कालिंदी कुंज रूट पर लगने वाले ट्रैफिक को लेकर लोगों का कहना है कि कि यह सड़क दिल्ली और नोएडा के कई बड़े इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ती है जो कि जाम की एक बड़ी वजह है...
नोएडा-दिल्ली कालिंदी कुंज रूट पर भयंकर ट्रैफिक जाम के चलते लोगों को भयंकर परेशानी हो रही है. लोग घंटों जाम में फंसे रहने की शिकायत कर रहे हैं. नोएडा को दिल्ली, यूपी, हरियाणा से जोड़ने वाली सड़क कालिन्दीकुंज पर अमूमन तौर पर जाम की स्थिति पैदा हो जाती है.
इस रूट पर जाम के झाम से नोएडा, दिल्ली और मथुरा वालों के लिए बड़ी मुश्किल पैदा हो जाती है. इस रूट पर अधिकतर सुबह और शाम को पीक हॉवर में लोग घंटों जाम में फंसते हैं. इस सड़क पर घंटों लंबा जाम लगने के कई वजह हैं.
कालिंदी कुंज रूट पर लगने वाले ट्रैफिक को लेकर लोगों का कहना है कि कि यह सड़क दिल्ली और नोएडा के कई बड़े इंडस्ट्रियल एरिया को जोड़ती है जो कि जाम की एक बड़ी वजह है.
लोगों का यह भी कहना है कि यह सड़क तीन राज्यों यूपी, दिल्ली, हरियाणा को जोड़ती है और इस वजह से ट्रैफिक बढ़ता है, जो जाम का कारण है.
टोल बूथ बने समस्या
दिल्ली में एंट्री करने के लिए दिल्ली MCD का टोल देना पड़ता है. इसके लिए सड़क पर ही MCD टोल बूथ बने हुए है जिस वजह से भी जाम लगता है.
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शहर में जाम की समस्या खत्म नहीं हो रही है। आए दिन लगने वाले जाम से लोग त्रस्त हैं। लेकिन, प्रशासन के अधिकारी इसका उचित समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं। गुरुवार को पूरे दिन जाम के बीच वाहनों के पहिए थमे रहे। चंद मिनटों की दूरी घंटों में तय हुई, तो लोग पुलिस प्रशासन को कोसते रहे। सड़क पर पूरे दिन वाहन रेंगते रहे। देर शाम तक स्थिति जस की तस रही। शहर के सुबह मेहसौल चौक और कारगिल चौक पर लगे जाम का नज़ारा था कि कोई आॅफिस जाने की जल्दी में था, तो कोई स्कूल या काॅलेज जाने की जल्दी में था।
लेकिन, सड़क पर दिन निकलते ही जाम लग गया। यहां तक कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। क्योंकि फुटपाथ पर दुकानों का अतिक्रमण और सड़क पर वाहनों की कतार लगी थी। ऐसे में चंद मिनटों की दूरी कई घंटों में तय हुई। वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ते रहे, लेकिन कई बार आगे निकलने की होड़ में वाहन चालक भिड़ भी गए। कई बार मारपीट की नौबत भी आ गयी। देर शाम में भी डुमरा रोड के ओरियंटल स्कूल से लेकर कारगिल चौक होते हुए राजोपट्टी मस्जिद तक की सड़कों पर वाहनों की कतार लगी रही। ट्रैफिक व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए डिवाइडर बनाए गए लकिन गायब हो गए।
शहर के इन जगहों पर लगता है भीषण जाम
शहर के कारगिल चौक, मेहसौल चौक, बाबू वीर कुंवर सिंह चौक, गांधी चौक, महंत साह चौक, विजय शंकर चौक, वासुश्री चौक, पासवान चौक, सीताराम चौक, जानकी स्थान चौक, आंबेडकर चौक, भवदेपुर चौक, गोशाला चौक आदि इलाके जाम के स्थायी स्टॉपेज बन चुके हैं। कारगिल चौक से मेहसौल चौक, मेहसौल चौक से सुरसंड रोड व स्टेशन रोड, कॉलेज रोड आदि जगहों पर हर कुछ देर पर ट्रैफिक जाम हो जाता है। जिसमें घंटों वाहन फंसे रहते हैं। इस दौरान भास्कर ने लोगों की राय जानने का प्रयास किया। सोनावती कॉलोनी निवासी अशोक कुमार ने बताया कि कोर्ट जाने के दौरान प्रतिदिन कॉलोनी के गेट से लेकर शहर चौक के बीच कई जगहों पर घंटों जाम में फंसा रहना पड़ता है। उन्होंने बताया कि चौक चौराहों पर बने अघोषित टेंपो स्टैंड को हटा कर स्थायी रूप से टेंपो स्टैंड की व्यवस्था करनी चाहिये। वही ठेला व फुटपाथी दुकानों को अलग वेंडिग जोन में शिफ्ट करना होगा।
