AISHE 2022 20 के अनुसार भारत में कुल महिला विश्वविद्यालयों की संख्या है - aishai 2022 20 ke anusaar bhaarat mein kul mahila vishvavidyaalayon kee sankhya hai

नई दिल्ली
अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (All India Survey on Higher Education) 2019-20 के अनुसार, राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में छात्राओं की हिस्सेदारी सबसे कम है वहीं शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की तुलना में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में महिला भागीदारी कम है। शिक्षा मंत्रालय की तरफ से बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 से 2019-20 के बीच उच्च शिक्षा में छात्राओं के दाखिले में कुल मिलाकर 18 प्रतिशत से अधिक वृद्धि हुई है।

AISHE सर्वे में कुल 1,019 यूनिवर्सिटी, 39,955 कॉलेजों और 9,599 अन्य संस्थानों को शामिल किया गया। यह सर्वेक्षण देश में उच्च शिक्षा की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देता है।

रिपोर्ट के अनुसार 2015-16 से 2019-20 के बीच 5 वर्षों में स्टूडेंट के नामांकन में 11.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी अवधि के दौरान उच्च शिक्षा में छात्राओं के नामांकन में 18.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2019-20 में उच्च शिक्षा में लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) 1.01 रहा जो 2018-19 में 1.00 था। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा तक पहुंच में सुधार का संकेत देता है।

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के निजी मुक्त विश्वविद्यालय (2,499) के तहत संस्थानों में छात्राओं की संख्या सबसे कम है, इसके बाद राज्य विधानमंडल कानून के तहत संस्थानों (3,702) का स्थान है। हालांकि राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों में यह हिस्सेदारी सबसे अधिक है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे कम (24.7 प्रतिशत) है, इसके बाद डीम्ड विश्वविद्यालय (33.4 प्रतिशत) और राज्य के निजी विश्वविद्यालयों (34.7 प्रतिशत) का स्थान है। राज्य विधानमंडल कानून के तहत संस्थानों में महिलाओं की हिस्सेदारी 61.2 प्रतिशत है।

रिपोर्ट के अनुसार राज्य के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में छात्राओं की हिस्सेदारी 50.1 फीसदी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 48.1 फीसदी है। सर्वेक्षण में पाया गया कि स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर शैक्षणिक पाठ्यक्रमों की तुलना में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी कम है।

इसमें कहा गया है कि पिछले 5 साल के दौरान एमए, एमएससी और एमकॉम स्तरों पर भी महिअलाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि, बीसीए, बीबीए, बीटेक या बीई और एलएलबी जैसे स्नातक पाठ्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी अब भी बहुत कम है।

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Aishe 2019 20 के अनुसार भारत में कुल महिला विश्वविद्यालय की संख्या कितनी है?

2018-19 की तुलना में 2019-20 में विश्वविद्यालयों की संख्या 993 से बढ़कर 1043 हुई है.

भारत में उच्च शिक्षा क्या है?

उच्च शिक्षा शिक्षा का वह स्तर है जो विश्वविद्यालयों, व्यावसायिक विश्वविद्यालयों, सामुदायिक कॉलेजों, उदार कला महाविद्यालयों, प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है। भारत में उच्च शिक्षा की गारंटी जाति, पंथ और लिंग के बावजूद सभी के लिए है। शिक्षा का अधिकार मानव अधिकार है।

उच्च शिक्षा में क्या कहते हैं?

इनमें उच्चतम शिक्षा का अर्थ है हाई स्कूल के पश्चात्‌ महाविद्यालयों (कालेजों) या व्यावसायिक संस्थाओं (ट्रेनिंग कालेज, मेडीकल कालेज, इंजिनियरिंग कालेज, टेक्निकल कालेज, कला महाविद्यालय, संगीत महाविद्यालय, शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय, न्यायनीति (लॉ), कृषि, वाणिज्य महाविद्यालय आदि) में दी जानेवाली शिक्षा जिसके लिये ...

उच्च शिक्षा व योग्यता कब उपयोगी है?

उच्च शिक्षा में युवकों को मानविकी, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों का उच्च ज्ञान कराया जाता है और उन्हें नए ज्ञान की खोज और वास्तविक तथ्यों का पता लगाने के अवसर दिए जाते हैं। इसके द्वारा युवकों को ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए आविष्कार करने योग्य बनाया जाता है ।

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