आई यू आई का अर्थ इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन है यह पुरुष बांझपन की समस्या के लिए एक सफल इलाज है। आई यू आई प्रक्रिया की मदद से कई दम्पत्तियों को माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ हैं। लेकिन आई यू आई के बाद रखनी पड़ती है कुछ सावधानियां।
- आई यू आई के बाद सावधानी क्यों रखनी पड़ती है?
- आई यू आई के बाद क्या करना चाहिए?
- आई यू आई के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
- आई यू आई के बाद सावधानी ज़रूरी है
- आई यू आई उपचार के लिए मेडीकवर फर्टिलिटी एक क्लिनिक है।
- आई यू आई के क्या खाना चाहिए?
- आई यू आई के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें?
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आई यू आई के बाद सावधानी क्यों रखनी पड़ती है? (IUI Ke Baad Savdhani)
बच्चा चाहे प्राकृतिक रूप से हो या अन्य किसी उपचार के ज़रिए हो, ख्याल रखना ज़रूरी है। बच्चे का विकास होता तो माता के गर्भाशय में ही हैं और ज़रा सी लापरवाही आपको या होने वाले बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।
आई यू आई के बाद क्या करना चाहिए? (IUI Ke Baad Kya Karna Chahiye)
- 3 से 4 लीटर तक पानी ज़रूर पीना चाहिए।
- शुरुआती दिनों में ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए।
- तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए जैसे कि जूस, नारियलपानी आदि।
- अपने आहार में मौसमी फल(Seasonal Fruits) और सब्जियों को शामिल कीजिए।
- योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए।
- तनाव को अपने आप से दूर रखें। यदि कोई परेशानी हो तो ध्यान (Meditation) कीजिए। इससे मन को शांति मिलेगी।
- डॉक्टर की बताई गई दवाइयों का सेवन समय पर कीजिए।
- दूध का सेवन कीजिए। यदि किसी को दूध से एलर्जी है तो दूध में प्रोटीन डालकर सेवन कीजिए।
आई यू आई के बाद क्या नहीं करना चाहिए?
- भारी सामान न उठाए।
- जिम को छोड़ दीजिए।
- जंक फ़ूड(बाहर का खाना) का सेवन छोड़ दीजिए।
- किसी मशीन यानि कंप्यूटर, लैपटॉप के इस्तेमाल से बचें।
- कोशिश करें कि शुरूआती दिनों पर यातायात न करें।
- बुखार-जुकाम होने पर अपने डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी दवाई का सेवन न करें।
- किसी भी तरह के नशे के सेवन से दूर रहें।
- चाय-कॉफ़ी का सेवन न करें। इनके सेवन से शरीर में कैफीन (Caffeine) जाता है जो गर्भवती महिला के लिए सही नहीं है।
आई यू आई के बाद सावधानी ज़रूरी है (IUI Ke Baad Savdhani in Hindi)
आई यू आई करवाने के बाद कुछ सावधानियां बर्तनी होती हैं क्योंकि आई यू आई के बाद महिला गर्भधारण कर लेती है। एक प्राकृतिक गर्भावस्था में जिन बातों का ख्याल रखना होता है, उसी तरह आई यू आई गर्भावस्था में उन्हीं बातों का ख्याल रखना होता है। उसकी ज़रा-सी लापरवाही होने वाले बच्चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बताई गई बातों का ध्यान रखें।
आई यू आई की सफल कहानी
आई यू आई उपचार के लिए मेडीकवर फर्टिलिटी एक क्लिनिक है।कई कोशिशों के बाद भी मेरा गर्भधारण नहीं हुआ था। शादी के 5 साल तक भी हमर कोई बच्चा नहीं हुआ तो मैंने अपनी सभी उमीदे छोड़ दी थी। फिर एक दिन इंटरनेट से मेडिकवर फर्टिलिटी के बारे में पता चला।
उसके बाद हम अगले दिन वहाँ गए और डॉक्टर्स से मिले। डॉक्टर ने कुछ टेस्ट करवाएं जिसके बाद उन्होंने हमें आई यू आई करवाने की सलाह दी।
हमारी सहमति के साथ उन्होंने हमारा इलाज शुरू किया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया की आई यू आई के बाद क्या सावधानिया रखनी है। इलाज सफल हुआ और मेरा गर्भधारण हो गया। इतने सालों का मेरा माँ बनने का सपना मेडिकवर फर्टिलिटी ने पूरा किया। मेडिकवर फर्टिलिटी को मेरी ओर से दिल से धन्यवाद!