आज के दौर में शहरों की सबसे बड़ी समस्या के रूप में ट्रैफिक जाम के रूप में उभर रहा हैं. सडकों पर रेगते असीमित वाहनों की कतार के चलते प्रत्येक नगरवासी को ट्रैफिक जाम की समस्या से होकर गुजरना पड़ता हैं. हर कोई आज घर से अपने वाहन के साथ ही निकलता है चाहे वह खरीददारी के लिए हो अथवा स्कूल या ऑफिस तक जाना हो कोई भी पैदल नहीं चलना चाहता हैं. व्यक्तिगत वाहनों की तीव्र गति से हो रही वृद्धि में मोटर साइकिल एवं कारों की संख्या सर्वाधिक हैं. इन्ही वाहनों के कारण व्यापक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है. तेजी से बढ़ते वाहन ही शहरों व महानगरों में ट्रैफिक जाम के कारण हैं.
ट्रैफिक जाम के कारण ही आज शहरों में लोग समयबद्ध कार्य नहीं कर पाते हैं वे न ही समय पर ऑफिस आदि पर पहुँच पाते हैं. इस कारण उन्हें नियत समय से पूर्व ही घर से निकलना पड़ता हैं. आज प्रत्येक बड़े शहर के जीवन की सबसे बड़ी मुशीबत बन चूका हैं. कई घंटों तक वाहनों की इस भीड़ में फंसे होने के कारण लोग सडकों पर ही अपना अमूल्य समय नष्ट तो करते ही है साथ ही वाहनों के चालू अवस्था में रहने के कारण अथाह मात्रा में वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एवं इंधन का अपव्यय भी होता है जो परोक्ष रूप से मानव स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता हैं.
ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने में समाज एवं सरकार दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका है. सरकार नयें शहरों की बनावट इस तरह से करे जिसमें कम से कम यातायात बाधित हो सके. इसके लिए फ्लाई ओवर तथा अन्डर ग्राउंड रेलवे प्रोजेक्ट को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता हैं. पुराने शहरों में भी ट्रैफिक जाम की समस्या से निपटने के लिए मेट्रो रेल एक अच्छा माध्यम हो सकता है इसके अतिरिक्त भारी वाहनों को बाईपास से निकाल कर तथा फ्लाई ओवर के निर्माण से इस समस्या से शहरवासियों को निजात दिलवा सकते हैं.
आम लोगों को भी ट्रैफिक जाम के प्रति जागरूक बनने की आवश्यकता हैं. अधिकतर रेलवे ट्रेक के बंद होने या ऑफिस आने और जाने के समय सड़क पर अधिक भीडभाड होती हैं. ऐसे में कई लोगों को जाम के चलते जान तक राह में गवानी पड़ती हैं. हम समय से थोडा पूर्व घर या ऑफिस से निकलकर इस समस्या से निजात पा सकते हैं. साथ ही न केवल अपना बल्कि अन्य राहगीरों के समय की बचत भी कर सकते हैं.
नित्य आवागमन करने वाले लोगों के लिए ट्रैफिक जाम की रोज रोज की समस्या सिर दर्द बनती जा रही हैं कई बार आग बबूला होकर लोग एक दुसरे पर चिल्लाने, लड़ाई झगड़े करने लगते हैं. इस समस्या के सार्वभौमिक समाधान के लिए सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या में कटौती करना भी आवश्यक हैं जिससे ट्रैफिक की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता हैं.