Students who are searching for NCERT MCQ Questions for Class 6 Hindi Grammar अपठित गद्यांश with Answers Pdf free download can refer to this page thoroughly. Because here we have compiled a list of MCQ Questions for Class 6 Hindi with Answers. So,
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वही तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। एक ईंट की क्या बिसात? लेकिन, जब यही ईंटें मिलकर दीवार बनाती हैं, तब उसे तोड़ना मुश्किल हो जाता है। एक बूँद जल का क्या अस्तित्व? लेकिन जब इन्हीं बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है तो उसे लाँघना दुष्कर हो जाता है। एक चींटी की क्या औकात? लेकिन जब यही चींटी एक साथ हो जाती हैं, तब अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं। एकता के महत्त्व से संबंधित एक किसान उसके बच्चे और लकड़ी के टुकड़ों की कथा प्रचलित है। लकड़ी के
टुकड़े जत अलग-अलग रहते हैं, तब बच्चों द्वारा वे आसानी से तोड़ दिये जाते हैं; परंतु वे ही टुकड़े जब संगठित होकर गट्ठर बन जाते हैं, तब बच्चे तोड़ नहीं पाते हैं। इन दृष्टान्तों से स्पष्ट है कि ‘एकता में ही बल है।’ Question 1. Answer: (c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है। Question 2. Answer: (b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है। Question
3. Answer: (d) अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती Question 4. Answer: (a) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता। Question 5. Answer: (c) एकता का महत्त्व (2) बाँध नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने का
उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है। इनमें अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है। बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहारण हैं। एक बाँध की इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता अत्यावश्यक होती है। बाँध पर || धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाब कहते हैं। जल-दाब जल की गहराई के साथ बढ़ता है। इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है जिससे यह सतह के काफी नीचे भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके। वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा जल संचयन मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके भूमि में संरक्षण करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए तथा समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि
की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में जल का संरक्षण किया जाए। Question 1. Answer: (a) अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होने के कारण। Question 2. Answer: (c) कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। Question 3.
तिनके की क्या विशेषता है ?
(a) तिनका व्यर्थ का कचरा है
(b) तिनका घास का काम करता है
(c) जब तिनका संगठित होकर रस्सी बन जाता है, तब इससे बलशाली हाथी भी बँध जाता है।
(d) तिनके से चिड़िया घोंसला बनाती है
बूंदों के मेल का क्या महत्त्व है ? (सर्वथा उपयुक्त उत्तर छाँटकर लिखिए)
(a) पानी बन सकती हैं
(b) बूंदों के मेल से सागर का निर्माण होता है
(c) बूँदों के मेल से कुछ नहीं होता है
(d) बूंदों के मेल से घड़ा भर जाता है
जब चींटियाँ एक साथ हो जाती हैं तो ………। (वाक्य पूरा कीजिए)
(a) एक पंक्ति बना लेती हैं
(b) दूर तक चली जाती हैं।
(c) काटना शुरू कर देती हैं
(d) अपने से बड़े आकार के जीवों को चट कर जाती हैं
‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता’ लोकोक्ति का अर्थ है
(a) अकेला व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता है
(b) अकेला व्यक्ति कुछ भी कर सकता है
(c) अकेला
व्यक्ति भाड़ नहीं फोड़ सकता है
(d) अकेला चना कुछ नहीं कर सकता
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
(a) मिलकर रहना
(b) बूंद से सागर का बनना
(c) एकता का महत्त्व
(d) हमारी शक्ति
बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल क्यों होता है ?
(a) अत्यधिक कार्य, शक्ति, समय तथा धन खर्च होने के कारण
(b) इनकी जरूरत कम पड़ती है
(c) ये व्यर्थ होते हैं
(d) ये जनता के लिए हानिकारक होते हैं
बाँध का निर्माण …………… से भी किया जा सकता
है। (वाक्य पूरा कीजिए।)
(a) केवल कंक्रीट किया जा सकता है
(b) चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से ही किया जा सकता है
(c) कंक्रीट, चट्टानों, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है
(d) केवल लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है
जल-दाब कहते हैं ?