मेडीकवर फर्टिलिटी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक है। यहाँ के आधुनिक उपकरणों से जाँच की प्रक्रिया की जाती है।
मेडीकवर फर्टिलिटी ने आई यू आई के कई सफल ट्रीटमेंट किए हैं जिनसे कई लोगों को माता-पिता बनने का सुख मिला है। साथ ही यहाँ आपकी जानकारी पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाती है। यदि आपको इस विषय से सबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस नंबर पर +917862800700 संपर्क कर सकते हैं।
FAQs
प्रश्न: आई यू आई के क्या खाना चाहिए? (IUI Ke Baad Kya Khana Chahiye)उत्तर: आई यू आई के बाद आप साधारण भोजन खा सकती है। कोई विशेष प्रकार के परहेज की ज़रूरत नहीं होती है लेकिन कोशिश करें आप संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
प्रश्न: आई यू आई के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें? (IUI Ke Kitne Din Baad Pregnancy Test Kare in Hindi)उत्तर: आई यू आई के करीब 14 से 16 दिन के बाद टेस्ट कर सकती हैं। आपके डॉक्टर आपको बताएंगे की कब टेस्ट किया जाना चाहिए।
References:
//www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3017328/
//academic.oup.com/humupd/article/24/3/300/4858544
आईयूआई के बाद सावधानी और इंप्लानटेशन (भ्रूण प्रत्यारोपण) के लक्षण
Symptoms of embryo implantation after IUI in hindi
IUI ke baad bhrun pratyaropan (implantation) ke lakshan in hindi
- जब कोई महिला गर्भधारण करने असफल होती है तो आईयूआई का सहारा लिया जाता है।
- इसमें शुक्राणुओं को कृत्रिम तरीके से महिला के गर्भ तक पहुंचाया जाता है।
- 35 की उम्र के पहले आईयूआई की सफलता (IUI success rate) की संभावना ज़्यादा होती है, उसके बाद ये कम हो जाती है।
गर्भधारण की समस्या से जूझ रहीं महिलाओं को गर्भधारण के लिए आईयूआई (IUI) की तकनीक का सहारा लेना पड़ता है। यह महिला बांझपन में अपनाये जाने वाले विकल्पों मे से एक है। आईयूआई को इंट्रा यूटेरियन इनसेमिनेशन (IUI) भी कहा जाता है। आईयूआई में भ्रूण को कृत्रिम तरीके (artificially) से स्थानांतरित किया जाता है, ऐसे में इस प्रक्रिया के बाद भ्रूण सही से स्थानांतरित हुआ है या नहीं यह पता लगाना बहुत ज़रूरी होता है।
IUI के बाद भ्रूण का प्रत्यारोप (embryo implantation) एक सफल गर्भावस्था होने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। IUI के बाद सफल आरोपण के संकेत मुख्य रूप से महिला के शरीर में ऐंठन (cramping) और स्पॉटिंग (spotting) होता हैं। आईयूआई प्रक्रिया के बाद भ्रूण आरोपण के लक्षणों को समझने के लिए आपको अपने बांझपन विशेषज्ञ से परामर्श करने की आवश्यकता होती है। इस लेख में हम एम्ब्र्यो इंप्लानटेशन (embryo implantation) से जुड़ी
जानकारियाँ जैसे की आईयूआई के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए आदि के बारे में विस्तार पूर्वक बात करेंगे।
आईयूआई यानी इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन या आईयूआई क्या है?
What is Intrauterine insemination or IUI? in hindi
IUI Kya Hai
आईयूआई तकनीक का इस्तेमाल तब किया जाता है जब पुरुषों में फर्टिलिटी की समस्या हो या फ़िर महिला सिंगल हो। इस तकनीक में पुरुष के स्पर्म को महिला के ओव्यूलेशन के दौरान प्लास्टिक की पतली कैथेटर ट्यूब (cathetor tube) के द्वारा गर्भाशय में अंडों के पास डाला जाता है।[1] यह तकनीक कुदरती प्रजनन की तरह ही है। फ़र्क बस इतना है कि इस तकनीक की मदद से स्पर्म (शुक्राणुओं) को अंडे तक पहुंचाने के लिए कृत्रिम तरीके का सहारा लिया जाता है। [2] कुछ मामलों में गर्भधारण की संभावना बढ़ाने के लिए उन्हें दवाइयां भी दी जाती हैं। आईयूआई तकनीक का इस्तेमाल वही महिला कर सकती हैं जिनका फैलोपियन ट्यूब सामान्य हो और उसमे कोई ब्लॉक न हो या रूकावट न हो।
आईयूआई के बाद किन बातों का रखें ध्यान?
