अगस्त के महीने में कौन कौन से त्योहार हैं? - agast ke maheene mein kaun kaun se tyohaar hain?

अगस्त का महीना व्रत त्योहार के लिहाज से बेहद खास होने वाला है। इस महीने झमाझम बारिश के साथ शिव भक्ति का भी अनुभव मिलता है। इस महीने की शुरुआत सावन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि दिन सोमवार से हो रही है। महीने का पहला दिन ही शिवभक्तों के लिए बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस दिन सावन का तीसरा सोमवार का व्रत किया जाएगा। इस महीने देश का प्रमुख त्योहार 15 अगस्त मनाया जाएगा और इसके साथ दो बार एकादशी का व्रत भी पड़ेगा। इसके साथ ही इस महीने सावन मास का अंत होगा और भाद्रपद मास की शुरूआत होगी। ग्रह-नक्षत्र के लिहाज से भी अगस्त का महीना काफी महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस महीने कई बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने वाले हैं। आइए जानें इस महीने आने वाले प्रमुख त्योहारों की तिथि और उनका धार्मिक दृष्टि से क्या महत्व है।

कल्कि जयंती (2 अगस्त, मंगलवार)

सावन मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को कल्कि जयंती मनाई जाती है। यह भगवान विष्णु का पहला अवतार है, जिनके जन्म से पहले ही जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कलियुग में भगवान विष्णु का यह दसवां अतिम अवतार होगा। भगवान विष्णु का यह अवतार 64 कलाओं से परिपूर्ण होगा और यह अवतार कलियुग और सतयुग के संधिकाल में होगा।

तुलसीदास जयंती (4 अगस्त, गुरुवार)

हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को तुलसीदाय जयंती मनाई जाती है। इस साल यह शुभ तिथि 4 अगस्त को है। गोस्वामी तुलसीदासजी ने 12 पुस्तकों की रचना की थी लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्ध उनते द्वारा रचित रामचरित मानस को मिली है। महानग्रंथ की रचना को तुलसीदासजी ने अवधि भाषा में की है।

पवित्रा और पुत्रदा एकादशी (8 अगस्त, सोमवार)

सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पवित्रा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार 8 अगस्त को मनाई जाएगी। साथ ही इसी दिन सावन का चौथा और अंतिम सोमवार का व्रत भी किया जाएगा। शास्त्रों में बताया गया है कि जो भी भक्त सच्चे मन से एकादशी का व्रत करता है, श्रीहरि उसकी शीघ्र ही मनोकामना पूरी करते हैं।

मुहर्रम (9 अगस्त, मंगलवार)

इस्‍लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम से शुरू होता है। इसे हिजरी भी कहते हैं और मुहर्रम से ही हिजरी सन् की शुरुआत होती है। मुहर्रम के महीने में पैगंबर मुहम्मद के नाती हजरत हुसैन इस्लाम की रक्षा के लिए शहीद हुए थे। इस दिन हजरत इमाम हुसैन को याद करने वाले खुद को तकलीफ देकर याद करते हुए मातम मनाते हैं।

रक्षाबंधन (11-12 जुलाई)

सावन मास की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है लेकिन इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन होने की वजह से कुछ 11 अगस्त को मना रहे हैं तो कुछ 12 अगस्त को। रक्षाबंधन हमेशा भद्रा रहित काल में ही करनी चाहिए, इस काल में राखी बंधवाना अशुभ माना जाता है। रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाइयों की कलाई पर राखी या रक्षासूत्र बांधती हैं।

श्रीगणेश बहुला चतुर्थी, स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त, सोमवार)

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 15 अगस्त को है। इस तिथि का संबंध भगवान गणेश के जन्म से है इसलिए इस दिन विधि पूर्वक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही इस दिन पूरा देश स्वतंत्रता दिवस भी मनाएगा।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, स्मार्त (18 अगस्त, गुरुवार)

हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी को जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले अर्थात स्मार्त 18 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन व्रत और विधि-पूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, वैष्णव (19 अगस्त, शुक्रवार)

वैष्णव समुदाय हमेशा भगवान कृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाता है। हर साल भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा। कृष्ण जन्माष्टमी को जन्माष्टमी या गोकुलाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन व्रत और विधि-पूर्वक पूजा-अर्चना करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं।

अजा एकादशी (23 अगस्त, मंगलवार)

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह शुभ तिथि 23 अगस्त दिन मंगवार को है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन चक्र, गदाधारी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और उपवार करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। इस दिन भूलकर भी चावल नहीं खाने चाहिए।

कुशग्रहणी/पिठोरी अमावस्या (27 अगस्त, शनिवार)

भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को कुशग्रहणी या पिठोरी अमावस्या कहते हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं भगवान शिव और मां दुर्गी की पूजा-अर्चना करती है। इस दिन पितरों की तृप्चि, पिंडदान आदि भी किया जाता है। पिठोरी अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। अमावस्या तिथि शनिवार के दिन है, इसलिए इस तिथि को शनैश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाएगा।

कलंक चतुर्थी (30 अगस्त, मंगलवार)

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का देखा अशुभ माना जाता है। इस चतुर्थी तिथि को कलंक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार यह तिथि 30 अगस्त को है। इस दिन चंद्रमा को देखने की वजह से अपमान और मिथ्या कलंक का दोष लगता है। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा के देखने से भगवान कृष्ण को भी शाप झेलना पड़ा था।

सिद्धि विनायक व्रत, गणेश स्थापना (31 अगस्त, बुधवार)

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि सिद्धि विनायक व्रत किया जाएगा। इस दिन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था इसलिए इस तिथि को गणेशोत्सव या गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को मोदक के लड्डू का भोग लगाना चाहिए और दूर्वा घास अर्पित करनी चाहिए। साथ ही इस दिन घर पर गणेशजी को आमंत्रित किया जाएगा और मूर्ति स्थापना की जाएगी।

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अगस्त में कौन कौन से त्योहार आते हैं?

अगस्त में आने वाले व्रत, त्योहारों की लिस्ट.
08 अगस्त, सोमवार- श्रावण पुत्रदा एकादशी, सावन का चौथा सोमवार व्रत.
09 अगस्त, मंगलवार- भौम प्रदोष व्रत, सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत.
11 अगस्त, गुरुवार- रक्षाबंधन.
12 अगस्त, शुक्रवार- श्रावण पूर्णिमा व्रत, वरलक्ष्मी व्रत.
14 अगस्त, रविवार- कजरी तीज.
15 अगस्त, सोमवार- बहुला चतुर्थी.

अगस्त 2022 में कितने त्यौहार हैं?

इस महीने 2 अगस्त दिन मंगलवार को नाग पंचमी का त्योहार पड़ रहा है। इसके अलावा 12 अगस्त शुक्रवार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व है। वहीं 18 अगस्त दिन गुरूवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत स्मार्त की और 19 अगस्त शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत वैष्णव वाली पड़ रही है।

8 अगस्त 2022 को कौन सा त्यौहार है?

8 अगस्त (सोमवार)- श्रावण पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु के भक्त एकादशी तिथि को जीवन में मोक्ष और उनका उनकी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा अर्चना करते हैं। साल 2022 में सावन माह में पुत्रदा एकादशी का व्रत (Sawan Putrada Ekadashi 2022 Date in India) 8 अगस्त को रखा जाएगा।

18 अगस्त को कौन सा त्यौहार है?

Janmashtami 2022 date: अगर आप जन्माष्टमी का त्योहार 18 अगस्त को मना रहे हैं तो शुभ मुहूर्त व व्रत पारण के साथ कई जरूरी बातों का जानना जरूरी है। पढ़ें यहां- भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022, गुरुवार को रात 09 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो रही है।

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