(a) जल पर पड़े दबाव को जल-दाब कहते हैं
(b) बाँध पर धकेले जाने वाली जल की
मात्रा को जल-दाब कहते हैं
(c) जल को दबानेवाले दाब को
(d) बाँध पर पड़े दबाव को जल-दाब कहते हैं
Answer: (b) बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा को जल-दाव कहते हैं।
Question 4.
जल संरक्षण ……………. । (सही कथन से वाक्य पूरा करो।)
(a) वर्षा-जल भवनों की छतों पर इकट्ठा करना
(b) वर्षा-जल को मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके, भूमि में संरक्षण करके, आगे काम में लेने की प्रक्रिया है
(c) वर्षा के जल को आगे काम
में लेने की प्रक्रिया
(d) जल को बर्तनों में भरकर भविष्य के लिए रखना
Answer: (b) वर्षा-जल को मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके, भूमि में संरक्षण करके, आगे काम में लेने की प्रक्रिया है।
Question 5.
‘अत्यावश्यक’ का सन्धि-विच्छेद है
(a) अत्या + वश्यक
(b) अति + आवश्यक
(c) अति + अवश्यक
(d) अत्या + आवश्यक
Answer: (b) अति + आवश्यक
(3)
अनुशासन का पालन करना शिष्टाचार का ही एक अंग है। यह अनुशासन सामाजिक भी हो सकता है और कानूनी भी। मन्दिर-मस्जिद और गुरुद्वारे में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल उतार देने चाहिए। किसी भी सभा में शोर नहीं करना चाहिए। सभा में कुर्सी या मेज पर पैर रखकर नहीं बैठना चाहिए। ये सारे गुण सामाजिक अनुशासन के उदाहरण हैं। सड़क पर हमेशा बायीं ओर चलना चाहिए। रेलगाड़ी या बस में धूम्रपान नहीं करना चाहिए। ये कानूनी अनुशासन के उदाहरण हैं। शिष्टाचार के इन नियमों का पालन नहीं करने से परिवार, समाज, कार्यालय,
सर्वत्र कुव्यवस्था फैलने का भय बना रहता है। संक्षेप में, चाहे घर हो, दुकान हो या कार्यालय, सर्वत्र शिष्टाचार के सहारे हम प्रशंसा एवं सफलता के पात्र बन सकते हैं। इसके ठीक विपरीत अशिष्ट व्यवहार से दूसरों का दिल तो दुखता ही है, हमें भी बदले में दुःख
और असफलता हाथ लगती है। शिष्टाचार से पग-पग पर मित्र उत्पन्न होते हैं और अशिष्ट व्यवहार से पग-पग पर दुश्मन।
Question 1.
अनुशासन का पालन करना …………… का ही एक अंग है। (सही कथन से वाक्य पूरा कीजिए।)
(a) धार्मिकता
(b)
सामाजिकता
(c) शिष्टाचार
(d) विचार
Answer: (c) शिष्टाचार।
Question 2.
मन्दिर-मस्जिद और गुरुद्वारे में प्रवेश करने से पहले जूते-चप्पल उतार देने चाहिए।
(a) कानूनी अनुशासन
(b) सामाजिक अनुशासन
(c) निजी अनुशासन
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer: (b) सामाजिक अनुशासन
Question 3.
इनमें से कौन-सा कार्य कानूनी अनुशासन के दायरे में आता
है।
(a) सभा में कुर्सी या मेज पर पैर रखकर नहीं बैठना
(b) किसी भी सभा में शोर नहीं करना
(c) अपने से बड़ों को नमस्कार करना
(d) सड़क पर हमेशा बायीं ओर चलना
Answer: (d) सड़क पर हमेशा बायीं ओर चलना।
Question 4.