What precautions to be taken after IUI Treatment? in hindi
IUI ke baad kin baaton ka rakhe dhyan, iui ke baad savdhani in hindi
आईयूआई प्रक्रिया के बाद गर्भधारण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में कई तरह के बदलाव लाने होंगें। आईयूआई (IUI) प्रक्रिया के बाद प्रेगनेंसी की सफलता के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए :
- शुक्राणुओं को गर्भाशय में ट्रांसफर करने के बाद करीब 20-30 मिनट तक आराम करें। [3]
- आईयूआई प्रक्रिया या भ्रूण ट्रांसफर के बाद करीब 48 घंटे तक शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
- करीब 48 घंटे तक स्विमिंग भी न करें, साथ ही भारी सामान न उठाएं, बहुत ज़्यादा शारीरिक श्रम से बचें।
- यदि पेट में दर्द होता है, तो अपनी तरफ से कोई भी दवा न लें, डॉक्टर से सलाह के बाद ही दवा लें।
- इस प्रक्रिया के तुरंत बाद गर्भधारण नहीं हो सकता। इसमें करीब 15 दिनों का समय लगता है इसलिए गर्भधारण के बारे में ज्यादा न सोचें।
आईयूआई के ट्रीटमेंट के दौरान ओव्यूलेशन की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है और भ्रूण को विकसित होने में थोड़ा समय लगता है। इसके अलावा शरीर में हार्मोन के
बदलाव में भी समय लगता है। इसके बाद ही जांच करने पर प्रेगनेंसी के बारे में पता चलेगा। तकरीबन दो हफ्ते के बाद ही परीक्षण कराने पर सही नतीजा आएगा। भ्रूण को विकसित होकर गर्भाशय में प्रत्यारोपित होने के लिए डॉक्टर हार्मोंस की दवा दे सकते हैं।
आईयूआई ट्रीटमेंट के बाद के लक्षण
Symptoms of IUI Treatmentin hindi
IUI ke bad hone vale lakshan
आईयूआई प्रक्रिया के बाद महसूस होने वाले कुछ लक्षण निम्न हैं :
- इस प्रक्रिया के बाद महिलाओं को वेजाइनल डिस्चार्ज (योनि से स्राव) होता है, लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि यह आईयूआई प्रक्रिया के कारण होने वाला रिसाव नहीं है।
- यह स्राव गर्भाशय ग्रीवा बलगम होता है, जो आईयूआई प्रक्रिया के दौरान अव्यवस्थित हो गया होता है।
- मामूली स्पॉटिंग का अनुभव होता है, जो सामान्य है। [4]
- कुछ महिलाओं को आईयूआई के बाद कुछ दिनों तक हल्की ऐंठन और बेचैनी का अनुभव होता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, बस आपको थोड़ा आराम की ज़रूरत है और ऐंठन से राहत के लिए आप दर्द निवारक दवा भी ले सकती हैं।
सूजन, रक्तस्राव या ज़्यादा दर्द होने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, क्योंकि यह संक्रमण या किसी अन्य गंभीर समस्या की वजह से हो सकता है।
आईयूआई के बाद क्या खाना चाहिए?
