9 बटा 11 की घटना के लिए कौन जिम्मेदार माना जाता है? - 9 bata 11 kee ghatana ke lie kaun jimmedaar maana jaata hai?

इंटरनेशनल डेस्क। 11 सितंबर का दिन दुनिया में सबसे बड़ी आंतकी घटना के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। आज ही के दिन अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और पेंटागन पर आतंकी हमला किया गया था। हमले में 2983 लोग मारे गए थे। इसके पीछे अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का हाथ माना गया।

हालांकि, मई 2011 में ओसामा बिन लादेन का खात्मा कर अमेरिका ने हजारों अमेरिकी और विदेशी नागरिकों की मौत का बदला ले लिया था, लेकिन आज भी इन आतंकी हमले पर कई सवाल खड़े किए जाते हैं।

कई लोगों का मानना है कि ये हमले महज अमेरिकी साजिश का नतीजा थे। उसने बहुत ही लापरवाही बरतते हुए इन हमलों को होने दिया, क्योंकि वह इससे एक साथ कई निशाने साधना चाहता था।

आगे की स्लाइड्स में जानें, 9/11 हमले से जुड़ी ऐसी कुछ थ्योरीज के बारे में...

वॉशिंगटन
तारीख 11 सितंबर 2001, दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स के लिए वह दिन आम दिनों जैसा था। वॉशिंगटन डीसी से करीब एक हजार मील दूर फ्लोरिडा के एक स्कूल में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश का कार्यक्रम था। बुश और बच्चों के बीच खुशनुमा संवाद शुरू होने वाला था। क्लास में दाखिल होने से ठीक पहले वाइट हाउस के तत्कालीन चीफ ऑफ स्टाफ एंडी कार्ड आते हैं और बुश के कान में कुछ फुसफुसाते हैं। बुश निश्चिंत हो जाते हैं। सब कुछ पहले की रफ्तार से चलने लगता है। क्लास में बच्चों से संवाद का सिलसिला चल पड़ता है। कुछ ही देर बाद चेहरे पर तैर रही बेचैनी को छिपाए कार्ड फिर क्लास में दाखिल होते हैं। इस बार वह बुश के कान में बेहद नाप-तौल कर 11 शब्द कहते हैं। किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति के दिमान को सुन्न कर देने वाले 11 शब्द। बुश की आंखों में खौफ और क्रोध का मानों जलजला सा फूट पड़ता है।

चार कमर्शियल विमान बने मिसाइल

एंड्रयू कार्ड उस दिन को याद करते हुए कहते हैं कि उस घटना ने सभी को 'एकजुट' कर दिया। उस दिन न ही कोई रिपब्लिकन था, न डेमोक्रेट, सभी अमेरिकी थे। करीब दो दशक पहले 11 सितंबर की सुबह अल-कायदा के 19 आतंकवादियों ने अमेरिका की दो सबसे ऊंची इमारतों पर हमला करने के इरादे से कैलिफोर्निया जाने वाली चार कमर्शियल फ्लाइट्स को हाईजैक कर लिया था। आतंकियों ने इन विमानों का इस्तेमाल मिसाइल की तरह किया गया। दो विमानों ने न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की दो इमारतों और एक विमान ने अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन को निशाना बनाया। एक चौथा विमान अपने टारगेट से पहले ही पेन्सिलवेनिया के एक खेत में गिर गया। इस आतंकी हमले में करीब 3000 लोग मारे गए थे और असंख्य लोग घायल हुए।

क्या थे वे 11 ऐतिहासिक शब्द

पहले प्लेन के टकराने के बाद बुश और फ्लोरिडा के उस स्कूल में मौजूद उनके स्टाफ ने स्थिति की गंभीरता का अंदाजा नहीं लगाया। लेकिन जब कार्ड को दूसरे प्लेन के टकराने की सूचना मिली तब उन्हें समझ आया कि यह कोई 'दुर्घटना' नहीं बल्कि आतंकवादी हमला है। उन्हें पता था कि बच्चों के बीच बैठे बुश उनसे बात नहीं कर पाएंगे लेकिन उन्हें इस बारे में सूचित किया जाना बेहद जरूरी था। उन्हें पता था कि वह बुश को क्या बताने जा रहे हैं, उन्होंने क्लास का दरवाजा खोला, बुश के पास गए और झुककर उनके काम में बोला, 'A second plane hit the second tower America is under attack' यानी 'एक दूसरा प्लेन दूसरे टॉवर से टकरा गया है अमेरिका पर हमला हुआ है।'

उस दिन पता चला राष्ट्रपति होने का 'बोझ'

