वाक्य प्रकार
आसान प्रश्न
सामान्य हिन्दी - 1
हिंदी व्याकरण
तत्सम-तदभव ( शब्द के भेद )
वाक्य प्रकार
वाक्य के अशुध्द भाग का चयन करना
वर्तनी शुद्धि
वर्णो का जोड़ ( सन्धि )
समास
पर्यायवाची शब्द
समानार्थक शब्द
विपरीतार्थक शब्द
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
असंगत ( बेमेल ) शब्द का चयन
वाक्यांशों को उचित क्रम में सजाना
रिक्त स्थानों की पूर्ति
अनुच्छेद में रिक्त स्थानों की पूर्ति
मुहावरे
कहावतें
अलंकार,रस एवं छन्द
साहित्य बोध
रचना - रचयिता
अपठित गधांश
हिन्दी शिक्षण एवं शिक्षाशास्त्र
विविध
Direction: निम्नलिखित प्रत्येक वाक्य के लिए उसके निचे दिए गए विकल्पों में से उसके प्रकार को चिन्हित कीजिए :
चलिए अब यहाँ से चला जाए।
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
- इनमे से कोई नहीं
- कर्तृवाच्य
सही विकल्प: C
'चलिए अब यहाँ से चला जाए।' इस वाक्य में कर्म की प्रधानता होने के कारण 'भाववाच्य ' है।
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अब चला जाए यह कौन सा वाच्य है?
क्रिया के उस रूपान्तर को कर्तृवाच्य कहते हैं, जिससे वाक्य में कर्ता की प्रधानता का बोध हो। सरल शब्दों में, क्रिया के जिस रूप में कर्ता प्रधान हो और सकर्मक और अकर्मक दोनों क्रियाए हो, उसे कर्तृवाच्य कहते हैं।
अब चला नहीं जाता वाक्य में वाच्य का कौन सा भेद है?
क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है। "अब मुझसे चला नहीं जाता" यह वाक्य 'भाववाच्य' का उदाहरण है।
निम्नलिखित वाक्यों में कर्मवाच्य का उदाहरण है?
कर्मवाच्य में कर्म उपस्थित रहता है और क्रिया सकर्मक होती है। पेड़ लगा दिए गए हैं। पत्र भेज दिया गया है। मुझसे अंग्रेज़ी नहीं बोली जाती।
अब मुझसे सहा नहीं जाता पंक्ति में कौन सा वाच्य है *?
वाच्य का अर्थ है बोलने का विषय । क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए व्यापार का विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव में से कौन है, उसे वाच्य कहते हैं। वाच्य के भेद – वाच्य के मुख्य तीन भेद हैं।
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