

(6) आपको जन्मदिन पर अपनी माताजी की ओर से मिले उपहार की उपयोगिता बताते हुए तथा धन्यवाद देते हुए पत्र लिखिए।

रामानुजम छात्रावास,
वाराणसी।

दिनांक 8 जून, 20XX

पूज्य माताजी,
सादर प्रणाम।

मैं यहाँ कुशलता से हूँ तथा आशा करती हूँ कि आप भी सभी सकुशल होंगे। आपके द्वारा भेजा गया अनमोल उपहार ‘हिन्दी शब्दकोश’ मुझे प्राप्त हुआ। मेरे जन्मदिन का यह सर्वश्रेष्ठ उपहार हैं। यह मेरे लिए अत्यन्त उपयोगी हैं। मुझे इसकी अत्यन्त आवश्यकता थी। अब मैं किसी भी शब्द का अर्थ आसानी से व शीघ्रातिशीघ्र जान सकती हूँ तथा इससे मेरी हिन्दी भाषा में भी सुधार होगा। इसके द्वारा मुझे मेरे हिन्दी के पाठ के भावार्थ लिखने में मदद मिलेगी।

मेरी पढ़ाई ठीक चल रही हैं। पिताजी को मेरा प्रणाम कहिएगा।

आपकी पुत्री,
श्वेता

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