जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। वैलेंटाइन डे प्रतिवर्ष 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है? इस दिन का इतिहास क्या है? ऐसे अनेक प्रश्न हमारे मन में उठते हैं। दुर्भाग्य से, इनमें से किसी भी प्रश्न का कोई सही उत्तर उपलब्ध नहीं है। वैलेंटाइन डे के इतिहास को विभिन्न वेबसाइट पर विविध रूपों में प्रस्तुत किया गया है। यूरोप में अभी भी अस्पष्टता है कि वास्तव में किस व्यक्ति के नाम से वेलेंटाइन डे प्रारंभ हुआ।
Jamshedpur: गरीब छात्रों का मसीहा बना रेलकर्मी, अब तक 200 से अधिक युवाओं को दिलावा चुके हैं सरकारी नौकरी
यह भी पढ़ेंहिंदू जनजागृति समिति के पूर्वी व पूर्वाेत्तर भारत के समन्वयक शंभू गवारे कहते हैं कि जिस प्रकार एक जनवरी का कोई सामाजिक, धार्मिक, पारिवारिक, वैज्ञानिक या आध्यात्मिक कारण न होते हुए भी उसे मनाया जाता है, उसी प्रकार वेलेंटाइन डे के संदर्भ में भी है। इस दिन देशद्रोही वेलेंटाइन को उसके राष्ट्र विरोधी कृत्यों के लिए फांसी दी गई थी। तीसरी शताब्दी में रोम में वैलेंटाइन नाम का एक पादरी था।
Jamshedpur Crime: जुगसलाई में गोदाम से लाखों का सामान गायब, पांच कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज
यह भी पढ़ेंउस समय के राजा क्लॉडियस द्वितीय के आदेश की अवहेलना करने के कारण राजा ने वेलेंटाइन को मारने का आदेश दिया था। वास्तव में वेलेंटाइन डे ईसाई धर्म से जुड़ा हुआ है। इस दिन को मनाकर हम एक प्रकार से वैचारिक धर्मांतरण ही करते हैं। 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के अवसर पर 'वेलेंटाइन डे' की वास्तविकता क्या है? क्या सच में वैलेंटाइन डे मनाया जाना चाहिए? आइए इस लेख के माध्यम से यह जानने का प्रयास करते हैं।
धालभूमगढ़ वन क्षेत्र में घूम रहा 15 हाथियों का झुंड, किसानों की फसलों को कर रहा बरबाद, डर के माहौल में ग्रामीण
यह भी पढ़ेंईसाई धर्म से जुड़ा वेलेंटाइन डे
हिंदू धर्म में प्रेम को व्यक्त करने का कभी भी विरोध नहीं हुआ है। हिंदू धर्म में मानसिक स्तर के प्रेम से कहीं आगे आध्यात्मिक स्तर के प्रेम (निरपेक्ष प्रेम) को श्रेष्ठ माना जाता है। प्रेम-भाव के बिना प्रीति का गुण विकसित नहीं हो सकता, तो हिंदू धर्म प्रेम का विरोध कैसे करेगा? वैलेंटाइन डे ईसाई पंथ से जुड़ा है। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले सभी त्योहारों का आध्यात्मिक और वैज्ञानिक आधार है, उदाहरण स्वरूप दशहरा, दीपावली, गणेश चतुर्थी, रामनवमी आदि त्योहारों का महत्व यही बताता है। इस दिन उन देवताओं का तत्व पृथ्वी पर अधिक प्रमाण में आता है, इसलिए सभी को उसका लाभ होता है। हिंदू धर्म के संतों के पुण्यतिथि के दिन उन उन संतों का तत्व सभी को मिलता हैं। वैलेंटाइन डे, मदर्स डे, फादर्स डे, फ्रेंडशिप डे, यह पाश्चात्य विचार हैं। इसलिए ऐसे दिन को मनाना देश को आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक नुकसान पहुंचाना है।
Jamshedpur: सुरदा माइंस में जारी गतिरोध नए साल में पहली जनवरी से समाप्त, त्रिपक्षीय वार्ता में रास्ता हुआ साफ