कार्ड MSNBC से बात करते हुए कहते हैं, 'यह बोलकर मैं पीछे हट गया। मैंने उन्हें बेहद असाधारण मैसेज दिया था। यह एक ऐतिहासिक मैसेज होने वाला था। मैं जानता था कि वह ऐसी जगह मौजूद हैं जहां वह चाहकर भी सवाल नहीं पूछ पाएंगे लेकिन मुझे उम्मीद थी कि वह समझ जाएंगे कि एक राष्ट्रपति के तौर पर अब उन्हें क्या करना है।' कार्ड ने कहा, 'मुझे लगता है कि उस दिन बुश को राष्ट्रपति होने के असल बोझ का अहसास हुआ।' आज उस हमले को करीब 20 साल हो चुके हैं। न्यूयॉर्क में बने 9/11 मेमोरियल में कुल 2983 लोगों के नाम लिखे हुए हैं, जिन्होंने इस हमले में अपनी जान गंवाई। इस हमले ने न सिर्फ अमेरिका के वर्तमान को चोट पहुंचाई बल्कि उसके आने वाले कल को भी बदल दिया। करीब 100 बच्चे जो हमले के वक्त अपनी मां के पेट में थे, कई महीनों बाद जब पैदा हुए तो अपने पिता को खो चुके थे। लोग अपने परिजनों को बिल्डिंग से कूदकर मरता हुआ देख रहे थे लेकिन वे कुछ नहीं कर सकते थे, हालांकि अमेरिका तब तक बदला लेने की सोच चुका था।

अमेरिका ने लिया हमले का बदला

इस हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी सबसे बड़ी जंग की शुरुआत की। बड़ी संख्या में नाटो सैनिक अफगानिस्तान में उतार दिए गए। इसमें अमेरिका सैनिक भी थे जो स्थानीय सैन्य बल की मदद और हवाई हमलों को अंजाम दे रहे थे और तुर्की के सैनिक भी थे जो आतंकियों पर कार्रवाई करने से बच रहे थे। अफगानिस्तान में तब तालिबान का राज था और जनता त्राहि-त्राहि कर रही थी। कुछ ही महीनों में सैनिकों ने तालिबान को सत्ता से उखाड़ फेंका। अमेरिका को लगा कि तालिबान खत्म हो चुका है लेकिन तालिबान दरअसल अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में सिमट गया और छिप गया। 2001 के इस घटनाक्रम के बाद 2011 में अमेरिका ने एक लंबे ऑपरेशन के बाद ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। अमेरिकी इतिहास के सबसे भयानक हमले के पीछे लादेन ही मुख्य चेहरा था इसलिए अमेरिका ने दावा किया कि उसने 9/11 हमले का बदला ले लिया है।

क्या सब कुछ 20 साल पहले जैसा?

यही दावा अमेरिका ने 2021 में फिर एक बार दोहराया। जब उसने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी की घोषणा की। अमेरिका की इस घोषणा के बाद आज सब कुछ 20 साल पीछे जाता दिख रहा है। अफगानिस्तान में तालिबान सरकार है जैसे 20 साल पहले थी, सभी देश आतंकवाद के खतरे को लेकर एक बार फिर सजग हो गए हैं, और अमेरिकी सैनिक भारी भरकम सैन्य बल, पैसा और उपकरण अफगानिस्तान में झोंककर वापस अपने मुल्क लौट चुके हैं, तो क्या बदला? 9/11 हमले के पीड़ित, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना सब कुछ गंवा चुके सैनिक और उनके परिजन और तालिबान से प्रताड़ित अफगान जनता आज खुद को हारा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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9 11 की घटना के लिए कौन जिम्मेदार माना जाता है?

11 सितंबर के हमले (जिन्हें अक्सर सितम्बर 11 या 9/11 कहा जाता है) 11 सितम्बर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर अल-क़ायदा द्वारा समन्वित आत्मघाती हमलों की एक श्रंखला थी। उस दिन सबेरे, 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक यात्री जेट वायुयानों का अपहरण कर लिया।

9 11 की घटना अमेरिका के लिए क्या स्थान रखती है?

9/11 Attack Anniversery: 11 सितंबर 2001 का दिन शायद ही कोई भूला होगा. इसी दिन दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका पर घातक आतंकी हमला हुआ था. आतंकियों ने न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को अपना निशाना बनाया था. इस हमले में करीब 3 हजार लोगों की जान चली गई थी.

9 11 की घटना से क्या समझते हैं?

11 सितंबर, 2001 को मंगलवार का दिन था. दुनिया का सबसे ख़तरनाक चरमपंथी हमला इसी दिन हुआ था. चरमपंथियों ने दो अमेरिकी यात्री विमानों को न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड टॉवर की दो गगनचुंबी इमारतों से टकराया था. इस हादसे में हज़ारों लोगों की मौत हुई थी.

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