शिष्टाचार के इन नियमों का पालन नहीं करने से क्या हानि है ? (सही उत्तर छाँटिए।)
(a) कुछ भी हानि नहीं
(b) परिवार, समाज, कार्यालय, सर्वत्र कुव्यवस्था फैलने का भय बना रहता है
(c) हर व्यक्ति
आराम से रहाता है
(d) मन खुश रहता है
Answer: (b) परिवार, समाज, कार्यालय, सर्वत्र कुव्यवस्था फैलने का भय बना रहता है
Question 5.
‘अशिष्ट’ का विलोम शब्द लिखिए।
(a) शिष्टाचार
(b) शिष्ट
(c) सभ्य
(d) सभ्याचार
Answer: (b) शिष्ट
(4)
स्वावलम्बी व्यक्ति के सामने असम्भव कार्य भी सम्भव दीखने लगता है। स्वावलम्बन के दो
पहलू हैंआत्मनिश्चय और आत्मनिर्भरता । इसे इस दृष्टान्त से अच्छी तरह समझा जा सकता है- एक बार विधाता अपनी सृष्टि को देखने निकले। धरती पर पहुँच कर उन्होंने देखा कि एक किसान फावड़ा लेकर विशाल पर्वत की जड़ खोद रहा है। उन्होंने किसान से इसका कारण पूछा। किसान ने बताया-बादल आते हैं और इस पर्वत से टकराकर इसकी दूसरी ओर वर्षा कर देते हैं। मेरे खेत सूखे ही रह जाते हैं। अतएव इसे मैं हटाकर ही दम लूँगा। विधाता किसान के स्वावलम्बन से प्रभावित होकर आगे बढ़े। तभी पर्वत गिड़गिड़ाने लगा-भगवान् इस किसान से मेरी रक्षा
कीजिए। विधाता ने पूछा ‘तुम एक छोटे से किसान से इतने भयभीत हो? पर्वत बोला-‘किसान छोटा है तो क्या? वह स्वावलम्बी है। उसका आत्मविश्वास अडिग है। इन दोनों के सहारे वह मुझे हटाकर ही दम लेगा।’ इसके ठीक विपरीत छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी दूसरों पर आश्रित रहना पावलम्बन कहलाता है। परावलम्बी व्यक्ति हाथ रहते लेला और पैर रहते लंगड़ा रहता है। जिसमें अपने पैरों पो खड़े होने का सामर्थ्य नहीं है, वह दूसरों का कन्धा पकड़कर कब तक चलता रहेगा? एक झटका लगते ही ऐसा व्यक्ति धराशायी हो जाता है। इसे इस दृष्टांत से समझा
जा सकता है। मेज के सहारे एक शीशा रखा था। चंचल बालक ने मेज को थोड़ा-सा अलग कर दिया और शीशा गिरकर चूर-चूर हो गया। अतःजीवन में जो व्यक्ति दूसरों के सहारे खड़ा होना चाहते हैं, उनका अंने भी ऐसा ही करुण होता है। कहा भी गया है ईश्वर भी उसी की सहायता करता है जो अपनी सहायता स्वसं करता है।
विश्व-इतिहास ऐसे महापुरुषों के उदाहरणों से भरा पड़ा है जिन्होंने स्वावलम्बन का सहारा लिया है। महाकवि तुलसीदास बचपन से ही अनाथ थे। वे दाने-दाने के लिए भी मुहताज रहते थे, फिर भी आत्मनिर्भरता के सहारे ही
स्वतंत्र लेखन का कार्य कर भारत के लोककवि कहलाये।
Question 1.
स्वावलम्बन के दो पहलू कौन-कौन हैं ?
(a) परिश्रम और दूसरों का सहारा
(b) आत्मनिश्चय और आत्मनिर्भरता
(c) मेहनत और पड़ोसियों से सहायता लेना
(d) आराम के साथ-साथ सभी पर भरोसा
Answer: (b) आत्मनिश्चय और आत्मनिर्भरता।
Question 2.