वेलेंटाइन डे के पीछे का छिपा हुआ अर्थ कारण
पश्चिमी लोगों को भी आश्चर्य होगा, भारत में 7 फरवरी से 14 फरवरी तक रोज डे, प्रपोज डे, चाकलेट डे, टेडी डे, प्रोमिस डे, किस डे और वैलेंटाइन डे ऐसे दिन एक के बाद एक मनाए जाते है। ऐसे दिन विदेशों में भी नहीं मनाए जाते। वेलेंटाइन डे पर चाकलेट, खिलौने, भेंट वस्तुओं की बड़ी मात्रा में बिक्री होती हैं और विदेशी प्रतिष्ठान इसका लाभ उठाते हैं। भारत में वैलेंटाइन्स डे ग्रीटिंग कार्ड की बिक्री करने वाली कंपनी आर्चीज की बिक्री 10 गुना बढ़ती है। इस दौरान ग्रीटिंग कार्ड बनाने वाले प्रतिष्ठानों का बड़ा कारोबार होता है। इसलिए इन वस्तुओं को खरीदकर हम विदेशी प्रतिष्ठानों को अरबों रुपये का लाभ कमा कर दे रहे हैं। इसलिए वैलेंटाइन डे के पीछे छुपे हुए अर्थकारण को समझना बहुत आवश्यक है।
Jamshedpur News : मोटरसाइकिल की सीधी भिड़ंत में दो की मौत, अस्पताल ले जाते समय तोड़ा दम
यह भी पढ़ेंयुवा पीढ़ी को अयोग्य मार्ग पर ले जाने का षडयंत्र
आज के समय में अधिक से अधिक लड़के-लड़कियां वैलेंटाइन डे मना रहे हैं। एक सर्वे के अनुसार 30 प्रतिशत से अधिक लड़के इस दिन को लड़कियों के साथ लैंगिक संबंध रखने के लिए मनाते हैं। गर्भनिरोधक निर्माता के अनुसार अन्य दिनों की तुलना में इस दिन गर्भनिरोधक की बिक्री अधिक होती है। हालांकि, यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि इस दिन अविवाहित लड़के और लड़कियां लैंगिक संबंध रखते हैं। इस कालावधि में गर्भपात का प्रमाण भी अधिक होता है, ऐसे ध्यान में आया है। इस से इस दिन की भयावहता हमारे ध्यान में आती है।
कुड़मी को आदिवासी का दर्जा देने की मांग करने के कारण मेरी जान को खतरा, राजनीति से ले सकता हुं संन्यास : बेसरा
यह भी पढ़ेंसुसाइड हेल्पलाइन पर आते हैं सबसे अधिक फोन कॉल
इंटरनेशनल बिजनेस टाइम दैनिक के अनुसार वैलेंटाइन्स डे के दिन सुसाइड हेल्पलाइन पर सबसे अधिक कॉल आती हैं। इसके पीछे का कारण वैलेंटाइन्स डे पर मन के अनुसार प्यार न मिल पाना, इस कारण निर्माण होने वाला अकेलापन और टूटी हुई मानसिकता है। देश-विदेश के बहुत से लोग भारतीय संस्कृति का अभ्यास करके सुख-शांति का अनुभव कर रहे हैं; परंतु, भारत में युवा पीढ़ी अशांति, दुर्व्यवहार और एड्स का शिकार हो रही है, क्योंकि वे इस 'वेलेंटाइन डे' जैसी पश्चिमी संस्कृति का आचरण करके स्वयं को धन्य मानती हैं। यह हमारे देश की अच्छी और युवा पीढ़ी को गुमराह करने का एक षड्यंत्र है, वेलेंटाइन डे की पश्चिमी विकृति पर अंकुश लगाने और भारतीय संस्कृति का संवर्धन हो, इसलिए इस दिन के विरोध में युद्ध स्तर पर प्रचार और प्रसार करने की आवश्यकता है। यदि आप वास्तव में प्रेम को अनुभव करना चाहते हैं, तो आपको हमारे क्रांतिकारी, परमवीर चक्रधारी सैनिक, आतंकवादियों को मारने वाले पुलिस, कमांडो इनसे प्रेम करना सीखना होगा। यहीं से वेलेंटाइन डे को भारत से स्थायी रूप से हटाने के लिए प्रेरणा मिलेगी। यह आज के समय की आवश्यकता है।