विषयसूची
कच्चे सकोरा का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकें(घ) ‘कच्चे सकोरे’ का क्या अर्थ है? (क) कवयित्री ने जीवन जीने के साधनों को क्या कहा और उत्तर : ‘कच्चे सकोरे’ का अर्थ है मिट्टी का बरतन इसका प्रयोग क्यों? नश्वर मानव-जीवन के लिए किया गया है। उत्तर : कवयित्री ने जीवन जीने के साधनों को कच्चे धागे की रस्सी (ङ) भवसागर में कौन-सा अलकार है?
कच्चे सकोरे कहकर कवि क्या स्पष्ट करना चाहता है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तरः कवयित्री ने कच्चे सकोरे का उदाहरण देकर यह बताया है कि मेरे प्रयास इसलिए व्यर्थ हैं क्योंकि मेरी साधना अभी परिपक्व नहीं है। न खाकर, बनेगा अहंकारी। खुलेगी साँकल बंद द्वार की। प्रश्न (क) खा-खाकर कुछ नहीं प्राप्त होने का भाव स्पष्ट कीजिए।
गई न सीधी राह से क्या अभिप्राय है?
इसे सुनेंरोकें’गई न सीधी राह’ से यह तात्पर्य है कि कवयित्री ने भक्ति के सरल ईश्वर से है। मार्ग पर चलने के बजाय हठयोग का जटिल मार्ग अपनाया और वह अथवा – उस मार्ग पर चल पड़ी, जो सीधा मार्ग नहीं था।
पानी टपके कच्चे सकोरे पंक्ति का अर्थ क्या?
इसे सुनेंरोकेंपानी टपके कच्चे सकोरे से कवयित्री का आशय यह है कि मानवीय शरीर धीरे-धीरे कच्चे सकोरे की तरह कमजोर हो रहा है और एक दिन वह नष्ट हो जाएगा। जिस प्रकार कच्चे सकोरे से धीरे-धीरे पानी टपकने से वह नष्ट हो जाता है, उसी प्रकार उसका शरीर भी धीरे-धीरे अपनी निश्चित आयु को प्राप्त हो कमजोर हो रहा है।
पानी टपके कच्चे सकोरे पंक्ति का क्या अर्थ है?
इसे सुनेंरोकेंपानी टपके कच्चे सकोरे, व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे। जी में उठती रह-रह हूक,घर जाने की चाह है घेरे।। भावार्थ :- कवयित्री ने इन पंक्तियों में अपने इंतज़ार और प्रयास का वर्णन किया है कि कब उनका मिलन परमात्मा से हो पाएगा। जिस तरह कच्चे घड़े से पानी टपक-टपक कर कम होता जाता है, उसी तरह कवयित्री का जीवन भी कम होता जा रहा है।
ललद्यद के लिए साहब कौन हैं?
इसे सुनेंरोकेंकवयित्री परमात्मा को साहब मानती है, जो भवसागर से पार करने में समर्थ हैं। वह साहब को पहचानने का यह उपाय बताती है कि मनुष्य को आत्मज्ञानी होना चाहिए। वह अपने विषय में जानकर ही साहब को पहचान सकता है। वाख में ‘रस्सी’ शब्द मनुष्य की साँसों के लिए प्रयुक्त हुआ है।
14 मानसरोवर से कवि का क्या आशय है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: मानसरोवर से कवि का आशय है-मन रूपी पवित्र सरोवर, जिसमें मनुष्य को स्वच्छ विचाररूपी जल भरा है। इस स्वच्छ जल में जीवात्मा रूप हंस, प्रभु-भक्ति में लीन होकर स्वच्छंद रूप से मुक्तिरूपी मुक्ताफल चुगते हैं। वे मानसरोवर छोड़कर अन्यत्र जाना भी नहीं चाहते हैं।
सुषुम सेतु क्या है यह किसे कहा गया है?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: ‘सुषुम-सेतु’ से तात्पर्य है-हठयोग में सुषुम्ना नाड़ी की साधना। इस कठिन साधना के बाद भी ईश्वर प्राप्ति की निश्चितता नहीं होती।
आई सीधी राह से गई न सीधी राह सुषुम सेतु पर खड़ी थी बीत गया दिन आह जेब टटोली कौड़ी न पाई माझी को दूँ क्या उतराई?
इसे सुनेंरोकेंसुषुम-सेतु पर खड़ी थी, बीत गया दिन आह! ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई। माझी को दूँ, क्या उतराई? भावार्थ :- अपनी इन पंक्तियों में कवयित्री ने मनुष्य द्वारा ईश्वर की प्राप्ति के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर कड़ा प्रहार किया है।
कच्चे सकोरे का क्या अर्थ है class 9?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: कच्चे सकोरे’ का अर्थ है मिट्टी का बरतन इसका प्रयोग नश्वर मानव-जीवन के लिए किया गया है।