परावलम्बन किसे कहते हैं ? (सही कथन का चयन कीजिए।)
(a) दूसरों से काम लेना
(b) दूसरों पर भरोसा करके काम
बन्द कर देना
(c) छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी दूसरों पर आश्रित रहना
(d) पराये काम में सहायता करना
Answer: (c) छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी दूसरों पर आश्रित रहना
Question 3.
‘परावलम्बन’ सन्धि विच्छेद कीजिए।
(a) परा + वलम्बन
(b) पर + अवलम्बन
(c) पर + आवलम्बन
(d) (b) परा + अवलम्बन
Answer: (b) पर + अवलम्बन
Question 4.
ईश्वर भी
उसी की सहायता करता है, जो ………….। (उपयुक्त कथन से वाक्य पूरा कीजिए)
(a) दूसरों से सहायता लेते हैं
(b) दूसरों का विरोध करते हैं
(c) अपनी सहायता स्वयं करता है
(d) किसी की सहायता नहीं करता है
Answer: (c) अपनी सहायता स्वयं करता है
Question 5.
तुलसीदास किस प्रकार भारत के लोककवि कहलाए ?
(a) बिना परिश्रम किए
(b) दूसरों की कृपा से
(c) आत्मनिर्भरता के सहारे ही स्वतंत्र लेखन का कार्य करके
(d)
जगह-जगह प्रचार करके
Answer: (c) आत्मनिर्भरता के सहारे ही स्वतंत्र लेखन का कार्य करके।
(5)
मित्रता जितनी बहुमूल्य है, उसे बनाए रखना भी उतना ही कठिन है। मित्रता को स्थिर और दृढ़ रखने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है सहिष्णुता और उदारता की। प्रत्येक व्यक्ति में कुछ न कुछ कमी रहती है। पूर्ण निर्दोष और गुण सम्पन्न व्यक्ति कोई भी नहीं होता। अतः मित्र के अवगुणों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अन्यथा दोष-दर्शन और एक दूसरे पर छींटाकशी से मित्रता में दरार पैदा होने का भय बना रहता है। आज भौतिकवादी युग है। इस युग में सच्चे मित्र का मिलना कठिन है। अधिकतर मित्र अपना उल्लू सीधा करने के। लिए मित्रता का स्वांग रचते हैं और अपना काम बन जाने के बाद अँगूठा दिखाकर चलते बनते हैं। ऐसे मित्र सामने प्रिय बोलते हैं, लेकिन पीछे विषवमन करते हैं। अतः शास्त्रों का मत है कि ऐसे मित्र सिर्फ मुख पर अमृत वाले और सम्पूर्ण भाग विष से भरे घट के समान त्याज्य हैं।
Question 1.
मित्रता को स्थिर और दृढ़ रखने के लिए ……………
सबसे महत्त्वपूर्ण आवश्यकता है। ( उपयुक्त शब्दों से वाक्य पूरा कीजिए)
(a) सहिष्णुता और उदारता की
(b) उधार लेना उधार देना
(c) बुराई करना और गुणों को छुपाना
(d) समय पर सहायता न करना
Answer: (a) सहिष्णुता और उदारता की
Question 2.
किस कारण से मित्रता में दरार पैदा होने का भय बना रहता है ?
(a) सहयोग करने से
(b) दोष-दर्शन और एक दूसरे पर छींटाकशी से
(c) प्रशंसा करने से
(d) सीधी बात कहने से
Answer: (b) दोष-दर्शन और एक दूसरे पर छींटाकशी से।
Question 3.
कैसे मित्र विष से भर घट के समान त्याज्य हैं ?
(a) जो सामने प्रिय बोलते हैं, लेकिन पीछे विषवमन करते हैं
(b) जो मित्र सिर्फ हि.सरी वचन बोलते हैं
(c) जो मित्र सिर्फ सच बोलते हैं
(d) जो मित्र सिर्फ चुप रहते हैं
Answer: (a) जो सामने प्रिय बोलते हैं, लेकिन पीछे विषवमन करते हैं।
Question
4.