What Should you eat after IUI? in hindi
IUI ke baad kya khana chahiye
आईयूआई के बाद अपने खान-पान में ये बदलाव लायें :
- अधिक मात्रा में पानी पिएं (रोज़ाना लगभग तीन से चार लीटर)
- फलों के जूस और सब्जियों के सूप का सेवन करें। [5]
- रोज़ाना दूध का सेवन करें, यदि आपको दूध से एलर्जी है तो डॉक्टर की सलाह लें।
- हरी सब्जियां जैसे कि पालक, मेथी, तोरी आदि खाएं।
- रोज़ाना दो से तीन फलों का सेवन करें।
आईयूआई के बाद भ्रूण प्रत्यारोपण होने के लिए कितना समय लगता है
How long does it take for embryo transplantation after IUI in hindi
IUI ke bad brun implantation ke liye kitna samay lagta hai in hindi
आईयूआई iui की प्रक्रिया करते वक्त यह ध्यान में रखा जाता है की महिला कब ओवुलेशन करती है इस समय को सुनिश्चित किया जाता है। लेकिन कभी-कभी,महिला नियमित रूप से ओवुलेशन (ovulation) नहीं करती है, तब उन महिलाओं का आईयूआई(iui) उसके प्राकृतिक मासिक चक्रों के पास किया जा सकता है। कई मामलों में, अंडाशय को उत्तेजित करने और ओव्यूलेशन को ट्रिगर करने के लिए फर्टिलिटी ड्रग (fertility drug) की छोटी खुराक का उपयोग समय को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। गर्भाधान की घड़ी ( conception clock) ओव्यूलेशन से शुरू होती है क्योंकि एक अंडा निषेचन के लिए केवल 12 से 24 घंटे तक ही उपलब्ध होता है। शुक्राणु और अंडे का मिलन इसी फर्टाइल फेज़ (fertile phase) के भीतर होना महत्वपूर्ण है। अगला कदम निषेचित अंडे को गर्भाशय के अस्तर में प्रत्यारोपित (impant) करना होता है। इसमें 3 से 12 दिन तक का समय लग सकता है। आमतौर पर, 45% महिलाओं में आरोपण (implantation) 9 वें दिन होता है जो ओव्यूलेशन के बाद गर्भ धारण करती हैं।
आईयूआई में शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने में कितना समय लगता है?
How much time do sperm take to reach egg during IUI treatment? in hindi
IUI me shukranu ko ande tak pahuchne me kitna samay lgta hai
प्रेगनेंसी (pregnancy) की शुरुआत ही ओवुलेशन प्रक्रिया के साथ शुरू होती है। इसके बाद अंडा अगले 12 से 24 घंटों तक निषेचन (फर्टिलाइज़) के लिए सक्रिय रहता है। निषेचन के लिए अंडे और शुक्राणुओं (स्पर्म) को इसी दौरान मिलना जरूरी है। इसके बाद एग फर्टिलाइज़ होकर गर्भाशय के साथ जाकर जुड़ जाता है।
क्या आईयूआई में गर्भपात की आशंका रहती है?
Is there any possibility of abortion in IUI? in hindi
kya IUI me garbhpat ki aashanka rahti hai
कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि क्या इस प्रक्रिया में भी गर्भपात की संभावना रहती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि आपको पहले से ही प्रजनन से जुड़ी कोई समस्या है, तो डॉक्टर आपको ओव्यूलेशन की प्रक्रिया तेज़ करने की दवा दे सकते हैं। इस वजह से कई बार गर्भ में एक से अधिक भ्रूण ठहरने का ख़तरा रहता है, जो आगे चलकर गर्भपात का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष
Conclusionin hindi
Nishkarsh
कोई भी वैज्ञानिक तकनीक गर्भधारण की 100 फीसदी गारंटी नहीं देती। दरअसल, इन प्रक्रियाओं के बाद कुछ सावधानियां बरतनी होती है और डॉक्टर की सलाह पर अमल करना होता उसके बाद परीक्षण के ज़रिए पता चलता है कि भ्रूण को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया सफल हुई है या नहीं।
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Dr. Neeraj Pahlajani
Gynecologist | ranchi
डॉ. नीरज पहलजानी को आईवीएफ विशेषज्ञ के क्षेत्र में दिग्गजों में गिना जाता है और उनके पास 17 वर्षों का समग्र अनुभव है। उन्हें बांझपन के उपचार के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त है और उन्होंने जर्मनी से रिप्रोडक्टिव मेडिसीन में डिप्लोमा किया है और यू.एस.ए से आईवीएफ एंड एम्ब्रियोलॉजी में फ़ेलोशिप का भी कोर्स किया है। आश्चर्यजनक सफलता दर के साथ, वह पहलजानी आई.वी.एफ इंडिया की प्रबंध निदेशक हैं, जिसके भारत के विभिन्न प्रमुख शहरों में 4 आईवीएफ केंद्र हैं।
आर्टिकल की आख़िरी अपडेट तिथि: : 14 Jul 2020
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