‘अपमान के साथ इंकार करना’ -इस अर्थ को प्रकट करने वाला मुहावरा ऊपर लिखे अवतरण से छाँटकर लिखिए।
(a) विषवमन करना
(b) छींटाकशी करना
(c) अंगूठा दिखाकर चलते बनना
(d) दोप-दर्शन करना
Answer: (c) अँगूठा दिखाकर चलते बनना
Question 5.
‘अपना उल्लू सीधा करना’-मुहावरे का अर्थ है
(a) सबकी सहायता करना
(b) टेढ़ापन दूर करना
(c) अपना काम निकालना
(d) उल्लू को सीधा करना
Answer: (c) अपना काम निकालना।
(5)
सदाचार के कुछ सामान्य नियम हैं। सत्यवादिता सदाचारी का प्रथम लक्षण है। सदाचारी व्यक्ति कभी अपने जीवन में झूठ को स्थान नहीं देते हैं। वे अपने परिश्रम की कमाई खाते हैं। उनका जीवन सादा और विचार उच्च होते हैं। वे सांसारिक भोगों से कोसों दूर रहते हैं। सदाचारी व्यक्ति कभी अपना समय व्यर्थ नहीं खोते। उनका जीवन नियमित एवं संयमित होता है। वे किसी भी काम को कल के सहारे नहीं छोड़ते। वे अपना काम स्वयं ही करते हैं। जहाँ तक संभव होता है, वे प्रत्येक व्यक्ति के साथ मधुर व्यवहार करते हैं। इससे वे सबके प्रियजन बन जाते हैं। ईश्वर की पूजा-अर्चना भी सर्वोपरि सदाचार में आता है। सदाचारी अपनी इन्द्रियों को वश में रखते हैं। क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और निन्दा आदि सदाचार के दुश्मन हैं। जो इन्हें त्याग देते हैं, वही सच्चे सदाचारी कहलाते हैं। सदाचार के अभाव में धन, सम्पत्ति, वैभव या अन्य उपलब्धियाँ निरर्थक हो जाती हैं। कहा भी गया है-सदाचार के अभाव में विद्या और धन अन्धे हैं एवं ऐसा धन और ऐसी विद्या संसार के लिए हानिकारक हैं। ‘आँख का अन्धा और गाँठ का पूरा’ कभी समाज में प्रतिष्ठा या आदर नहीं पा सकता है। यही कारण था कि रावण जैसा धनवान, पराक्रमी और विद्वान सदाचार के अभाव में आदर का पात्र नहीं बन सका। ठीक इसके विपरीत राम अपने सदाचार के सहारे ही विश्ववन्द्य हो गए।
Question 1.
……….. सदाचारी का प्रथम लक्षण है। (वाक्य पूरा कीजिए)
(a) आराम करना
(b) सत्यवादिता
(c) कर्म करने से दूर रहना
(d) दूसरों के भरोसे रहना
Answer: (b) सत्यवादिता
Question 2.
निम्नलिखित में से कौन-सा गुण सदाचारी का नहीं है ?
(a) सादा और उच्च विचार
(b) नियमित एवं संयमित जीवन
(c) ऐशो आराम का जीवन
(d) परिश्रम की कमाई
Answer: (c) ऐशो आराम का जीवन
Question 3.
सदाचारी ………… सबके प्रियजन बन जाते हैं। (सही शब्दों से वाक्य पूरा कीजिए)
(a) प्रत्येक व्यक्ति की खुशामद करके
(b) प्रत्येक व्यक्ति के साथ मधुर व्यवहार करके
(c) प्रत्येक व्यक्ति की बात मान करके
(d) प्रत्येक व्यक्ति को बहलाकर करके
Answer: (b) प्रत्येक व्यक्ति के साथ मधुर व्यवहार करके
Question 4.
कैसे व्यक्ति सच्चे सदाचारी कहलाते हैं ?
(a) क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और निन्दा आदि का त्याग करने वाले
(b) अपना काम करने वाले
(c) किसी पर ध्यान न देने वाले
(d) सदा चुपचाप रहने वाले
Answer: (a) क्रोध, लोभ, ईर्ष्या और निन्दा आदि का त्याग करने वाले
Question 5.
‘आँख का अन्धा और गाँठ का पूरा’ का अर्थ है (सही अर्थ का चयन कीजिए।)
(a) जिसे दिखाई न दे
(b) मूर्ख लेकिन धनी
(c) बहुत अमीर
(d) बहुत बड़ा मूर्ख
Answer: (b) मूर्ख लेकिन धनी
(6)
सम्पूर्ण प्रकृति परोपकार पर ही आधारित है, सूर्य हमें प्रकाश देता है और बदले में कुछ नहीं माँगता। चाँद हमें शीतल चाँदनी देता है और बदले में कुछ नहीं माँगता। पृथ्वी माता के समान हमारा पालन-पोषण करती है और बदले में कुछ नहीं माँगती। वृक्ष जग को मीठे फल खिलाता है और बदले में कुछ नहीं माँगता। नदियाँ हमें शीतल जल प्रदान करती हैं और बदले में हमसे कुछ नहीं माँगतीं। इसी प्रकार मानव जीवन की भी सार्थकता केवल इसी में है कि वह परोपकार के लिए जिए। परोपकार की बलिवेदी पर सर्वस्व न्यौछावर कर देना ही भारतीय संस्कृति रही है। इस संबंध में महर्षि दधीचि और राजा शिवि की कहानी उल्लेखनीय है। महर्षि दधीचि ने देवताओं के कल्याण के लिए अपनी हड्डियाँ तक दान में दे डाली और राजा शिवि ने एक कबूतर की जान बचाने के लिए अपना सम्पूर्ण अंग काटकर दान में दे दिया। महात्मा बुद्ध एक राजा के पुत्र थे फिर भी संसार के लोगों के दुःख निवारण हेतु उन्होंने राजवैभव को त्यागकर जंगल की राह ली।
Question 1.
मानव जीवन की भी सार्थकता केवल इसी में है कि वह ……… जिए।
(a) अपने लिए
(b) अपने यश के लिए
(c) परोपकार के लिए
(d) अपने लाभ के लिए
Answer: (c) परोपकार के लिए।
Question 2.
कैसे कह सकते हैं कि सम्पूर्ण प्रकृति
परोपकार पर ही आधारित है ? (सही उत्तर चुनकर लिखिए)
(a) सूर्य हमें प्रकाश देता है और बदले में कुछ नहीं माँगता
(b) चाँद हमें शीतल चाँदनी देता है और बदले में कुछ नहीं माँगता
(c) पृथ्वी माता के समान हमारा पालन-पोषण करती है और बदले में कुछ नहीं माँगती
(d) उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं
Answer: (d) उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
Question 3.
वृक्ष को परोपकारी कहना क्यों उचित है?
(a) वृक्ष छाया देता है
(b)
वृक्ष फल देता है
(c) वृक्ष जग को मीठे फल खिलाता है और बदले में कुछ नहीं माँगता
(d) वृक्ष लकड़ी देता है
Answer: (c) वृक्ष जग को मीठे फल खिलाता है और बदले में कुछ नहीं माँगता।
Question 4.
नदियाँ परोपकार करती हैं, क्योंकि वे ……… (वाक्य पूरा कीजिए।)।
(a) पानी माँगतीं हैं
(b) बादल माँगतीं हैं
(c) आँधी तूफान माँगतीं हैं
(d) वे बदले में हमसे कुछ नहीं माँगतीं
Answer: (d) वे बदले में हमसे कुछ नहीं माँगतीं।
Question 5.
भारतीय संस्कृति की क्या विशेषता रही है?
(a) त्योहार मनाना
(b) परोपकार की बलिवेदी पर सर्वस्व न्यौछावर कर देना
(c) अपने भू-भाग का विस्तार करना
(d) केवल अपने काम से काम रखना
Answer: (b) परोपकार की बलिवेदी पर सर्वस्व न्यौछावर कर देना।
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